वैशाख पहिल सातासे कृषि गणना
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २१ चैत । राष्ट्रिय कृषि गणना २०७८ सम्बन्धी जिल्लास्तरीय कृषि गणना सचेतना गोष्ठी सोम्मारके रोज धनगढीमे हुइल बा । प्रदेश कृषि गणना कार्यालय सुदूरपश्चिमके आयोजनामे कार्यक्रम हुइल हो ।
कार्यक्रममे प्रदेश कृषि गणना कार्यालयके प्रमुख कुलप्रकाश न्योपाने आगामि वैशाख ६ गतेसे जेठ १९ गतेसम सञ्चालन हुइना जानकारी करैलैं ।
कार्यालय प्रमुख न्योपाने कृषिकहुकनहे सत्यतथ्य तथ्यांक उपलब्ध कराके सहयोग करना सबहे आग्रह समेत करलैं । उहाँक अनुसार देशभरके साढे ३ लाख घर परिवारहे प्रतिनिधिमूलक घरके रूपमे छन्ना ओ नमुना छनोटमे परल घरमे गणक पुगके विवरण भरहि । उमध्ये जिपिएस सिस्टमसे कैलालीके सक्कु स्थानीय तहके वडा समोट जाइ ।
वैशाख ३ भित्तर तालिम प्रदान कैके ६ गतेसे जेठ १९ सम तथ्यांक संकलनके लाग खटैना कार्यतालिका रहल बा । देशभर पाँच हजार २३ जाने गणक कृषि गणनाके लाग खटहि । उहाँहुकनके सहजीकरणके लाग एक हजार दुई सय ८० जाने सुपरिवेक्षक खटल बटैं ।
नेपालमे पहिलचो २०१८ सालमे कृषि गणना हुइल रहे । प्रत्येक १०/१० वर्षमे हुइना कृषि गणना अब्बेक सातौं चो करे लागल हो । कृषि गणनाके लाग करिब दुई दर्जन प्रश्न समोटके प्रश्नावली तयार हुइल बा ।
कृषि गणनासे कृषिसँग सम्बन्धित टमान विवरण प्राप्त हुइना विश्वास लेहल बा । खेतीयोग्य जमिन, जमिनमे प्रयोग हुइल मलसे लेके विषादीसमके विवरण समोट्ना मेरिक प्रश्नावली बनाइल बा । कृषि गणनामे नेपालके प्रत्येक जिल्लाके कृषि संरचना, गतिविधि तथा कृषि उत्पादनसँग सम्बन्धी विवरण संकलन करजाइठ ।
कृषकसे चलान करल जग्गाके आधार, जग्गाके उपभोग ओ उपयोग, बाली लागल क्षेत्रफल ओ बालीके उत्पादन, सिँचाइ, पशुपन्छी संख्या, कृषि औजारके उपयोग, कृषि कर्ममे संलग्न जनशक्तिजैसिन विषयमे तथ्यांक संकलन करना विभाग जनैले बा ।
यिहिनसे कृषि क्षेत्रके योजना तर्जुमा, कार्यान्वयन, अनुगमन तथा मूल्यांकनमे मुलुकहे आवश्यक परना तथ्यांक उपलब्ध हुइ । गणना कार्य ४५ दिनभित्तरमे ओरैना कार्यालय जनैले बा ।
नेपालके जनंसख्या २०७८ के आधार मानके कृषि गणना करे लागल हो । कार्यक्रमके प्रमुख अतिथि तथा जिल्ला समन्वय समितिके उपप्रमुख सुन्दरदेवी चौधरी कृषि गणना आवश्यक रहल मने, समय कम रहलकि कना प्रश्न करलि । ‘कृषि गणना आवश्यक हो’, उहाँ कलि, ‘स्थानीय निकायके निर्वाचनके चटारोसंगे हुइल ओरसे समस्या हुइ कि ।’
ओस्टेक कैलालीके प्रमुख जिल्ला अधिकारी किरण थापा सक्कु किसानहे समोट्ना मेरिक पर्याप्त प्रचाप्रचार आवश्यक रहल बटैलैं ।


