थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०१ अगहन २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं ३० कार्तिक २०८२, आईतवार ]
[ 16 Nov 2025, Sunday ]
‘ कबिता ’

मोर साचल खुसी

पहुरा | १४ जेष्ठ २०७९, शनिबार
मोर साचल खुसी

मै साचल खुसि, दुसरके लाग रहल बा
तोहर मिठ मुस्कान उ मोर सम्झना हुइल बा

मही तोहर साथ पैना आस टे रहे
समयसंगे साईनो परिवर्तन कराडेहल
डुर डुर हुइलेसेफे यी मन झस्कैटी रहठ
अतितके उ पल घाउ हस बल्झटी रहठ

जिन्गीक यात्रा यी सारा शरिर घायल पारके
तुहिनहे मै सम्झैले रहु तोहर हितके लाग
तहस नहस हुइल जिन्गी फेर बडल्ना बा
मोर यी यात्राके कठीनाई बारे कहना बा
मै साचल खुसि, दुसरके लाग रहल बा
तोहर मिठ मुस्कान उ मोर सम्झना हुइल बा

दिपायल सिलगढी नगरपालिका वडा नम्बर २ दिपायल, डोटी

जनाअवजको टिप्पणीहरू