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समितिसे प्रस्तावित गेटा मेडिकल कलेजके अनुगमन

पहुरा | २६ असार २०७९, आईतवार
समितिसे प्रस्तावित गेटा मेडिकल कलेजके अनुगमन

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २६ असार ।
संघीय संसद्के शिक्षा तथा स्वास्थ्य समितिके टोलीसे अँँटवार कैलालीके प्रस्तावित गेटा मेडिकल कलेजके अनुगमन करले बा । संघीय संसद्के शिक्षा तथा स्वास्थ्य समितिके टोली गेटा मेडिकल कलेजहे मेडिकल विश्वविद्यालय बनाई पर्नामे जोड डेले बा ।

निरीक्षणके क्रममे समितिके टोली गेटा मेडिकल कलेजके स्थलगत निरीक्षण करटी शिक्षा मन्त्रालय मातहत रही निर्माणाधीन गेटा मेडिकल कलेजहे अपने अलगे विश्वविद्यालय बनाई पर्नामे जोड डेलै ।

उ क्रममे आयोजित अन्तरक्रिया कार्यक्रममे बोल्टी पूर्व पर्यटन, नागरिक तथा उडडयन मन्त्री योगेश भट्टराई मेडिकल कलेजके भौतिक प्रगति सन्तोषजनक रहल बटैलै । उहाँ यहाँ विश्वविद्यालय सञ्चालन करे पर्ना बटैलै ।

विकास ओ मानव विकास सूचकांकके हिसाबसे पाछे परल सुदूरपश्चिममे गेटा मेडिकल कलेजहे मेडिकल विश्वविद्यालयके रूपमे आघे बढाई सेक्लेसे भर राष्ट्रके लाग मजा हुइना उहाँ बटैलै । टोलीसंगे रहल पूर्व वन तथा वातावरण मन्त्री नारदमुनि राना गेटा मेडिकल कलेजहे विश्वविद्यालयके रूपमे विकास करे पर्नामे जोड डेलै ।’

गेटा मेडिकल कलेजमे भौतिक पूर्वाधारके काम ९० प्रतिशत सेकल बा, उहाँ कहलै । मेडिकल कलेजके भौतिक पूर्वाधार निर्देशक हेमराज पुजारा अस्पताल चलाई आवश्यक पर्ना पूर्वाधार दुई आघे तयार करल जानकारी डेलै । उहाँ थप संरचना बनैना कामफे जारी रहल बटैलै ।

संघीय सांसद चित्रकला यादव मेडिकल कलेजहे तत्काल सञ्चालन करे पर्ना बटैली । उहाँ मेडिकल कलेजके भौतिक प्रगति सन्तोषजनक रहल ओरसे यकर ठप विकासमे सहयोग हुइना प्रतिबद्धतासमेत जनैली । चिकित्सा विश्वविद्यालय सञ्चालनके लाग दबाव दिन गठित संघर्ष समितिके संयोजक लोकराज पाण्डे मेडिकल कलेजहे राष्ट्रिय चिकित्सा विश्वविद्यालयके रुपमे सञ्चालन कैना बाहेक औ बाट स्वीकार्य नइहुइना बटैलै ।

देशभर ४२ ठो मेडिकल कलेज ओ ७ ठो टमान प्रतिष्ठान सञ्चालन हुइटी रहल बेला सुदूरपश्चिमके २८ लाख नागरिकहे अभिनसम उपेक्षा करल बटैटी उहाँ आब भर गेटा मेडिकल कलेजहे विश्वविद्यालयके रुपमे सञ्चालन नइकरम जौनफे कदम उठैनाफे प्रदेशबासी तयार हुइल उहाँ चेतावनी डेलै ।

धनगढी उपमहानगरपालिकाके मेयर गोपाल हमाल गेटा मेडिकल कलेजहे संघ ओ प्रतिनिधिसभाके चुनावआघे सञ्चालन करे पर्ना धारणा रख्लै ।

प्रदेशबासीहे सदा अल्मल्यइना ओ अल्झैना काम करल बटैटी उहाँ मेडिकल कलेजहे विश्वविद्यालय बनैना बाट चुनावी फण्डा मात्र हुई सेक्ना कहटी हाली सञ्चालन करे पर्ना बटैलै ।

