खेट्वामे जामल धानबाली डेखाके राहत मँग्टी किसान
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ९ कार्तिक । ‘राहत डेहुइया कोइ बाटै क हजुर, इ तस्बीर सञ्चार माध्यममे डार डेहे परल,’ कुछ दिनआघेक डुबानके कारण खेट्वाके पूरे धानबाली खेट्वामे जामके बिग्रलपाछे कैलालीके जानकी गाउँपालिकाके किसान भोजराज भण्डारी धनगढी पुगके करल आग्रह हो ।
आपन खेट्वामे बिगरके जामल धानबालीके मोबाइलमे खिचल तस्बीर डेखैटी उहाँ दुःखेसो करलै, ‘अइसीन नैसोचल विपत्ति पहिलचो अनुभव हुइल, धानबाली नष्ट होके ढिउर किसान इ बेर भोकमरी हुइना डेखगैल बा ।’ दक्षिण पूर्वी उक्त गाउँपालिकामे रहल छ बिघा खेट्वामे काटके सुख्वाइक लाग ढारल धान भिœयाइ नैपाके हुइल वर्षासे बाली भिजके जामलपाछे उहाँ इ बेला राहतके खोजीमे बाटै ।
कैलालीके गोदावरी गाउँपालिकाके किसान भोजराज बडूके डुबानमे परल दश कठ्ठा खेट्वाके पुरे धानबाली फेन जामसेकल बा । ‘कार्तिक महिनामे फेन इहीसे आघे कबु नै डेखल डुबान, बाढपहिरोके बितण्डा डेखे परल,’ उहाँ दुःखेसो सुनैलै । ‘घरमे कुछ परिमाणके पुरान धान बा, मने उहीसे बरसभर खाइ पुग्ना नै डेखजाइठ्, राहतके लाग वडा कार्यालयमे निवेदन डेना तयारीमे बाटुँ ।’
उहाँहुक्रनके जस्टे पीडा इ बेला सुदूरपश्चिम प्रदेशके ढिउर किसानके रहल बा । पीडाबीच ढिउर किसान भिजके खेट्वामे जामल धानबाली सहेरटी रहल बाटै । ‘खेट्वामे हुइल डुबानसे धानबाली लगाइबरके लगानी खेर गैल,’ औरे किसान मनिराम चौधरी कहलै, ‘मेहनत ओ परिश्रम खर्च हुइल ओरसे कुहल धान परालसहित सडलेसे फेन बाली नै सहेरके चित्त नैबुझठ् ।’
कुछ दिनआघेक अविरल वर्षासंगे हुइल डुबानके कारण प्रदेशमे धानबालीमे पुगल क्षतिपाछे किसान चिन्तित हुइटी राहतके पर्खाइमे रहल बाटै । प्रदेशमे झण्डे २५ हजार हेक्टर जग्गाके धानबाली नष्ट हुइल भूमि व्यवस्था कृषि तथा सहकारी मन्त्रालयके अनुमान रहल बा ।
‘डुबानके कारण प्रदेशमे हुइल क्षतिके एकीन विवरण स्थानीय तहसँग समन्वय कैके संकलन करटी रहल बाटी,’ मन्त्रालयके प्रवक्ता गोकुलप्रसाद बोहरा कहलै, ‘खेट्वामे पानी जमके धानबालीहे किल असर नैकरले हो, हिँउद याममे करजैना गहुँबालीके खेती फेन प्रभावित हुइना डेखल बा ।’ डुबानके कारण लाहीबाली ओ तरकारी बालीमे समेत असर परल बा ।
क्षतिसे प्रभावित हुउइयाके लाग राहत कार्यक्रम दुई प्याकेजमे लानके वितरण कैना मन्त्रालयके योजना रहल बा । ‘अब्बेक डुबानसे धान, लाही ओ तरकारी बालीमे पुगल क्षतिसे प्रभावितहे राहत डेहे पर्ना डेखल बा,’ बोहरा कहलै, ‘हिँउदे यामके गहँुखेती करुइयाहे फेन मल, बीउ, रसाायनिक मलके सहज आपूर्ति ओ सहुलियत फेन डेहे पर्ना डेखल बा ।’
बालीमे क्षति पुगल किसानहे प्रति बिघा रु आठ हजारके दरसे राहतबापत् नगद डेहे सेकजैना मापदण्ड मन्त्रालयके रहल बा ।
अब्बे पुगल क्षतिके मात्राके अवस्थाहे मध्यनजर कैटी इ मापदण्ड हेरफेर हुइ सेक्ना बटाइल बा । प्रभावित किसानहे राहत का कत्रा डेना, कैसिक डेना कना विषयमे मन्त्रालय तयारी करटी रहल बा ।
लडिया आसपासके ढिउर क्षेत्रफलके खेट्वामे काटके ढारल धानबाली अचानक आइल बाढसे पुहाइल रहे कलेसे अन्य क्षेत्रके जग्गामे हुइल डुबानसे बाली पानीमे उत्राइल रहे । जमल पानीमे उत्राइल धानबाली हेर्टी किसान आब भोकमरी हुइना कहटी चिन्तित बाटै । तराईके जिल्लाके तुलनामे प्रदेशके पहाडी जिल्लामे भर धानबालीमे ढिउर क्षति पुगल नैहो ।
पहाडमे पहिरो तथा बाढी, नदीकटानके समस्या ओ तराईमे डुबान तथा नदी कटानके समस्या ढिउर डेखल रहे । बालीमे पुगल क्षतिसे देशके आर्थिक अवस्थामे फेन प्रतिकूल असर पर्ना डेखल बा । धान उत्पादनके पकेट क्षेत्रके रुपमे रहल कैलाली ओ कञ्चनपुरमे उत्पादन हुइना धान प्रदेशके सात पहाडी जिल्लाके अलावा देशके अन्य भागमे निर्यात हुइना करठ् ।
प्रधानमन्त्री शेरबहादुर देउवा प्रभावित क्षेत्रमे कुछ दिनआघे करल क्षतिके स्थलगत निरीक्षण अवलोकनपाछे भर पीडामे बैठल जनताहे कुछ आशा पलाइल बा । ‘प्रधानमन्त्रीके भ्रमणपाछे पीडित किसानमे राहत पैना आसा पलाइल बा,’ धनगढी उपमहानगरपालिकाके किसान रमेश राना कहलै ।
गैल कुँवार ३१ गते रातसे लगातार चार दिनसम परल अविरल वर्षाके कारण हुइल बाढीपहिरो ओ डुबानसे प्रदेशमे आजसम मृत्यु हुउइयाके संख््या ३७ पुगल बा कलेसे २२ जाने बेपत्ता रहल बाटै ।


