शिवानीसिंह थारुसे रामलालसम
कौन–कौन विषयमे हुइल प्यानल छलफल ?
पहुरा समाचारदाता
कञ्चनपुर, १८ फागुन । छैठौं राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलन कार्यक्रममे थारू भाषा, साहित्य, लोकसंस्कृति राजनीतिलगायत ९ ठो विविध विषयमे प्यानल छलफल हुइल बा ।
फागुन १२ से १४ गतेसम हुइल कार्यक्रममे आकर्षणके केन्द्र साहित्यकारद्वय शिवानीसिंह थारु ओ रामलालजोशी रहिट, जे आख्यान यात्रा विषयमे आ–अपन अनुभव साटल रहिट । थारु अपन पहिल उपन्यास काठमाडौंमे एक दिनपूर्वी मधेशके विषयमे रहलमे अइना उपन्यास नेपालगंज क्षेत्रहे केन्द्रित करके पश्चिम मधेशके विषयमे रहना जानकारी डेली । उहाँ अपने थारु जाति हुइलेसेफे थारु भाषा नइअइना स्वीकरटी थारु भाषा सिखके मातृभाषामे फे कलम चलैना सम्मेलनसे उत्प्रेरित करल बटैली । उहोर जोशी पश्चिम क्षेत्रके विषयमे ढेर आख्यान लिख सेकल ओरसे अब अपन ध्यानपूर्वी क्षेत्रके विषयमे रहना जानकारी डेलै । उ सेसनके सहजीकरण शेखर दहित करले रहिट ।
थारू साहित्यिक तथा अन्य पत्रिकारिता विषयमे रानाथारून्के डटकमका सम्पादक नन्दलाल राना, लावा डग्गर त्रैमासिकके प्रधान सम्पादक छविलाल कोपिलासंग हरचाली त्रैमासिकके प्रधान सम्पादक सागर कुश्मी बहस चलैले रहिट । स्थानीय पालिकासे थारू मिडियाहुक्रे कौनो सपोर्ट नइपाइल प्यानलके निचोड रहल रहे । ओस्टेक थारूलोक साहित्य ओ लोक दर्शन विषयमे संस्कृतिविदद्वय सुशील चौधरी ओ जोगराज चौधरीसंग जंग्रार साहित्यिक बखेरीके संयोजक सोम डेमनडौरा छलफल चलैले रहिट । थारूलोक संस्कृतिनिके समृद्ध रहल मने पर्याप्त दस्तावेजीकरण तथा विश्लेषण हुई नइसेकल सम्बन्धमे छलफल केन्द्रित रहल ।

ओस्टेक करके कञ्चनपुरके राजनीतिमे थारूके अवस्था विषयमे पूर्व संविधान सभा सदस्य देवीलाल चौधरी तथा सञ्चारकर्मी बलबहादुर डंगौरासंग थारू नागरिक समाजके संयोजक दिलबहादुर चौधरी छलफल चलैलै । सक्कु चिजके मियो राजनीति हुइल ओरसे भाषा, साहित्यके उन्नयनलगायत जौनफे क्षेत्रमे प्रगति कैना थारूहुक्रे मूलधारके राजनीतिमे समानुपातिक समावेशी ढंगसे समावेश हुई पर्ना आवाज उठल रहे । डंगौरासे राजनीतिमे गुलामी करे नइसेकल, समाज रुपान्तरणमे लग्ना महोल नइरहल ओरसे राजनीति छोरके पत्रकारितामे आइल बटैलै ।
चार ठो पुस्तक विमोचन
सम्मेलनके उद्घाटनके अवसरमे ४ ठो कृति विमोचन हुइल रहे । जेम्ने शेखर दहितके थारूजोधा (जीवनी संग्रह), वीरबहादुर राजवंशीके जोंजा लेख संग्रह, साफी राजवंशीके गोरपासु संस्मरण संग्रह, मानबहादुर चौधरी पन्नाके सम्पादनमे प्रकाशित लखागीन जर्नल रहल रहे । यी सक्कु स्रष्टाहुकनसंग पुस्तकके बारेमे छविलाल कोपिलासे प्यानल छलफल चलैले रहिट । और वर्ष दर्जन ढेर कृति सम्मेलनमे विमोचन हुइना करलेसेफे कोरोनाके कारण गैल वर्ष ओ यी वर्ष विमोचन हुइना पुस्तकके संख्या कम हुइल रहे ।
थरुहटके टमान पालिकामे थारूहुकनके परम्परागत संगठन बरघर प्रणाली सक्रिय बा । कतिपय पालिकामे बरघर ऐन बनके लागु समेत हुई लागल बा । यिहे क्रममे विकासमे जनप्रतिनिधि ओ बरघर भलमन्साके भूमिके विषयमे कृष्णपुर नगरपालिकाके उपमेयर रमिता राना बडायक, उहे नगरपालिकाका ५ नं. वडा अध्यक्ष आशाराम चौधरी, थारू कल्याणकारिणी सभा कञ्चनपुरके सल्लाहकार रोशन चौधरीसँग सोम डेमनडौराले छलफल चलैले रहिट । विकास निर्माणके काममे थारू बरघरहुक्रे निर्वाचित जनप्रतिनिधिहुकनसेफे सक्रिय रहना करल मने कौनो सुविधा नपाइल छलफलके निष्कर्ष रहे । आशाराम चौधरीसे अपन पालिकासे बरघर अक्षय कोष बनाई लागल जानकारी डेले रहिट ।
थारू महिला काहे पाछे ? विषयमे अधिवक्ता गीता चौधरी, साहित्यकार सुनिता चौधरी सानु, नेपाली काँग्रेस महाधिवेशन प्रतिनिधि गीता चौधरीसँग साफी चौधरीसे छलफल चलैले रहिट । थारू महिलाहुक्रे आघे बह्रटी करल अवस्था रहलेसेफे ओइनहे अधिकारके लाग घरसे सपोर्ट हुइना वातावरण बना डेहे पर्ना छलफलके निचोड रहल रहे ।

थारु गीत संगीतके अवस्थाबारे गायकद्वय दोषहरण चौधरी, सन्तराम चौधरी ओ बसन्ती चौधरीसँग दुसर गायक राजु चौधरी ‘राज’ बहस चलैले रहिट । उ क्रममे थारु गायकहुक्रे थारु गीतके मौलिकता जोगैना प्रयास करलेसेफे पर्याप्त नइरहल निष्कर्ष रहे ।
टमान क्षेत्रके नेतृत्वमे थारूहुक्रे अगुवाइ करल मने ओइनके इतिहास नइलिखल तीत यथार्थ बा । यिहे क्रममे खै थारू यौद्धाहुकनके खोजी ? विषयमे थारू जोधा (यौद्धा) पुस्तकके लेखक शेखर दहित, थारू लेखक संघ नेपाल कैलाली शाखाके अध्यक्ष सीताराम चौधरी, लेखक रामसागर चौधरीसँग डा. कृष्णराज सर्वहारी छलफल चलैले रहिट । दहितके पुस्तकथारु जोधामे दाङ, बाँके तथा बर्दियाके कुछ थारु यौद्धाहुकनके जीवनी समेटल बा । यैसिन जीवनी प्रत्येक थरुहट क्षेत्रके जिल्लामे अमूल्य योगदान पुगैना थारु योद्धाहुकजके बारेमे पुस्तक आई पर्ना छलफलके निचोड रहे ।
सामाजिक सञ्जालमे स्रष्टाहुक्रे मातृभाषा थारुमे फे अपन रचना पस्कटी आइल बटै । यिहे क्रममे सामाजिक सञ्जाल ओ थारु साहित्य विषयमे साहित्यकार मानबहादुर पन्ना ओ अंकर अञ्जान सहयात्रीसँग प्रकृतिपूजा चौधरी बहस चलैले रहिट । स्रष्टाहुक्रे जे विषयमे कलम चलैलेसेफे बिना सम्पादन पोष्ट कैना हतार करे नइहुइना छलफलके निचोड रहे ।
दोषहरण पुरस्कृत
सम्मेलनमे थारु लेखक संघ नेपालसे स्थापित थारु भाषा साहित्य पुरस्कार दाङदेउखुरी पचुहियाके गायक दोषहरण चौधरीहे प्रदान करल रहे । उ पुरस्कारके राशी १५५५५।– रहल बा । साथे संघके संस्थापक तथा आजीवन सदस्यहुकनहे प्रमाण पत्रफे प्रदान करल रहे । स्मरण रहे गैल वर्ष थारु भाषा साहित्य पुरस्कार कथाकार शेखर दहितहे प्रदान करल रहे ।
