एक दिन हनुमान गोरपासु करे सीताजीके दरबार ओर गैलैं । ओहेबेर सीता अपन माँगेम् सेंडुर डारे भिरल रहिंट । हनुमानहे बरा अचम्म लग्लिन ओ पुछलैं । माताजी इ लाल लाल का लगाइटी अपने ? इ लगैलेसे का हुइठ् ? सीताजी कलैं–इ सेंडुर हो । इ लगैबो टे स्वामीके
डुइ बरस आग माघ ठे डुइठो जार खाइल नाटक “करोट” । निमाङ थारु ओ खस नेपाली भाषम मञ्चन हुइल नाटक करोट २०७५ साल पुस ६ गतेसे २१ गतेसम् सर्वनाम थिएटर, काठमाडौँ ओ माघ १६ गतेसे २२ गतेसम् घोराही ओ तुलसीपुरम प्रदर्शन हुइल । काठमाडौँ केन्द्रित