थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २६ कार्तिक २६४९, मंगर ]
[ वि.सं २५ कार्तिक २०८२, मंगलवार ]
[ 11 Nov 2025, Tuesday ]

गुरहीके अवसरमे जोशीपुर गाउँपालिकासे स्थानीय बिदा

पहुरा | १६ श्रावण २०७९, सोमबार
गुरहीके अवसरमे जोशीपुर गाउँपालिकासे स्थानीय बिदा

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १६ सावन ।
थारु समुदायके टरटिहुवारके शुरुवातके रुपमे लेजैना गुरही टिहुवारके अवसरमे जोशीपुर गाउँपालिकासे स्थानीय बिदा डेना निर्णय करले बा ।

गाउँ कार्यपालिकाके सावन ६ गते हुइल निर्णय अनुसार इहे सावन १७ गते मंगके गुरही टिहुवारके अवसरमे स्थानीय बिदा डेना हुइल हो । गाउँपालिकासे सोम्मारके स्थानीय बिदा सम्बन्धी सूचना जारी कैटी सावन शुक्ल पञ्चमीके दिन गाउँ कार्यपालिकाके कार्यालय, वडा कार्यालय, स्वास्थ्य संस्था तथा विद्यालयमे स्थानीय बिदा रहना जनाइल बा ।

थारु समुदायमे ‘गुरही’ मनैनाके अर्थ, नाग बाबाहे पुजा कैके विसहा साप घरम नैअइना, घरमे बाज नै मर्ना, आगलागी नैहुइना, दुःखके बज्रपात नैपर्ना, रोगव्याधी ओ महामारी घरमे प्रवेश नैकैना विश्वास करजाइठ् । नागबाबाहे घरके डुवारमे टाँसके पूजा कैनाके आशय दुःख, कष्ट ओ रोगव्याधीहे नागबाबा घरमे प्रवेशसे रोक्ना कना हो । इहीहे नागपञ्चमीके रुपमे फेन मनाजाइठ् । थारु समाजमे ‘गुरही, गुर्या’ कहिके मनाजैना इ टिहुवारहे नेपाली समाज नागपञ्चमी कहिके मनैठै ।

नागपञ्चमीमे विशेष कैके नेपाली नागबाबाके पूजा–आजा करठै कलेसे थारु समाजमे ‘गुरही’ पूजा हुइठ् । थारु समाजमे फेन ठाउँअनुसार ‘गुरही’ फरक फरक ढंगसे मनैठै । इ टिहुवार गाउँके युवती गाउँसे डुरके चोकमे जाके कपडासे बनाइल छोट छोट गुरही ९गाइने कीराके प्रतीक० असरैना (सेलैना) चलन रहल बा । इ टिहुवारहे बालबालिकासँग सम्बन्धित टिहुवारके रूपमे फेन लेना करल बा ।

No description available.

गुरही असराइबर छोट छोट बालबालिकामे आँखी पक्ना, जुरी अइना, खटरा अइना, ृउल्टी हुइना जैसिन रोग चोखैना जनविश्वास रहल बा । यरकसाथे सामाजिक सद्भाव, आपसी मित्रता बह्रैनाके साथे गाउँमे हुइल दुःख, संकटलगायत अन्य विपत्ति भग्ना जनविश्वास रहल बा ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू