रानाथारू समुदायसे तीज मनैलै
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १५ सावन । कैलाली, कञ्चनपुरके रानाथारू समुदायसे तीज पर्व मनैले बटै । डिडी–बहिनीयन अपन डाडुभैया भतिज्वके दीर्घायूके लाग व्रत बैठके हर्षोल्लासपूर्वक तीज पर्व मनाइल हुइट । तीज यी समुदायके महिलाके लाग विशेष ओ महान पर्व हो ।
डिडी–बहिनीया अपन डाडुु–भैया ओ भतिज्वाके दीर्घायूके कामना करटी परम्परागत पोषाकमे सजके तीज पर्व मनैना करल कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका–११ वेला गाउँके प्रलाद राना बटैलै ।
राना थारू समुदायसे सावन महिनाभर मनैना सावनके डोला पर्वके क्रममे तीज मनैठै । तीज डिडी–बहिनीयासे मनैना पर्व रहल राना बटैलै । ‘तीज खास करके हमार डिडी–बहिनीया ओ फुईहुक्रे मनैना पर्व हो’ उहाँ कहलै ।
राना थारू समुदायके अगुवाके अनुसार तीजमे महिलाहुक्रे दिनभर पानीफे नइपिके निराहार व्रत बैठना करठै । भोज हुइल महिलाफे यीबेला लैहर अइना करठै ।
साँझके ओइने लडियामे जाके गाँस (चिचिरा) मे गाँठी पारके उहीहे चाँदीके पैसासे कटना करठै । ओसिक काटल गाँसहे लडियामे जाके पुहैना चलन बा । लडियामे गाँस पुगके जटरा टरेसम जाइठ, डाडु भैयकके आयु ओटरा नम्मा हुइना करल परम्परागत विश्वास बा ।
तीजके पूजाके सामग्री ओ गाँस सेला सेकलपाछे रमैटी मीठा–मीठा परिकार खैना चलन बा । घर–घरमे सेमाई, खुजुरिया, गुलगुला, पुरी बनाइल रहठ । यी परिकार खैना, डाडु–भैयनहे खवैना ओ सावनके डोलामे डिडी–बहिनीया ओ संघरिया भैयासंग रमैना तीजके मजा पक्ष रहल धनगढी उपमहानगरपालिका ११ के प्रतिभा राना बटैली ।
लडियामे जासेकलपाछे भोज हुइल महिला गाँसमे ७ ठो गाँठी पारके ओ अविवाहितसे ५ ठो गाँठी पारके लडियामे पुहैना प्रचलन रहल बा, उहाँ कहली, रानाथारू समुदायके महिलाके लाग यी सबसे महान पर्व रहल बटैटी रानाथारुहुक्रे आ–अपन लैहरमे बैठके व्रत बैठके तीज पर्व मनैनाके साथे डाडुभैया ओ भतिजाहुकनके दीर्घायूके कामना करटी महिला डिडी बहिनीयाहुक्रे व्रत बैठना करल ओरसे यिहे भातृत्व प्रेममाया प्रगाढ बनैना करल बटैली ।
रानाथारू बस्तीमे डोला (बल्हा) डारल बा । परम्परागत पोशाकमे सजल रानाथारू समुदायके महिला बल्हा डोल्टी सावनीय परम्परागत गीत गैना करल बटै ।
रानाथारू बसोबास कैना गाउँमे सावन महिनामे सार्वजनिक स्थान सामनके डोला (बल्हा) रख्ना करजाइठ । रानाथारू समुदायमे तीजमे सामूहिक भेला हुइना सार्वजनिक ठाउँमे डाडु भैयासे डिडी–बहिनीयाके लाग बल्हा बनाडेना पुराने चलन बा । बल्हा डोल्ना डिडी–बहिनीयाके उत्साह ठपेक लाग भारी आवाजमे डाडु–भैयासे गीत गैना चलन यी समुदायमे रहल बा ।
रानाथारू समुदायमे तीज और समुदायके तुलनामे बहुट फरक करके मनाइठ । एक महिनासम तीज मनैना यी समुदायमे अंग्नामे बल्हा बनाइल दिनसे तीज सुरु हुइठ । ओसिक बनाइल बल्हाहे सामनके डोला कहठै । बल्हा डरना महिला डिडीबहिनीयाहे डाडुभैयाफे साथ डेठै ।
और समुदायजस्टे रहनसहन, परम्परा, रीतिरिवाज तथा खानपिन ओ कला संस्कृतिमे धनी बटै रानाथारू । हिन्दु धर्मावलम्बीहुक्रे गोसियक दीर्घायु तथा कुवाँरी लउण्डी महादेव जस्टे वर मिले कहिके तीजके ब्रत बैठना धार्मिक मान्यता बा । मने, रानाथारू समुदायमे भर तीजहे फरक तरिकासे मनाजाइठ ।
मजा डुल्हाके लाग गोसियाके दीर्घायुके लाग नइहुके डाडुभैयाके आरोग्यता ओ दीर्घायुके लाग तीज मनाजाइठ, रानाथारु समुदायमे मनैना करल शिक्षकसमेत रहल स्थानीय सन्तराम राना बटैलै ।
कैलाली ओ कञ्चनपुरमे केल यी समुदायके मुख्य बसोवास बा । सरकारसे यी समुदायहे आदिवासी जनजातिमे करले बा । नेपाल रानाथारू समाजके अनुसार यी समुदायके जनसंख्या करिब साढे तीन लाख बा । दुई जिल्लामे एक सय ३४ ठो गाउँमे रानाथारूके बसोवास बा ।


