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भल्मन्सा प्रथाहे कानूनी मान्यताके माग

पहुरा | १० आश्विन २०७८, आईतवार
भल्मन्सा प्रथाहे कानूनी मान्यताके माग

पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, १० कुवाँर ।
थारु समुदायके भलमन्सा प्रथाहे कानुनी मान्यता डेहे पर्ना मागसहित कैलारी पालिका स्तरीय पहिल भलमन्सा/बरघर/मतावाँ सम्मेलन हुइल बा ।

भलमन्सा/बरघर/महतौवा सम्मेलन २०७८ मुल आयोजक समितिके आयोजना तथा कैलारी गाउँपालिका, थारु कल्याणकारिणी सभा कैलाली, कैलारी उद्योग बाणिज्य संघके सहकार्यमे शनिच्चरके रोज हसुलियामे गाउँपालिका स्तरीय सम्मेलन हुइल हो ।

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कार्यक्रममे कैलारी गाउँपालिकाके अध्यक्ष लाजुराम चौधरी पश्चिमाकरणके प्रभाव ओ देखासिखीके कारण थारु जातीके भलमन्सा तथा मुखिया प्रथा विकेन्द्रिकरणके डगरमे लागल बटैलै ।

भलमन्सा प्रथाहे कानुनी मान्यता डेहे पर्ना माग जायज रहल बटैटी अध्यक्ष चौधरी यी विषयमे स्थानीय तह गम्भीर रहल बटैलै । ‘प्रथाके संस्थागत विकासके लाग पहल सुरु हुइटी रहल बा’, उहाँ कहलै, ‘नेपालके संविधान ओ कानुनसंग नइबाँझन ओ प्रभाव नइपर्ना करके हाली नीति तयार कैबी ।’

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जिल्ला प्रशासन कार्यालय कैलालीके सहायक जिल्ला अधिकारी हिरालाल चौधरी गाउँघरमे हुइना सतही मनमुटाव वा आन्तरिक द्धन्दके घटना समुदायस्तरमे मिलैना महत्वपुर्ण भुमिका खेल्न भलमन्सा प्रथाहे नेपालके संविधानसंग नइबाँझना करके सहयोग कैना अपने तत्पर रहल बटैलै ।

कैलारी गाउँपालिकाके खोनपुरमे पहिले रहल छोटी भन्सार कार्यालयके पुर्नस्थापनाके मागहे सम्बोधन करटी उहाँ कहलै, ‘उ विषयके सक्कु जिम्मेवारी केन्द्रीय सरकारहे रहठ मने यहाँसे सेक्ना प्रयास कैबी ।

जिल्ला प्रहरी कार्यालय कैलालीके प्रमुख तथा प्रहरी उपरीक्षक विश्व अधिकारी संस्कृति संरक्षणमे प्रशासनके साथ रहल बटैलै । ‘थारु संस्कृति संरक्षणके अभियान अपरिहार्य बा’, जिल्ला प्रहरी कार्यालय कैलालीके प्रमुख तथा प्रहरी उपरिक्षक अधिकारीले कहलै, ‘जब देशमे कानुनी रुपमे न्याय प्रणाली नइरहे उ बखतसे स्थापित यी प्रथाहे संस्थागत विकास कैना जरुरी बा ।’ उहाँ फौजदारी मुद्दामे मिलापत्र करे नइपैना तथा मिलापत्र करैलेसे सजाय हुइना ओ कानुनी प्रावधान सम्बन्धी जानकारी डेहल रहिट ।

थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य प्रभातकुुमार चौधरी कहलै ‘थारु संस्कृति बिस्तारे लोप हुइटी गैल बा’, ‘मने कायमै रहल भलमन्सा प्रथाहे कानुनी मान्याता डेहक लाग हमार वैचारिक लडाई जारी बा ।’

भलमन्सा प्रथा कौनो राजनीतिक दलसे परिचालित नइरहल थारु कल्याणकारिणी सभा जिल्ला कार्यसमितिके उपसभापति माधव चौधरी बटैले बटै । उहाँ कहलै, ‘भलमन्सा प्रथाके संस्थागत विकासके लाग स्थानीय सरकारसे अगुवाई करे परल ।’ उहाँक अनुसार गाउँमे हुइना हरेक गतिविधि ओ विकास निर्माणके काममे भलमन्साके योगदान रहटी अइलेसेफे वर्तमान अवस्थामे चाहल जस्टे विकास भर हुइल नइहो ।

कैलारी उद्योग वाणिज्य संघके अध्यक्ष नेपालु चौधरी थारु जातीके संरक्षणके लाग भलमन्सा प्रथाके जोगैना अपरिहार्य रहल बटैलै । उहे अधिकार प्राप्तीके लाग पहिल सम्मेलन महत्वपुर्ण भुमिका खेल्न चौधरी बटैलै ।

अध्यक्ष चौधरी कैलारी गाउँपालिकाके व्यवसायिक समृद्धिके लाग विस्थपित हुइल भन्सारहे पुनः स्थापित करे पर्ना माग करले रहिट । ‘नाकासे चोरी हुके अइना अवैधानिक सामानसे व्यापारहे चुनौति डेहल बा,’ उहाँ कहलै, ‘जबसम आर्थिक विकास नइहुई तबसम सामाजिक समृद्धि अधुरे रही ।’

थारु नागरिक समाज कैलालीके संयोजक दिल बहादुर चौधरी भल्मन्सा प्रथाके कारण थारु संस्कृतिके सरंक्षणमे टेवा पुगल बटैलै । उहाँ कहलै, थारु समुदायके हरेक टरटिहुवारमे भल्मन्साके अगुवाईमे गाउँ समाजके सर्मथन, सहयोग, सुझाव अनुसार करजाइठ । भल्मन्साके कारण समाजमे एकता बा, अनुशासनफे बा ।

सम्मेलनके उदघाटन कार्यक्रममे कैलारी गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष लक्ष्मी सत्गौवा, वडा नम्बर ५ के अध्यक्ष विष्णु चौधरी, नेपाली काँग्रेसके कृष्ण चौधरी, नेकपा माओबादीके बतासु चौधरी, लोसपाके राम शरणसिंह चौधरी, राप्रपाके पिङला थारु लगायत मन्तव्य व्यक्त करले रहिट ।

कार्यक्रममे अधिवक्ता जोहरीलाल चौधरी भलमन्सा/बरघर/महतँवा प्रथा सम्बन्धी अवधारणपत्र प्रस्तुत करल रहिट । सम्मेलनमे १२ बुँदे घोषणपत्र जारी कैगिल बा ।

भलमन्सा/बरघर/महतँवा समितिके अध्यक्ष सन्तराम चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रमके संचालन सुनिता चौधरी ओ स्वागत मन्तव्य बाँधुराम चौधरी करले रहिट । सम्मेलनमे १ सय १३ गाउँके भलमन्साहुकनके उपस्थिति रहे ।

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