थारु राष्ट्रिय दैनिक
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घोडाघोडीमे ४७८ पशुपंक्षीके बलि डेगिल

पहुरा | २३ मंसिर २०७८, बिहीबार
घोडाघोडीमे ४७८ पशुपंक्षीके बलि डेगिल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २३ सुखड ।
कैलालीके मध्यवर्ती क्षेत्र घोडाघोडी मन्दिरमे बुधके ४ सय ७६ पशु तथा पंक्षीके बलि डेहल बा ।

लवाङ्गी पूजाके अवसरमे घोडाघोडी मन्दिरमे मुरगी, छेगरा ओ सुव्वरके बलि डेहल हो । ४ सय ३० मुरगी, ४५ छेगरा ओ ३ सुव्वरके बली डेहल घोडाघोडी नगरपालिका नगर स्तरीय भलमन्सा कार्य समितिके संयोजक बुधराम चौधरी जानकारी डेलै ।

घोडाघोडी मन्दिरमे बलि डेना परम्परा परापुर्वकालसे चल्टी आइल मन्दिरके गुरुवा बटैठै । विगतमे थारु समुदाय केल बली डेटी आइलमे पछिल्का समय गैर थारुहुक्रे समेत मन्दिरमे बली डेना करल भलमन्सा बुधराम बटैलै ।

दुई वर्ष कोरोनाके कारण लवाङी पूजा तथा घोरीघोरा महोत्सव करे नइसेक्गिल । मने यी वर्ष भर घोडाघोडी मन्दिर परिसरमे थारु संस्कृति पहिचानके लाग ‘हमार संस्कृति हमार पहिचान, थारु संस्कृति जोगाई पर्ना हमार अभियान’ कना मूल नाराके लवाङी पूजा तथा घोरीघोरा महोत्सव लागल रहे । अगहन २० गते से २२ गतेसम गते सम महोत्सव संचालन हुइल रहे ।

थारु समुदायसे घोडाघोडी मन्दिरहे घोरीघोरा (घोडाघोडी) मन्दिर कहठै । थारु समुदायहुक्रे घोडाघोडी मन्दिरहे कुल देउताके रुपमे वर्ष भर करल खेती ओ जीवन रक्षाके लाग थारु समुदायसे थारु रीतिरिवाज अनुसार पूजा तथा बलि चढाइलपाछे नयाँ अन्न भित्रयाके खैना चलन बा ।

घोडाघोडीके मुख्य मन्दिरमे मुरगी, छेगरा, सुव्वर लगायतके बलि समेत चढैना करजाइठ । कैलालीके ८२ गाउँ सहित कञ्चनपुर, दाङ, बाके, बर्दिया लगायतके जिल्लासे समेत दर्शनार्थीहुक्रे अइना करल बटै ।

उ अवसरमे घोडाघोडी नगरपालिका बुधके रोज एक दिन सार्वजनिक बिदा डेले रहे ।

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