मोडालिटीमे अल्झल गेटा मेडिकल कलेज
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २९ जेठ । सुदूरपश्चिम प्रदेशके स्वास्थ्य क्षेत्रमे आमूल परिवर्तन कैना गेटा मेडिकल कलेज मोडालिटीमे अल्झल बा । सरकारसे ढिउर लगानीमे भौतिक पूर्वाधार निर्माण कैलेसे फेन मेडिकल कलेज भर सञ्चालन हुइ नैसेकल हो । सञ्चालन मोडालिटीके अस्रामे रहल बा, इ मेडिकल कलेज । विश्वविद्यालय वा प्रष्ठिानमध्ये कौनो एक मोडलमे इ मेडिकल कलेज सञ्चालन कैना चर्चा रहल बा । मने, कौन मोडेलमे चलैना कहिके प्रारुप तय हुइ नैसेकल हो । एक बरससे प्रारुपके पर्खाइमे रहल बा, गेटा मेडिकल कलेज ।
विश्वविद्यालय वा प्रतिष्ठानमध्ये कौन मोडेलमे चलैना कना तय नैहुइटसम मेडिकल कलेज सञ्चालन कैनामे बाधा पुग्ना जनाइल बा । ‘मोडालिटी नैरही कलेसे पूर्वाधार निर्माण किल हुइ । औरे चीज आघे नैबह्री,’ गेटा मेडिकल कलेज पूर्वाधार विकास समितिके निर्देशक हेमराज पुजारा कहलै । ‘ओहेमारे मेडिकल कलेज सञ्चालनके लाग सबसे पहिले मोडालिटी हुइ परल ।’
मेडिकलके लाग कैलालीके गोदावरी नगरपालिकास्थित गेटामे ढिउर रकम खर्च कैके आवश्यक संरचना बनाइल बा । पहिल चरण अन्तर्गत २५ ठो भवन निर्माण होसेकल बा । जेम्ने अस्पताल, कलेज, प्रशासनिक, कर्मचारी आवास लगायतके भवन रहल बावै । पहिल चरणके काम सम्पन्न होके डुसरा चरणके निर्माण कार्य हुइटी रहल बा ।
भौतिक संरचनाके हिसाबसे पहिल चरणके काम अस्पतालसहित मेडिकल कलेज सञ्चालन करे मिल्ना हुइलेसे फेन मोडालिटी नैबनके ढिला हुइटी रहल पुजारा बटैलै । ‘मोडालिटी हालीसे हाली सुनिश्चितताके लाग हम्रे सरकारहे आग्रह कैटी आइल बाटी,’ उहाँ कहलै, ‘विश्वविद्यालय वा प्रतिष्ठान का बनैना ? ज्या बनैना हो, ओहेसे सम्बन्धित ऐन, कानून बनैना जरुरी बा । तब किल मेडिकल कलेज सञ्चालन हुइ ।’

मोडालिटी तय नैहोके अस्पतालमे आवश्यक पर्ना टमान उपकरण जडानके कार्य आघे बह्रे सेकल नैहो । अपरेशन थिएटर ओ आइसीयु कक्षके लाग हुइ पर्ना उपकरण खरिदसमेत करल नैहो । मेडिकल कलेज सञ्चालनके प्रारुप आइलमे अइसीन उपकरण जडानमे आधा÷एक बरस लागे सेक्ना विकास समितिके ठहर रहल बा ।
‘अस्पतालमे मोडुलार अपरेशन थिएटर बनैना कहले बाटी । ओकर लाग पहिले नै सम्बन्धित विषय विज्ञ स्वास्थ्यकर्मी आवश्यक परे जाइठ्,’ उहाँ कहलै, ‘कतिपय उपकरण विषय विज्ञ हुइलपाछे किल जडान करे सेकजैना हुइल ओरसे मेडिकल कलेज सञ्चालन कैना आभिन समय लागे सेकी ।’ प्रक्रियागत रुपमे जाइबर उपकरण खरिद कैनामे पाँच/छ महिना लागे सेक्ना बटाइल बा ।
