थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ बैशाख २६४८, शुक्कर ]
[ वि.सं १४ बैशाख २०८१, शुक्रबार ]
[ 26 Apr 2024, Friday ]

धानबालीके किरा भगाइक लाग हरेरी पूजा

पहुरा | ४ श्रावण २०७७, आईतवार
धानबालीके किरा भगाइक लाग हरेरी पूजा

प्रबिन बौखही
हसुलिया, ४ सावन ।
कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ के लावा गाउँ बैजपुरमे सामुहिक हरेरी पूजा कैगिल बा ।

खेतीपाती सेकलपाछे लगाइल धानबालीमे किराकाँटी नालागिट, धानबाली सपरे ओ गाउँघरसे रोगदोख भागे कहटी हरेक बरस जस्टे यी सालफे हरेरी पूजा करल गाउँक भल्मन्सा लल्टुराम चौधरी बटैलै । थारु समुदाय प्राकृति पुजक भूमिपुत्र हुइट प्राकृतिके पूजा करलेसे धानबालीमे किराकाँटी नइलग्ना, बाली मजा हुइठ कना थारु समाजमे जनविश्वास रहल उहाँ बटैलै ।

हरेरी पूजाके पहिल दिन शनिच्चरके रोग गाउँक मरुवा (कुलडेउता) मे जाके देशबधिया गुरुवा भैयाराम थारु, केसौका दिलबहादुर थारु मरुवामे लवाङ, जैफर, खप्परधागा, अगरबत्ती, गैयक दूध पानी, हलुवा, ढिक्री परिकारमे, लाठीपैवा, छिटरहि, डेङगा, काठिक बोझा, भात, ओ तिनाटावनमे पूईक साग, करमुवा, अण्डा पुजल रहिट ।

कैलारी–५, लावा गाउँ बैझपुरके हरेरी पूजामे बरल कण्डामे नच्टी केसाैका दिलबहादुर थारू । तस्बिरः प्रविन

हरेरी पूजाके सुरु दिन शच्चिरके करिब ६ बजे साँझके गाउँक भल्मन्साके अंगनामे कंन्दा (सुखल गोबर)मे डमकल आगीमे देशबधियाके मन्टरसे केसौका दिलबहादुर थारु नङटे गोरासे नाँचके बुटाईल रहिट । अस्तेके कुछबेरसम मन्डराके तालमे डमकल आगीम नाचल रहिट ।

पूजाके दुसर रोज अँटवारके सकारे फुलालोहरके, गाउँ भरिक किसान अपन–अपन खेटुवामे खिरभन (गैयाक दूध, पानी) दरले रहिट । खिरभन (गैयाक दुध,पानी) दरलेसे बालीमे किराकाँटी नइलग्ना देशबधिया गुरुवा भैयाराम थारु बटैलै ।

दुई दिनसम मनाजैना हरेरी पुजाके अवधिमे खेतुवामे घाँस कट्ना, खेतुवामे पानी हेरना बन्द करल भल्मन्सा लल्टु जानकारी डेलै । प्रायः जस्टे हरेरीक रातभर सालो राहरंगी, नाँचकोर करी मने यी सालभर कोरोना भाईरस रोगहे मध्यनजर करटी गाउँ भरिक सक्कु किसान एकघचिक किल नाचकोर रहरंगी करल भल्मन्सा बटैलै । पुर्खासे चलटी आईल हरेरी पूजा सालो धानबाली लगाके हरदहुवा खासेकलपाछे पूजा पुजना चलन बा ।

ओस्टेक कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ पवेरा गाउँमेफे अँटवारके रोज खिरभन (गैयाक दूध, पानी) दारगिल बा । गाउँक गुरुवक साजल खिरभन (गैयाक दूध, पानी) सक्कु किसानहुक्रे लैजाके अपन–अपन खेटुवामे छिटल पवेरा गाउँक भल्मन्सा खुशीराम चौधरी बटैलै ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू