‘नैसरना रोग बह्रटा’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २२ जेठ । स्वास्थ्य प्रवर्द्धनके लाग संचारकर्मी ओ स्वास्थ्यकर्मीनसंग बुधके रोज धनगढीमे पैरबी कार्यक्रम सम्पन्न हुइल बा ।
सुदूरपश्चिम प्रदेश स्वास्थ्य निर्देशनालयके आयोजना तथा स्वास्थ्य कार्यालय कैलालीके सहकार्यमे पैरबी कार्यक्रम हुइल हो । सुदूरपश्चिम प्रदेश स्वास्थ्य निर्देशनालयके निर्देशक खगेन्द्रबहादुर बमके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे उहाँ अब्बेक अवस्थामे सरुवा रोगसेफे नैसरना रोगसे बह्रटी रहल ओरसे आपन स्वास्थ्यप्रति सबजाने सचेत हुई पर्ना बटैलै ।
नेपाल पत्रकार महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेश अध्यक्ष भरत शाह पैरवी कार्यक्रममे संचारकर्मीनहे सचेत बनाइल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘सुदूरपश्चिम प्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्रके दृष्टिसे पाछे रहल बा । कुछ भारी समस्या आइलपाछे और प्रदेश या काठमाण्डौ जाके उपचार कैना अवस्था बा । स्वास्थ्य संस्थाके विकासके लाग समन्वय जरुरी रहल बा ।
कार्यक्रममे प्रादेशिक आयुर्वेद चिकित्सालय धनगढी कैलालीके आयूर्वेद चिकित्सक डा. ओम प्रकाश कलौनी आहार विहार ओ आयुर्वेद चिकित्साबारे प्रस्तुतीकरण करल रहिट ।
आयुर्वेद कहलेक स्वस्थ (सुखी) एवं हितकारी दीर्घ जीवन प्राप्त कैना विज्ञान रहल बटैलै । आयुर्वेदके उद्दृेश्य स्वस्थ व्यक्तिके स्वास्थ्यके रक्षा एवं रोगी व्यक्तिके रोगके उपचार कैना रहल बटैलै ।
शरिरके ३ सहायक खम्बा आहार, निद्रा ओ ब्रहमाचर्य रहल कहटी यिहीसे सही ढंगसे पालना करलेसे आजीवन बल्गर रुपवान ओ क्षयरहिट शरिर प्राप्त करे सेक्ना बटैलै ।
कार्यक्रममे स्वास्थ्य कार्यालय कैलालीके वरिष्ठ जनस्वास्थ्य अधिकृत रमेश कुवँर सुूदूरपश्चिम प्रदेशके स्वास्थ्य अवस्थाबारे जानकारी डेहल रहिट । मातृमृत्यु दरके अवस्था १ लाख बच्चा जल्मेबेर १५० जाने डाईनके मृत्यु हुइना करल बा । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे १३० रहल बा ।
आर्थिक बर्ष २०८०/०८१ के तथ्याङकमे १०० जाने बच्चा जन्मेबेर ७० जाने केल्ह स्वास्थ्य संस्थामे बच्चा जल्मैना करल बाँकी डगर, घरमे बच्चा जल्मैना करल बटै । स्वास्थ्य संस्थासे बाहेर बच्चा जल्मैना कना डाई ओ बच्चा असुरक्षित रना उहाँ बटैलै । किशोरी गर्भवती दर १५–१९ बर्षके अवस्थाके तथ्याङक हेरेबेर राष्ट्रियके १४ प्रतिशत, सुदूरपश्चिम प्रदेशके १३ प्रतिशत अर्थात १७ हजार ५ सय ५० रहल बा ।
विहेवारी २० बर्ष पारी कना नेपाल सरकारके नारा बा । मने अभिनसमके तथ्याङक हेरेबेर १० से १४ बर्षके १ लाख ७ हजार ५७५ जाने (१३.१ प्रतिशत) महिला भोज करल डेखल बा ।
१५ से १७ बर्षके उमेरमे २ लाख ६० हजार ४६० जाने (३१.८ प्रतिशत), १८ सृे २० बर्ष उमेरमे ३० लाख ५ हजार २१३ जाने (३७.३ प्रतिशत) पहिल भोज करल तथ्याङकमे डेखल बा ।
