थारु राष्ट्रिय दैनिक
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विरोधके बाबजुतफे ऐन पारित कैलकमे ध्यानाकर्षण

पहुरा | ५ भाद्र २०८१, बुधबार
विरोधके बाबजुतफे ऐन पारित कैलकमे ध्यानाकर्षण

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ५ भदौ ।
माग विपरित ओ विरोधके बादजुटफे सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा संशोधन विधेयक सदनसे पास करल कहटी टमान संघसंस्था अपन गम्भीर ध्यानाकर्षण हुइल जनैले बटै ।

सुदुरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा ऐन, २०७९ संशोधन विद्येयक मंगरके रोज सदनसे पारित हुइल रहे । थारु कल्याणकारिणी सभा, थरुहट÷थारुवान राष्ट्रिय मोर्चा, नगर भल्मन्सा समिति धनगढी, रानाथारु उत्थान मञ्च, नेपाल रानाथारु समाज, थारु नागरिक समाज, नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघ ओ थारु विधार्थी समाजसे बुधके रोज संयुक्त रुपमे विज्ञप्ती जारी करके राज्य अपन दायित्व ओ जिम्मेवारीसे पन्छे खोजल कहटी ध्यानाकर्षण हुइल जनैले बटै ।

नेपालके संविधानके धारा ४२ बमोजिम सामाजिक रुपले पाछे परल थारू, आदिवासी जनजाति, दलित, अपाङता रहल व्यक्ति, महिला, अल्पसंख्यक लगायतके समुदायहे समानुपातिक समावेशी सिद्धान्तके आधारमे राज्यके हरेक निकायमे सहभागिताके हकहे मौलिक हकके रुपमे धारल बा । सर्वोच्च अदालतके मिति २०७९ माघ २४ गते हुइल फैसला आदेशके समेत अबज्ञा करल विज्ञप्तीमे कहल बा ।

प्रदेश ऐनमे रहल व्यवस्थाहे समेत लोकसेवासे हुइना विज्ञापनमे सम्बोधन हुइल नैविल्गाइठ । कौनो ना कौनो बहानामे संबिधानसे निर्दिस्ट करल मौलिक अधिकार समेत कुन्ठिल कैगिल कहल बा ।

उ ऐनके विरुद्धमे प्रदेशसभा गेटमे हुइल धर्ना कार्यक्रम ओ माननीय मुख्यमन्त्रीहे यिहे विषयमे ज्ञापनपत्र बुझाईबेर स्वयं माननीय मुख्यमन्त्री यी विधेयकमे समावेशी ओ आरक्षणके मुद्दामे एकदम गम्भीर रहल बाट विश्वस्त हुइना प्रतिवद्धता जननाइल मने प्रदेश संसदमे टेबल करल उ संशोधन विधेयक पारित हुइल बा ।

माग मुद्धाप्रति माननीय मुख्यमन्त्रीके धर्ना स्थलमे उपस्थित हुके करल प्रतिबद्धता अनुसार हमार मागहे चालु प्रदेश संसदके अधिवेशनसे संबोधन हुइना करके उ सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा ऐन २०७९ हे परिमार्जन कैना आवश्यक सक्कु प्रकृया आघे बह्रैना यिहे विज्ञप्ति मार्फत जोडदार माग कैगिल बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा ऐनहे संशोधन प्रकृयामे आलटाल, बहानाबाजी अर्थात विलम्ब करलेसे कडा आन्दोलनमे जैना जानकारी फे करागिल बा ।

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