पोषणमे डाइहे जिम्मेवार बनाइक लाग जाउलो पकैना सिखैटी
पहुरा समाचारदाता
टीकापुर, १० माघ । चौध महिनाके लर्कोरियक डाइ रीता चौधरीहे इहीसे आघे लर्का स्याहार कैटी रलेसे फेन ‘ढिउर चीज नै सिखल रहुँ’ कना लागल बा । कैलालीके टीकापुर–४ के उहाँहे अँट्वारके वडा नं ४ मे रहल गाउँघर क्लिनिकमे स्वास्थ्यकर्मी तथा सामुदायिक महिला स्वास्थ्य स्वयंसेविका जाउलो पकैना सिखैलै । जाउलो पकैना तरिका सिकलपाछे उहाँहे लागल अपने टे पोषणयुक्त खैनाचीज मिलाके खवाइना जन्ले रहुँ ।
“विगतमे मै बच्चाहे खवाइना तरिका ओ अब्बे जाउलो पकैना सिकेबर ढिउर फरक रहल बा”, उहाँ कहली, “जाउलोमे ज्या घरमे बा उहे खैनाचीज डारके पकाके खवाउ । बच्चाके खानपान तथा स्वास्थ्यमे लापरवाही नैकरे परठ् । बच्चाहे आवश्यक पोषणयुक्त खाना मिलाके खवाइना जरुरी बा कना सिक्नु ।” ओस्टके, १३ महिनाके बच्चक डाइ प्रिया चौधरी छ महिनासम आपन दूध किल पिवाइले रही । छ महिनापाछे अन्य खैनाचीजसमेत खुवाइ लागल उहाँ बच्चा स्याहारबारे थप ज्ञान सिकल बाटी । “पहिले मै दाल, चाउर ओ साग मिलाके जाउलो पकाउँ, नरम खाना हुइलेसे पुगजाइ जस्टे लागे”, उहाँ कहली्, “यहाँ आइलपाछे पता पैनु, कम्तीमे चार मेरके खाना मिलाके बच्चाहे खवाइ परठ्, जाउलोमे चाउर, टमान मेरके मिलाइल दाल, सागपात, अण्डा मिलाके पकाइ परठ् । जौन खाना बच्चाहे पोषिलो रहठ् ।”
टीकापुर नगरपालिकासे खटल स्वास्थ्यकर्मी ओ महिला स्वास्थ्य स्वयं सेविका हरेक वडामे रहल गाउँघर क्लिनिकमे जाउलो पकैना सिखाइलपाछे हजार दिनके बच्चाहे कैसिक स्याहर्ना कनामे थप सचेत हुइल बटैठै । “मोर पहिल बच्चाहे मै मजासे स्याहार नैकैनु कहिके पछुतो लागठ्, अब्बे डुसरा बच्चा आठ महिनाके बा, अब्बे मजासे स्याहारे सिखल बाटुँ”, टीकापुर–५ के सन्ध्या विक कहली, “बच्चाके पोषणमे दुई बरसभित्रे ध्यान डेहे पर्ना रहठ् कना सिकाइ हुइल बा । पहिल बच्चा मजासे नै स्याहारल कारण कमजोर बा बिरामी हुइटी रहठ् । आब डोसर बच्चा मजासे स्याहारटी रहल बाटुँ ।”
नगरपालिकासे बच्चाके पोषण सुधारके क्षेत्रमे योजना बनाके काम करटी रहल बा । नगरपालिकामे सङ्घीय सरकारमार्फत बहुक्षेत्रीय पोषण योजनाके आंशिक कार्यक्रम सञ्चालनमे रहल बावै । उ बाहेक फेन नगरपालिकासे अपने स्रोतसे फेन कुपोषण न्यूनीकरणके लाग जनचेतना वृद्धि कैना, खानपानमे बानी सुधार कैना, पोषिलो खाना डेना लगायतके टमान कार्यक्रम कैना करल बा ।
हरेक महिना हुइना गाउँघर क्लिनिकमे हजार दिनके डाइहे बच्चाहे खवाइना जाउलो पकैना सिकाजाइठ् । स्वास्थ्यकर्मी ओ सामुदायिक महिला स्वास्थ्य स्वयंसेविका गाउँघर क्लिनिकमे हजार दिनके डाइहे जाउलो पकैना सिकैना करठ् । गाउँघर क्लिनिकमे जाउलो पकैना, जाउलो पकाइबर आवश्यक पर्ना सामान ओ खैना तरिकाबारे हजार दिनके डाइहे सिकैना करल महिला स्वास्थ्य स्वयंसेविका कमला चौधरी बटैली ।
बच्चाहे जन्मलसे छ महिनासम डाइक दूधकिल पिवाइ परठ् । बच्चा छ महिना पूरा हुइलपाछे डाइक दूधसँगे जाउलो लगायतके नरम खैनाचीज खवाइ परठ् । बच्चाके पोषणमे डाइहे जिम्मेवार बनाइकलाग जाउलो पकैना सिकैना करल सिनियर अनमी हेमा ज्ञवाली बटैठी । “नगरपालिका २२ ठाउँमे अइसीक हजार दिनके डाइहे हरेक महिना जाउलो पकैना सिकैना करल बा”, सिनियर अनमी ज्ञवाली कहठी, “जाउलो पकाइक लाग आवश्यक सामान नगरपालिकासे डेना करल बा ।”
ओहकान अनुसार नगरपालिकासे घरमे फेन इ मेरके पोषिलो खैनाचीज प्रयोग कैके पकाइल खैनाचीज बच्चाहे खवाइना डाइनहे प्रोत्साहन कैना इ मेरके कार्यक्रम कैना करल हो । नगरपालिकासे यकरसाथे गाउँघर क्लिनिकमे स्वास्थ्यकर्मीके उपस्थितिमे महिला ओ बालबालिकाके स्वास्थ्य समस्याबारे नियमित छलफल कैना करल बा ।
छलफलमे आइल समस्याहे तत्काल सम्बोधनके व्यवस्था रहल जनस्वास्थ्य प्रवद्र्धन उपशाखा संयोजक बलबहादुर रावल जानकारी डेलै । “हम्रे पोषणहे महत्व डेके काम करटी रहल बाटी, हरेक स्वास्थ्य संस्थामे पोषण कर्नर बनाइल बा । इहीसे कैसिन खाना खाइ परठ् कना सन्देश डेहठ्”, उहाँ कहली, “यकर साथे विविध कार्यक्रम करठी, पोषणयुक्त खैनाचीजकेबारे गर्भवती तथा हजार दिनके डाइनहे सिकैना, परिवारके सदस्यहे सिकैना ओ सुत्केरीहे पोषण कोसेली वितरण कैना लगायतके कार्य कैटी रहल बाटी ।”


