थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०४ सावन २६४९, शनिच्चर ]
[ वि.सं ३ श्रावण २०८२, शनिबार ]
[ 19 Jul 2025, Saturday ]
‘ सम्पादकीय ’

मुक्तकमैया तथा कमलरीनके माग पुरा करी

पहुरा | ३ श्रावण २०८२, शनिबार
मुक्तकमैया तथा कमलरीनके माग पुरा करी

कमैया मुक्ती घोषणाके २५ बरस पुगल मने अभिन ढेर मुक्तकमैया पुनस्र्थापनासे वञ्चित बटै कलेसे मुक्तकम्लरीहुक्रेफे परिचयपत्र पैनासे वञ्चित बटै । सरकार ओ उहाँहुकनविच हुइल सहमति सम्झौता अभिन पुरा नैहुइल हो । मुक्त कमैया ओ कम्लहरीके एकिन तथ्यांक संकलन करके परिचयपत्रके व्यवस्था करेपर्ना माग करल बा । नेपाल सरकार ओ कम्लहरी प्रथा उन्मुलनके लाग संयुक्त सघर्ष समिति बीच हुइल १० बुंदे सम्झौता कार्यान्वयन करेपर्ना, नेपाल सरकारसे तयार करल मुक्त कम्लहरीके लाग शिक्षा निर्देशिका, २०६८ समयानुकुल परिमार्जन करके तत्काल कार्यान्वयन करेपर्ना, मुक्त कमलहरीके लाग वितरण कैना छात्रवृतिमे समयानुकुल परिमार्जन करके कार्यान्वयनके व्यवस्था करेपर्ना माग करल बा ।

नेपाल सरकारसे गठन हुइना टमान आयोग, समिति तथा राज्यके हरेक संरचनामे मुक्त कमैया, कमलहरीहुकनके अर्थपूर्ण सहभागिता कराई पर्ना, नेपाल सरकारसे निर्माण करल पुनःस्थापनाके प्याकेज कार्यान्वयन करेबेर मुक्त कमैयाहुकनके सहभागिता ओ स्वामित्व हुइना करके परिमार्जन ओ कार्यान्वयन करेपर्ना माग करटी बटै । हरेक मुक्त कमैया तथा कमलरीके लाग एक घर एक रोजगारीके व्यवस्था करेपर्ना । मुक्त कमैयाके छावाछाई ओ कमलहरीहुकनहे उच्च शिक्षा (स्नातकोत्तर) सम ओ प्राविधिक शिक्षा निःशुल्क करके योग्यता अनुसार रोजगारीके व्यवस्था करेपर्ना माग करल बा । मुक्त कम्लहरीके लाग निर्माण करल छात्राबास समय अनुकुल परिमार्जन करके मुक्त कमलहरीके लाग सीपमुलक तालिम ओ आर्थिक सहयोगके व्यवस्था करेपर्ना, नेपाल सरकारसे मुक्त घोषणा करल मुक्त कमैयाके बालबालिका, कमलहरीहुकनके लाग निशुल्क शिक्षाके ब्यवस्था करेपर्ना माग करल बा ।

मुक्तकमैया, कमलरी दुसर देशके नागरिक नैहुइट । संविधानमे हरेक जातजाति वर्ग समुदायके बराबर हकअधिकार रना कहल बा । अभिनसम ढेर मुक्तकमैयाहुक्रे पुनस्र्थापनासे वञ्चित बटै कलेसे शिक्षा, स्वास्थ्यके पहुँचसेफे बञ्चित हुइल अवस्था बा । मुलुक बडलल, व्यवस्था बडलल मने ढेर मुक्तकमैयनके अवस्था नैबडलल, अभिन पुनस्र्थापनाके लाग सडक आन्दोलन कैना बाध्य बटै । टबमारे एक फेराके लाग हुइलेसेफे पुनस्र्थापनासे वञ्चित रहल मुक्तकमैयाहुकनके न्यायिक पुनस्र्थापना कैना जरुरी बा ।

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