एनजिओ छोरके व्यावसायओर हात बह्रलै जगदिश
पहुरा समाचाारदाता
धनगढी, १२ अगहन । करिब १२/१३ बरस एनजिओके सिकाईपाछे यूवा व्यावसाय जगदीश राना होटल व्यावसाय ओ लोकल मुरगी पालन ओर हात लम्कैले बटै ।
धनगढी उपमहानगरपालिका–८ धनगढी गाउँमे उहाँ एक बरस आघेसे लोकल मुरगी पालनके सुरुवाट करले रहिट कलेसे भर्खरसे होटल व्यावसायफे संचालन करल हुइट । १४ लाख रुप्या लगानीमे उहाँ यिहे गैल शुकके रोजसे ‘ड हिडेन कटेज’ संचालनमे नन्ले बटै ।
‘प्रोजेक्टमे काम कैना शिलशिलामे ढेरहे अपने व्यावसय कैना कहिके सिखागैल । तालिमफे संचालन कैगिल । विदेशमे जाके काम कैनासेफे अपने गाउँ–ठाउँमे व्यावसाय करे परठ कहिके औरहे प्रेरणा देगिल,’ संचालक राना कहलै,–‘औरे जनहनहे मजा करल डेखके एनजिओके जागिर कहाँसम कैना कहटी ड हिडेन कटेजके सुरुवाट करल हो ।’

उहाँ कहलै, –‘औरके इसारामे काम कैना, चल्नासेफे अपनही मालिक काहे नइहुइना कना सोच लेके यी दुनु व्यावसाय छनौट करल हुइटु, स्थानीय ग्राहकहुकन लक्षित करके कटेज संचालनमे नानगिल हो ।’ कटेजमे स्पेसल बंगुरके सेकुवा, दुसरमे ग्राहकहुकनके रोजाई अन्सार लोकल मुरगीमे टमान परिकारके व्यवस्था बा । दिनके लाग स्नेक्स, मम, चिकेन, चिकेन चाउमिन, चिकेन लालीपप, चिकेन तासके व्यवस्था कैगिल उहाँ जनैलै । कोई खाना खाई चाहलेसे अर्डर अनुसार उ फे बनाई सेक्ना संचालक राना कहलै ।
लोकल मुरगी फर्म संचालन
जगदीश राना एक बरस पहिले खोरसहिट ८ लाख लगानी करल लोकल मुरगी पालनके सुरुवाट रहले रहिट ।
‘जागिरके शिलशिलामे लोकल मुरगी पालन बजार मागके बारेमे अनुुसन्धान करेबेर ढेर माग हुइल भेटैनु, कटेजके संचालक राना कहलै, –‘लोकल मुरगीके बजार माग बह्रलपाछे एक बरस पहिले अंशु एग्रो फर्म दर्ता करके मुरगी पालनके सुरुवाट कैगिल रहे ।

अब्बेसम तीन लटमे हुइल बा, पहिल लटमे ६ सय चिङनी डरले रहु रानीखेत रोगके कारण सोचलहस नइहुई । दुसरा लटमे कोरोनाके कारण आवश्यक मात्रमे चिङनी नैपैनु जटरा पैनु उहीसे मजा आम्दानी हुइल ।’ अब्बे करिब साढे तीन सय लोकल मुरगी रहल उहाँ बटैलै ।
फर्ममे साकिनी, घाँटी खुइले, प्वाँख उल्टे, कडकनाथ जातके मुरगी रहल जनैलै । होटल व्यावसाय ओ लोकल मुरगी फर्ममे पाँच जाने जागिर पाइल उहाँ बटैलै । लोकल मुरगी पालनसंगे कटेज संचालन कैना भिजन आइल उहाँ बटैलै ।