विश्वविद्यालय सञ्चालनके लाग आवश्यक पर्ना पूर्वाधार निर्माण हुसेकल ओरसे शीघ्र सञ्चालन कैना भूमिका खेलडेना समेत संसदीय समितिहे आग्रह करल बा । प्रतिनिधिसभा सदस्य डा. दीपकप्रकाश भट्टफे विगत दुई÷तीन वर्षसे प्रदेशबासी गेटाहे राष्ट्रिय चिकित्सा विश्वविद्यालयके रुपमे सञ्चालन करे पर्ना माग रख्टी आइल स्मरण करटी ओकर लाग आवश्यक पर्ना कानून तत्काल निर्माण करे पर्ना बटैले बटै ।

विश्वविद्यालय स्थापना हुइलेसे स्वास्थ्य क्षेत्रके दक्ष जनशक्ति उत्पादनमे महत्वपूर्ण भूमिका खेल्न उहाँक विश्वास बा । संसदीय अनुगमन टोलीमे सांसद योगेश भट्टराई, अञ्जना विशंखे, चित्रलेखा यादव, नवीन लामा, भैरवबहादुर सिंह, मानबहादुर विश्वकर्मा, डा. दीपक भट्ट ओ नारदमुनि रानाके सहभागिता रहल रहे ।

गेटामे मेडिकल कलेजके संरचना बनासेक्लेसेफे सञ्चालनके लाग सरकारसे कौनो कदम नइचालल कहटी सुदूरपश्चिमबासी आन्दोलित बटै । भौतिक संरचना तयार हुसेक्लेसेफे सञ्चालन मोडालिटी टुङगो नइलागेबेर अभिनसम गेटा मेडिकल कलेज सञ्चालन अन्योलमे बा । दुई दशकसे चर्चामे रहल ओ सात वर्षसे भवन लगायतके भौतिक संरचना निर्माण हुइटी रहल गेटा मेडिकल कलेजके हालसम सात सय शैया क्षमताके दुई भवनसहित भारी छोट करके ३५ भवन निर्माण हुसेकm बटै ।

गेटा मेडिकल कलेज पूर्वाधार विकास समितिमार्फत भौतिक संरचना निर्माण हुइल हुइट । भौतिक संरचना निर्माणमे साढे चार अर्ब रुप्या ढेर खर्च हुसेकलेफे सरकारसे कौन मोडलमे सञ्चालन कैना, कनाबारे कौनो नीतिगत निर्णय नइकरल कारण अन्यौल रहटी आइल बा । पछिल्का बार सरकारसे गेटा मेडिकल कलेजहे स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठानके रुपमे सञ्चालन कैना तयारी करल बा । शुरुमे गेटामे अस्पताल सञ्चालन कैना ओ पाछे स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठानमे स्तरोन्नती कैना तयारी हुइटी रहल बा । गैल ९ (असार) मे सरकारसे डाक्टर प्रमोद जोशीहे गेटा मेडिकल कलेजके निर्देशकमे नियुक्त करसेकल बा ।

सरकारके अइना आर्थिक वर्ष २०७९/०८० के नीति ओ कार्यक्रममे गेटा मेडिकल कलेज सञ्चालनबारे कौनो उल्लेख नइहुइलेसेफे कैलालीमे जनस्तरसे आन्दोलन उठल रहे । सरकारके अइना आर्थिक वर्षके नीति तथा कार्यक्रमके बुँदा १०८ मे कहल रहे । ‘प्रत्येक प्रदेशमे कम्तीमे दुई मेडिकल कलेज÷प्रतिष्ठान स्थापना ओ सञ्चालन कैना नीति लेना बा । सुदूरपश्चिम विश्वविद्यालयसंगके सहकार्यमे डडेल्धुरामे मेडिकल कलेज सञ्चालनमे नानजाई ।’

जनस्तरमे आन्दोलन जारी रहल वेला सरकारसे प्रस्तुत करल अइना आर्थिक वर्षके बजेटसे झन् अन्योल बढाइल रहे । सरकारके अइना आर्थिक वर्षके बजेट वक्तव्यके बुँदा १७० मे कहल रहे ।

