ज्येष्ठ नागरिकके सहारा बन्टी सेवा केन्द्र
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १५ भदौ । ज्येष्ठ नागरिक लालबहादुर ओली घरमे अकली महसुस हुइ लागलपाछे धनगढीस्थित श्री जानकीयज्ञ ज्येष्ठ नागरिक दिवासेवा केन्द्रमे पुगके भजनकीर्तनमे रमैठै । सेवाकेन्द्रमे आयोजना हुइना भजनकीर्तन, प्रवचन ओ देउडा गीतमे रमाइ ९४ वर्षीय उहाँसहित वृद्धवृद्धा पुग्ठै ।
उहाँ कहलै, ‘दैनिक दिवासेवा केन्द्रमे पुगके गीत ओ भजन सुने पाके मजा लागठ्, अपने उमेरके नागरिकसँग भलाकुसारी फेन करे मिलठ् ।’ पचास बरसआघे गोसिनीयाके निधन होके एक्लोपन महसुस करल उहाँके घरमे छावा पटुहिया, नटिया नटिनीया बाटै । त्रीयासी वर्षीय भूमिनन्दन जोशी फेन दिनके समयमे दिवासेवा केन्द्रमे पुग्ठै । ‘भजनकीर्तन ओ देउडा लगायतके गीत संगतके धुन बजेबर उत्साह ओ उमंग थपठ्,’ उहाँ कहलै, ‘आपन दिनके सहरा नै इ सेवाकेन्द्र बनल बा ।’ धनगढीके ८२ वर्षीया चन्द्रा रोस्यारा सेवाकेन्द्रमे हुइटी रहना गतिविधिसे मनमे शान्ति हुइना करल अनुभव सुनैठै ।
उहाँ कहलै, ‘जीवन ठिके चलल् बा, घरमे फेन सक्कु जाने स्याहार ओ माया करटी रहठै ।’ दिवासेवा केन्द्रमे दैनिक कम्तीमे आठ÷दशजाने ओ ढिउरमे २५ जानेसम ज्येष्ठ नागरिक पुग्ना करल बटाइल बा । हारमुनियम, तबला, खैँजडी, मिजरा, मन्द्राके धुनमे भजनकीर्तनके गीत गाइबर सहभागी ज्येष्ठ नागरिकमे उत्साह ओ उमंग थपल डेखजाइठ् ।
ओहेक्रममे उहाँ जीवनमे भोगल सुखदुःखके घटनाके बारेम आपसमे भलाकुसारी फेन करठै । धनगढी उपमहानगरपालिका–२ के पुरान भन्सार रोड किनारके श्री रामजानकी मन्दिर परिसरके एक भवनमे सञ्चालनमे रहल उक्त सेवा केन्द्रसे वृद्धवृद्धाके लाग दिनके समयमे भजनकीर्तन सहितके गीतसंगीतके व्यवस्थापन कैके मनोरञ्जन डेटी आइल हो । भेला हुइना ज्येष्ठ नागरिकके लाग खाजा ओ चियाके व्यवस्था करल रहठ् ।
सेवा केन्द्रमे व्यवस्थापनके जिम्मेवारीमे रहल दुर्गादेवी महरा सेवा केन्द्रसे डेटी रहल सेवासे ज्येष्ठ नागरिकके अलावा आपपनहे फेन सन्तुष्टि हुइटी रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘खाजा चियाके व्यवस्थापसँगे मनोरञ्जन डेना व्यवस्थासे बुढेसकालमे उहाँहे मजा हुइल बा ।’ घरमे अभाव, असुरक्षा ओ एक्लोपनमे बाँचल कतिपय ज्येष्ठ नागरिक उचित माया ओ सहारा नैपाके वृद्धाश्रममे बैठे परल बाध्यता डेखजाइठ् ।
वयस्क उमेरमे जैसिन बुढेसकालमे खैनालैना ओ बच्ना तरिका फेन फेरबदल अइना हुइल ओरसे ज्येष्ठ नागरिकहे माया ओ साहारा निरन्तर चाहठ् । कतिपय घरपरिवारसे उचित व्यवहार ओ माया नैपाके जीवनके उत्तरार्धमे वृद्धवृद्धा पीडित हुइना करल घटना सुनजाइठ् । वृद्धवृद्धाहे दिनके सयम बिटाइ पैना उचित ठाउँके अभाव महसुस हुोके समाजसेवी रमणचन्द्र श्रेष्ठसहितके पहलमे विसं २०७१ मे श्री जानकी ज्येष्ठ नागरिक दिवासेवा केन्द्र स्थापनाके योजना बनल रहे ।
‘महिला बालबालिका तथा ज्येष्ठ नागरिक मन्त्रालयसे सुरुके अवस्थामे ज्येष्ठ नागरिक शीर्षकमे रु दुई लाख बजेट प्राप्त होके प्रारम्भिक काम सुरु करल,’ केन्द्रके संरक्षकसमेत रहल श्रेष्ठ कहलै, ‘पाछे स्थानीय समाजसेवी ईश्वरमान श्रेष्ठ, श्रीमान् श्रेष्ठ, त्रैलोक्यमान श्रेष्ठ ओ सुवर्णमान श्रेष्ठसहितके सहोदर डाडुभैया आपन स्वर्गीय डाइबाबाके स्मृतिमे इ भवन निर्माणहे पूर्णता करलै ।’
दुई तले दिवासेवा केन्द्र भवनके पहिल तल्लामे भजनकीर्तन ओ प्रवचनके कार्यक्रम हुइठ् । डुसरा तल्लामे धार्मिक पुस्तकालय सञ्चालन करल बा । भवन निर्माणमे प्रदेशसभाके सदस्य डिल्लीराज पन्त ओ उपमहानगरपालिका कार्यालयसे फेन सहयोग प्राप्त हुइल संरक्षक श्रेष्ठ बटैलै ।
ज्येष्ठ नागरिक सङ्घ कैलालीके पूर्वअध्यक्ष दिव्यप्रसाद पन्त समाजके पथप्रर्दशक ज्येष्ठ नागरिकहे अपने अकली हुइल अनुभव ओ मानसिक चिन्ता महसुस हुइ नैडेहक लाग दिवासेवा सञ्चालनमे संघ फेन सेक्ना सहयोग पुगैटी रहल बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘घरमे छाइ पटुहिया, नटियानटिनीया, छोरके एकान्त ठाउँ (वृद्धाश्रम) मे बैठे परलमे ढिउर ज्येष्ठ नागरिकमे मानसिक पीडा ओ चिन्ता हुइना करल स्थलगत अध्ययनके क्रममे डेखल ओरसे आब यकर विकल्प खोजे पर्ना डेखल बा ।’ उ केन्द्रसे वृद्धवृद्धाहे तीर्थाटनमे समेत लैजैना करल बा । इ बाहेक बत्ती कट्ना, जनै बनैना, कामके साथे च्याउ, प्याज, फलफूलके बेर्ना बनैना तालिमसमेत डेना करल बा ।