इ प्रदेशके नागरिक गेटा मेडिकल कलेज हाली सञ्चालन कैना दबाब डेटी रहल बाटै । मने, अस्पताल भवनभिट्टर उपकरण जडान सम्बन्धीके काम बाँकी रहल बा । ओस्टके, पानी, बिजुली, फोहोर व्यवस्थापनके लाग काम हुइटी रहल बावै । आन्तरिक सडक निर्माणके काम जारी रहल बा । गेटा मेडिकल कलेजके लाग ६÷७ मेगावाटके सव–स्टेशन बनैना आवश्यक रहल जनाइल बा ।
सरकारसे हाली प्रारुप तयार पर्र्ना कार्य करलमे उहोर कानून निर्माण करटसम यता बिजुली, खानेपानी, फोहोर व्यवस्थापनके कार्य पूरा होसकल पुजारा बटैलै । ‘सक्कु चाज हुइलमे मेडिकल कलेज सञ्चालन करे सेकजाइ,’ उहाँ कहलै, ‘मने, अस्पताल किल चलाके नैहुइ ।’
नेपाल सरकारसे २०६६ सालमे गेटा मेडिकल कलेज घोषणा करल रहे । ओकर लाग प्रशासनिक भवन निर्माणके कार्य २०७३ से सुरु करल रहे । आर्थिक बरस २०७८÷७९ से मेडिकल कलेज सञ्चालन कैना लक्ष्यके साथ पूर्वाधार तयार पारल रहे । मने, प्रारुप तय नैहोके कबसे मेडिकल कलेज सञ्चालन हुइना कना यकिन टुंगो लागे सेकल नैहो ।
समितिके अनुसार गेटा मेडिकल कलेजके लाग पूर्वाधार निर्माणमा हालसम पाँच अर्बके हाराहारीमे रुपैयाँ खर्च होसेकल बा । ढिउर रकम खर्च कैके पूर्वाधार बनसेकल मेडिकल कलेजहे हालीसे हाली सञ्चालन करे पर्र्ना सुदूरपश्चिम प्रदेश सभा सदस्य भरतबहादुर खड्का बटैलै ।
‘मेडिकल कलेज बनाजाइ कलेसे तीन बरससम अस्पताल सञ्चालन करलपाछे किल कलेज सञ्चालन करे पाजाइ । मने, प्रतिष्ठानके रुपमे आघे बह्रागैलेसे भर कलेज ओ अस्पतालसंगसंगे हुइ,’ उहाँ कहलै । ‘सुदूरपश्चिमवासीके आतुरता का बा कलेसे अत्रा लगानी होसेकलपाछे हालीसे हाली सञ्चालनमे आइ परल । मै संघीय सरकारके ध्यानाकर्षण करैना चाहटुँ ।’
गेटा मेडिकल कलेज सञ्चालनके लाग दबाब डेना नागरिक स्तरसे आन्दोलन फेन हुइल रहे । उ आन्दोलनमे सहभागी हुइल रविनकान्त पन्त गेटा मेडिकल कलेजहे स्वतन्त्र मेडिकल कलेजके रुपमे सरकारसे सञ्चालन करे पर्ना बटैलै ।
नेपाल सरकारसे आर्थिक बरस २०७९/८० के बजेट भाषणमे सेती ओ महाकाली प्रादेशिक अस्पतालसंग समन्वय कैके गेटा मेडिकल कलेज सम्बन्धित प्रदेशके विश्वविद्यालयके मातहतमे सञ्चालन कैना उल्लेख करल बा ।
मने, गेटा मेडिकल कलेज स्वतन्त्र संस्थाके रुपमे सञ्चालन हुइ पर्ना नागरिक दबाब समूहके जोड रहल बा । गेटा मेडिकल कलेज सञ्चालनके लाग संघीय सरकारसे बजेटमे समेटल बा । ओस्टके, सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे आर्थिक बरस २०७९/८० के नीति तथा कार्यक्रममे गेटा मेडिकल सञ्चालनके लाग संघीय सरकारहे सहयोग कैना उल्लेख करल बा ।


