राना/कठरियाथारु समुदाय मनैलै खख्डेहरा पर्व

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ०१ चैत । सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली ओ कञ्चनपुरमे बसोबास रहल रानाथारु ओ कठरियाथारु समुदायसे उल्लासपुर्वक खख्डेहरा पर्व मनैले बटै ।
माघके पूर्णिमासे फागुन पूर्णिमासम ३८ दिन खेलगिल होरीेके मंगर अन्तिम दिन संस्कार अनुसार पूजपाठ करटी खख्डेहरा पर्व मनाइलक हुइट ।
माघके पूर्णिमाके दिनहोरी रख्ठै ओ उहे दिनसे होरी सुरु हुइठ, नेपाल रानाथारु समाजके केन्द्रीय अध्यक्ष कृपाराम राना बटैठै । फागुनके पुर्णिमा होरीमे आगी लगैना कैजाइठ, उहाँकहलै, ‘होरीमे आगी लगाइल दुसर दिनहे टिका कहठै । टिकाके दिन गाउँ भर मनै होरी जरके हुइल खरानीके टिका लगैटी होरी खेल्ठै ।’

टिकाके आठौँ दिनखख्डेहरा हो । खख्डेहरा कहलहोरीके बिदाईके दिनके रुपमेफे लेजाइठ उहाँकहलै । खख्डेहराके दिनसकारे उठके गाउँभरिक हरेक घरसे एक एकजाने मनै खख्डेहरा फुटाई जैना करठै ।
खख्डेहरा फुटाई जाईबेर गाग्री, लोटा, खपटाके टुक्रा, माटीक गोली, सतनजा (सातअन्न), शुद्ध पानी, कन्डाआदी चाहठ ।
घर घरसे बिहाने खिप्टामे लसरी सुइरो गाँसल माटीकगोलीबोक्टी ‘आउ रेउ लुली लंगडी, कानीखुत्री, रोगधोग, भूतब्यार’कहटी घर घरसे खख्डेहरा लैजाके जैना चलनबा। खख्डेहरा गाउँसे बाहेर गाउँलेसे नानलसामग्री एक जुट हुके गाउँके प्रधानवाचाकर (गाउँके चौकीदार)से फुटैना चलनरहल नेपाल रानाथारु समाजकञ्चनपुरके जिल्लाअध्यक्ष प्रेमवती राना बटैली ।
यी बरस रानाथारु समुदायसे खख्डेहरा पर्व मंगरके रोज कञ्चनपुर जिल्ला लालझाँडी गाउँपालिका–३ नन्दगाउँमे मनाइल उहाँ बटैली ।
ओस्टेक कठरिया समुदायसे यीपर्वहे कैलालीके घोडाघोडी नगरपालिका–११सिसैया गाउँमे मनाइल नेपाल कठरिया समाजकेपूर्व केन्द्रीयअध्यक्षगया प्रसाद कठरिया बटैलै ।यिहे चैत १ गते बुधके रोज (काल्ह) कैलालीजिल्ला कैलारी गाउँपालिका–८ लौसा गाउँमे खख्डेहरा सांस्कृतिककार्यक्रमके आयोजनाफे करल उहाँ बटैलै ।
रानाथारु ओ कठरिया समुदाययीपर्वहे सबसे भारी पर्वके रुपमे मनैटी आइलओरसे सुदूरपश्चिमप्रदेशके कैलालीओ कञ्चनपुरमे प्रदेश सरकारसे सार्वजनिकविदाडेहल रहे ।

खख्डेहरा फुटाके अउइयाहुक्रे फेर होलीमे जराइल धुर लेके गाउँक भलमन्सा, पधना, अगुवालगायत सक्कुहुनके घर घरमे पुगके सक्कुहुनहे उ भुवाके टिका लगाके आशिर्वाद डेटी खुसियाली मनैना करठै । गाउँके प्रतिष्ठित व्यक्तिसे दक्षिणाफे उठैना करठै । उ दिनगाउँभरके मनै अपन खेतीपाती, गोरु गाडा समेत बन्द करे पर्ना चलन बा । कोई अटेर करके गोरु गाडा चलैलेसे डण्ड (जरिवाना) कैना चलन रहटी आइल बा ।
तराई क्षेत्रमे गर्मी बह्रलसंगे महामारी, मलेरिया, प्रकोप बढ्ना समय सुरु हुइल ओरसे ति प्रकोप नआए कहिके सामुहिक रुपमे आदिवासी रानाथारु÷ कठरिया समुदायसे खख्डेहराके नाममे उ सक्कु समस्याहे पिटके फुटाके भगाइक लाग खख्डेहरा पर्व मनैना प्रचलन रहल रानाथारु जानकार बटैठै ।
