छाडा चौपाया व्यवस्थापनमे जुटटी पालिका

धनगढी, २३ सावन । चिसापानीस्थित कर्णाली पुलसे कञ्चनपुरके गडडाचौकीसमके पूर्व–पश्चिम राजमार्गसहित धनगढी ओ महेन्द्रनगरलगायतके मुख्य बजार क्षेत्रमे छाडा चौपायाके कारण सवारी दुर्घटना बढल ओ स्थानीयके बालीनालीफे सखाप हुइना करल वर्षौं हुसेकल । सुदूरपश्चिम प्रदेश ट्राफिक प्रहरी कार्यालयके अनुसार गैल आथिक वर्ष सडकमे छोरल छाडा पशु चौपायासैग सवारी साधन टक्राके ३८ ठो दुर्घटना हुइल, जेम्ने तीन जाने संगे २९ छाडा चौपाया मुलै ।
उ घटनामे ४३ जाने घाहिल हुइल बटै । चालु आव सावनके तीन सातामे हुइल तीन ठो सडक दुर्घटनामे एक जानेक मृत्यु हुसेकल बा कलेसे चार जाने घाहिल हुइल बटै । यिहे साता अत्तरियामे ट्यांकरसे ठक्कर डेहेबेर ५ ठो छाडा चौपाया सडकमे मुलै । ट्यांकर पोलमे टक्राके दुर्घटनाग्रस्त हुइल ।
छाडा चौपाया व्यवस्थापनके प्रतिबद्धता पछिल्का निर्वाचनके एजेन्डा बन्टी आइल बा । मने समस्या ज्युँके त्यूँ बा । बरु दुर्घटना बढलके बढल बा । छाडा चौपायासे बालीनालीफे सिध्याके सखाप बा । स्थानीय जनप्रतिनिधि यी आघे छाडा चौपाया नियन्त्रण तथा संरक्षणके प्रयास करलेक हुइट । मने सफल नइहुइलै । महेन्द्रनगरसे लम्कीचुहासमके हाइवे क्षेत्रके पालिकासे ओकर लाग खर्चल करोडौं रकम उपलब्धिविहीन हुइटी रहल बा ।
छाडा चौपायासे हैरान खेपल राजमार्ग क्षेत्रके नगरप्रमुख छाडा चौपाया संरक्षणके उपाय निकर्ना शुकके कैलालीके छिमेकी जिल्ला बर्दियाके बारबर्दिया नगरपालिकास्थित कतर्नियामे सञ्चालित सामुदायिक गौ आश्रममे भेला हुइलै । यी गौ सेवा आश्रम समुदायसे व्यवस्थित नमुना संरक्षण केन्द्र हो । बसाहा वर्डा गौ सेवा आश्रम ओ भक्त विवि फर ह्युमानिटीके संयुक्त आयोजनामे आयोजित भेलामे कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका, कैलारी गाउँपालिका, कञ्चनपुरके भीमदत्त, राजमार्गके क्षेत्रके नगरप्रमुख तथा प्रतिनिधि, बर्दियाके टमान पालिकाके प्रतिनिधि, पालिकामे कार्यरत प्रशासनिक प्रमुख, प्रदेश मन्त्रालयके पशुसेवा निर्देशनालयके निर्देशकसहित पूर्वमन्त्री रमेश लेखकफे सहभागी रहिट ।
योगी पीताम्बरके अगुवाइमे कतर्नियामे करिब एक वर्षसे गौशाला स्थापना हुइल हो । छाडा चौपायासे हैरान हुइल उ क्षेत्रके स्थानीयहे योगी पीताम्ले गौ संरक्षणके धार्मिक तथा वैज्ञानिक महत्वके चर्चा करटी सडकमे गैया छोरना एक मेरिक अपराध हो कना बुझाइलपाछे स्थानीय गौ तथा छाडा चौपाया संरक्षणमे कसल रहिट । आश्रम व्यवस्थापन समितिके सदस्य समेत रहल स्थानीय देवेन्द्र गौतम कहलै, ‘पोहोरसम टे छाडा चौपायासे बालीनाली सखाप पारके हम्रे अन्न भित्राई नइपैना अवस्था रहे । अब्बे उ समस्या नइहो । आश्रमसे आम्दानी कैना सुरु हुइल बा ।’
करिब अढाई सयसे ढेरके संख्यामे गौ संरक्षण करल उ आश्रममे सक्कु काम समुदायसे करठै । तीन जाने हेरालु धरले बटै । चरिचरनके लाग सामुदायिक वनसे व्यवस्थापन करडेहल बा । गैयाके धार्मिक तथा वैज्ञानिक महत्व पत्ता पासेकलपाछे समुदाय जागरुक हुइल बटै । आश्रम सञ्चालनमे बारबर्दिया नगरपालिकासेफे पूर्वाधार निर्माण सुरुआत करके सहयोग करल आश्रमके प्रतिनिधि बटैलै ।

आश्रममे सहभागीहे योगी पीताम्बर गौ संरक्षणके महत्व तथा छाडा चौपाया नियन्त्रण तथा संरक्षणके उपायमे प्रवचन डेहल रहिट । योगी पीताम्बर कहलै ‘धर्मशास्त्रमे गौ रक्षाके धार्मिक महत्व टे अपने ठाउँमे रहल बा, अब्बेक जमानामे गैयासे उत्पादन हुइना वस्तके व्यापारीकरणसे केल अर्थोपार्जन करे सेक्ना सम्भावना बा ।’
गैया संरक्षणके धार्मिक तथा आम्दानीके स्रोत बढैना माध्यमके मर्म नइबुझाइटसम छाडा चौपायाके नाममे जटरफे खन्यइलेसेफे सम्भव नइरहल उहाँक कहाई रहे । उहाँ स्थानीय तहके प्रतिनिधिहे प्रश्न करटी कहलै ‘खर्च टे अभिनसम अपनहुक्रे करोडौं करली । खै टे संरक्षण हुइल ?’

भेलाके आयोजक भक्त विवि फर ह्युमानिटीके प्रतिनिधि राजबहादुर चन्द फे स्थानीय तहहे गौ संरक्षण केन्द्र स्थापनामे सहजीकरण कैना तयार रहल बटैलै । धनगढीके नगरप्रमुख गोपाल हमाल कहलै, ‘समुदायके अपनत्व ओ स्वामित्वबिना गौ संरक्षण सम्भव नइहो ।’
कैलारी गाउँपालिकाके अध्यक्ष राजसमझ चौधरी छाडा चौपाया व्यवस्थापनके गाउँपालिकासे गौशाला निर्माणके ठाउँफे हेरसेकल ओरसे हाली गौशाला निर्माण कैना बटैलै । साभारःइकान्तिपुरसे