‘बुटवल मेडिकल कलेज ओ लुम्बिनी प्रादेशिक अस्पताल, सुर्खेत मेडिकल कलेज ओ कर्णाली प्रादेशिक अस्पताल, कर्णाली स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान ओ चौरजहारी सामुदायिक अस्पताल तथा गेटा मेडिकल कलेज ओ सेती तथा महाकाली अस्पतालबीचके सहकार्यमे सम्बन्धित विश्वविद्यालयअन्तर्गत मेडिकल कलेज सञ्चालन कैना व्यवस्था मिलाजाई । डडेल्धुरामे मेडिकल कलेज स्थापनाके प्रक्रिया आघे बह्राजाई ।’

पछिल्ला दुई दशकके अवधिमे यी संस्था कबु आयुर्विज्ञान प्रतिष्ठान, कबु दशरथचन्द स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान टे कौनो बेला मेडिकल कलेजके रुपमे प्रस्तुत करटी आइल बा । २०५६/०५७ ओर ‘शङ्कराचार्य आयुर्विज्ञान प्रतिष्ठान’ २०६८ से आर्थिक वर्ष २०७३/७४ सम दशरथचन्द स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान ओ उ पाछेक समयमे मेडिकल कलेजके रुपमे प्रस्तुत करल ओ चलनचल्टीमे गेटा मेडिकल कलेजसे चिन्हाइलमे पछिल्का दिनमे सुदुरपश्चिमेली जनता, प्रदेशसे प्रतितिनिधित्व कैना सक्कु संघीय सांसद, स्वास्थ्य क्षेत्रके विज्ञ, शिक्षाविद्, लगायतके सरोकारवाला गेटामे चिकित्सा विश्वविद्यालयके रुपमे सञ्चालन हुई पर्नामे एकमत हुइल बटै ।

सांसद ओ आन्दोलनरत नागरिकसे टमान चरणमे प्रधानमन्त्री, शिक्षा ओ स्वास्थ्यमन्त्रीहे गेटामे चिकित्सा विश्वविद्यालय सञ्चालनके मागसहित ज्ञापनपत्र समेत बुझासेकल बा । यिहे बीच, नेकपा एमाले सुदूरपश्चिम कमिटिसे गेटामे राष्ट्रिय चिकित्सा विश्वविद्यालय सञ्चालन कैना सरकारके ध्यानकर्षण करैले बा ।

एमाले प्रदेश कमिटीसे अँटवारके एक प्रेस विज्ञप्ती जारी करटी ‘तत्कालिन प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली धनगढीमे आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रममे गेटामे राष्ट्रिय चिकित्सा विश्वविद्यालयके निर्माण कैना प्रतिवद्धता व्यक्त करल स्मरण करटी यिहीहे चिकित्सा विश्वविद्यालयके रुपमे सञ्चालन’ कैना माग करल बा ।

एमाले प्रदेश सचिव धर्मराज पाठकसे जारी विज्ञप्तीमे ‘नम्मा समयसे गेटामे मेडिकल कलेजके लाग भौतिक संरचना निर्माण हुसेक्लेसेफे कौन स्वरुपके स्वास्थ्य संस्था सञ्चालन कैना कनामे अन्यौलबीच तत्काल आधुनिक उपकरण तथा विशेषज्ञ सेवासहितके सुविधासम्पन्न अस्पताल सञ्चालन कैना’ माग करल बा ।

विज्ञप्तिमार्फत एमाले प्रदेश कमिटीसे ‘और प्रदेशमे मेडिकल कलेज वा स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान स्थापना हुके सञ्चालन हुइटी रहलमे सन्दर्भमे सुदूरपश्चिम प्रदेशमे हालसमफे स्वाथ्य जनशक्ति उत्पादन तथा गुणस्तरीय स्वास्थ सेवा प्रदायक संस्था नइहुइना खेदजनक’ हुइल दोहर्‍याइल बा ।

सरकारके अइना आर्थिक वर्षके नीति तथा कार्यक्रम ओ बजेटमे गेटामे मेडिकल कलेजबारे कौनो सम्बोधन नैहुइलमे ध्यानाकर्षण करैटी एमालेसे आवश्यक जनशक्ति ओ बजेटके व्यवस्था कैना माग करल बा ।

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