पहिल दिन कार्यक्रमके उद्घाटन कृष्णपुर नगरपालिकाके मेयर कर्णबहादुर हमाल करले रहिट । उहाँ अपन क्षेत्रके डोटेली, रानाथारु, डंगौरा थारु लगायत सक्कु भाषाके समान विकासमे लग्ना जानकारी डेहल रहिट । थारु कल्याणकारिणी सभा कञ्चनपुरके सभापति मेवाराम चौधरी स्वागत करटी कार्यक्रमके उद्येश्य उप्पर प्रकाश पारल रहिट कलेसे थारु लेखक संघ नेपालके केन्द्रीय अध्यक्ष डा. कृष्णराज सर्वहारी धन्यवाद ज्ञापन करले रहिट । थारु विद्यार्थी समाजके केन्द्रीय उपाध्यक्ष गीता चौधरी, लेखक वीरेन्द्र चौधरी, थारु आयोगके सदस्य भोलाराम चौधरी लगायत शुभ कामना मन्तब्य डेहल रहिट कलेसे कार्यक्रमके मूल संयोजक जोगराज चौधरीके सभापतित्वमे कार्यक्रम हुइल रहे ।
कार्यक्रम सञ्चालन गीताचौधरी करले रहिट । कार्यक्रममे स्थानीय डंगौरा ओ रानाथारुहुकनके टमान नाचगान देखैनाके साथे कविहुकनसे रचनाफे बाचन करल रहे ।
१० बुँदे घोषणापत्रजारी
कार्यक्रमके समापनमे १० बुँदे घोषणापत्र जारी कैगिल । जेम्ने थारू भाषा, साहित्य, संस्कृतिके विकासके लाग थारू साहित्यिक संघसंस्था, भाषाप्रेमी, लेखक, प्रकाशक, सम्पादक एकजुट हुके सहकार्य कैना प्रतिवद्ध हुइल बटै । साथे थारू मातृभाषामे पठनपाठन कार्यान्वयनके लाग थारूबाहुल्य पालिकाके विद्यालयमे पठनपाठनके लाग सहकार्य कैना, थारू लोक साहित्य तथा लोकसंस्कृतिके संरक्षण ओ प्रवर्द्धनसंगे दस्तावेजीकरणके लाग कार्य आघे बढैना, आख्यान विधाके स्रष्टाहे आकर्षित कैना खालके कार्यक्रम सञ्चालन कैना हुइल बा ।

थारू लेखक संघ नेपाल, थारू कल्याणकारिणी सभा कञ्चनपुरके आयोजना, सिंहपुर युवा क्लब, गोचाली परिवार कञ्चनपुरके सहआयोजना, कृष्णपुर नगरपालिका तथा उहे पालिकाके ५ ओ ६ नं. वडा एवम् एआइपीपीके सहकार्यमे हुइल ३ दिने कार्यक्रममे करिब २ सयसे ढेर थारू साहित्यकारहुकनके जमघट रहल रहे ।
थारू लेखक संघ नेपालसे स्थापित थारू भाषा ओ साहित्यके क्षेत्रमे महत्वपूर्ण योगदान डेना स्रष्टाहे सम्मान ओ पुरस्कारके लाग अक्षयकोष रकम बढैना सम्मेलनसे निर्णय करले बा । थारू भाषाके विकासके लाग अपन भाषा बोल्ना, लिख्ना ओ छप्ना, छपैना काममे आइल तीव्रताहे निरन्तरता डेना ओ सिर्जनशील लेखनहे प्रोत्साहन कैना घोषणापत्रमे उल्लेख बा ।
थरुहट क्षेत्रके प्रत्येक पालिकाहे थारू भाषा, साहित्य ओ संस्कृतिके संरक्षण, विकासके लाग बजेट विनियोजन करे लगाइक लाग दबाब डेना, साहित्य सम्मेलनके स्मारिका प्रकाशित कैना निर्णय करल बा । साथे अइना सातौँ राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलन बाँके जिल्लामे २०७९ फागुनमे कैना जानकारी थारू लेखक संघ नेपालके केन्द्रीय अध्यक्ष डा कृष्णराज सर्वहारी डेलै ।


