सर्वमङ्गलासे भविष्य बनैना सहयोग

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २२ माघ । सुदूरपश्चिमके पहिल महिला छात्राबास सर्वम·ला अभिभावकके मन जिटके कयौं बालिकाहुकनके भविष्य निर्माण करना सहयोग पुगैले बा ।
२०६७ सालमे १ जाने विद्यार्थीसे सुरुवात हुइल सर्वम·ला महिला छात्राबास पाछेक एक वर्षसे आघे ३२ जाने विद्यार्थी पाइल छात्राबास सञ्चालक गोमा आर्चालय जानकारी डेली ।
उहाँ सुदूरपश्चिममे महिला तथा किशोरीहुकनहे पह्राइमे सहजता होए कहिके छात्राबासके अवधारणा नानल बटैली । जोनबेला सुदूरपश्चिममे महिलाहुकनहे होस्टेलमे ढरना कलेक चरित्रमे कुछ रहल बुझाई रहे ।
सञ्चालक अचार्यके अन्सार उ छात्राबासमे सुदूरपश्चिमके पहाडी जिल्लाके विद्यार्थी रहल बाटैं । ‘सुरु सुरुमे अभिभावकहुकनके विश्वास जिट्ना एकडम गाह्रो रहे एक वर्ष सम एक विद्यार्थी किल रहिट, सक्कु घर भाडा ओ दुई जाने कर्मचारीहे जैसिकटैसिक बाहेर जागिर करके होस्टेल चलैनु ।’
उहाँ होस्टेल बैठल छात्राहुक्रे मानसिकरुपसे फ्रि हुइना हुइल ओरसे पह्राइमे सहज हुइना बटैली । ‘अभिभावकहसक्रे अपन छाइहे नाटपाटन घर ढरे खोज्ठै, मने बच्चा उ परिवारमे घुलमिल हुइ नैसेकके फेन ढेरके पह्राइमे असर परल डेखल बा ।’
होस्टेलमे बैठल विद्यार्थीहुक्रे एक औरेसंग प्रतिस्पर्धा करके पह्रठैं, पह्राइ बाहेकके कौनो चिन्ता नैहुइठ, समयमे खाना नास्ता खाइ पैठैं टबेमारे यहाँ बैठल विद्यार्थी पह्राइमे सफलता हासिल करठैं आर्चाय कली ।
उहाँ होस्टेलमे बैठ्ना विद्यार्थीहुक्रे सुरक्षित वातावरणसंगे समय तालिकामे बाँधल ओरसे पाछेक अवस्थामे होस्टेल बैठ्ना विद्यार्थीहुकनके संख्या बह्रल बटैली । कोरोना महामारीके कारणसे फेन ५० प्रतिशत विद्यार्थी घटल उहाँ सुनैली ।
