थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ वि.सं १३ बैशाख २०८१, बिहीबार ]
[ 25 Apr 2024, Thursday ]

थारु गायन क्षेत्रमे मजा स्थान लेटि गायक एके चौधरी

पहुरा | २५ बैशाख २०८०, सोमबार
थारु गायन क्षेत्रमे मजा स्थान लेटि गायक एके चौधरी

स्वरुप चौधरी
कैलाली, २५ बैशाख ।
कैलालीके घोडाघोडी नगरपालिका–११ सिसैया निवासी गायक ए.के चौधरी छोट समयमे थारु गायन क्षेत्रमे मजा स्थान अगोटना सफल हुइल बटै ।

थारु गीत संंङगीत फडको मरलक तीन दशककेल हुइल बा । उ आघे परम्पगत सजना, माँगर, ढमार गाजैलेसेफे सोसल मिडिया ओटरा स्थान नइपाइल अवस्था रहे । भोजव्याह व सांगितिक कार्यक्रममे भारतिय व नेपाली गाना केल सुनमिले । अब्बे थारु, गीत, बाँस, फिल्मी क्षेत्र फस्टैना क्रम जारी बा । अपन पहिचान ओे मौलिकपनहे शब्द भरके टमान गीतफे अइटी बटै । सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली जिल्ला अब्बे भल्गर थारु कलाकारिता क्षेत्रके हबके रुपमेफे चिन्हजाइठ ।
ओम्नेहेसे २०७६ सालसे कलाकारिता क्षेत्रमे पाइला टेकल गायक ए.के चौधरीके गित सोसियाल प्लेटफर्ममे मजा स्थान लेना सफल हुइटी बा । उहाँक गायनमे रहल
‘सजना मोरे आइगिनै ………खुसीके लैके बहार…………
सपना पुरा हुईनै………वर्षा दिनके इन्टजार…………

थारु गीतहे दर्शक ओ श्रोतसे अत्याधिक मन परैलै । अब्बेसमके उ गीत यूटुवमे ४२ मिलियन प्लस दर्शक हेरसेकल बटै ।
यी गीतके मुलभाव सजन जौन एक ठो प्रेमी अपन प्रेमके पखाईमे वषौ दिन बिटाइल पाछे भेट हुइबेरके याद, अनुपाम माया स्नेहहे जब भेट हुइल बेलाके खुसी ओ ओकर डेखल उ सपना पुरा हुईबेर दिल धड्कन, मुटु ओ खुसीके सीमा नइरहल यी गीतसे चित्रण करले बा । ‘सजनमोर…’ हालसमके थारु जगतके सर्वाधिक टिकटक, फेसबुक, यूटुव, इन्टाग्रम लगायत सामाजिक सञ्जालमे ट्रेन्डिङमे बैठना सफल हुइल बा ।

गायक ए.के चौधरीके उ गीत केल नाही और गीतफे हिट ओ श्रोत दर्शक ढेर रुचैले बटै । उहाँक औरे गितफे ढेर चर्चित बटै ।
‘कटना सुहवान तोहार गाँउ….. आइहो कटना सुन्दर तोहर नाउ…२
लेहन्गा ओ चोलियामा फुलाहस बिलगैलो ….
देखिजियारा मोर लोभाओइ…..

थारु लोक गीत सभ्यताके इतिहास जति पुरान बा ओटरा प्राचीन गीतफे लोकप्रिय बटै । उहाँक यी गीतमे थारु मौलिकपन भाषाके गीत हमार समुदायके सान पहिचान बनल बा ।

‘छैको छैको धोटीया छलकैलो मोर छैला… ’ गीत, शब्दसे सुहवान भरल बा । अपने छैलीहे पहिरनके बयान करेबेर गोठेडर लेह्न्गा, बोलीममा तोहार जादु अहा ः उ पुरान अपरिहार्य लोकगीतफे चौधरीके चर्चित गीत हुइट ।
ओस्टेक अब्बे चौधरीके नयाँ गीत बजारमे कटना तर्पुयीहे दिनके लग नन्ना तयारीमे बटै । यी गीतके स्वरमे एके चौधरी ओ समिक्षा चौधरीके रहल बा ।

गायक ए.के चौधरी परम्परासे विकास हुइल लोक गीत सजना, माँगर, ढमार, लगायत संस्कार, संस्कृति, परम्परा ओ भाषाके उजागड करटी अइटी रहल खम्बाके रूपमे चिन्हठै ।

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