विद्यार्थी ‘ड्रप आउट’ हुइना समस्या
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २३ भदौ । सुदूरपश्चिम प्रदेशका विद्यालयममा विद्यार्थी ‘ड्रप आउट’ हुइना समस्या रहल जनैले बा ।
बिफेक रोज धनगढीमे हुइल एक कार्यक्रममे शिक्षा अधिकार अनुगमन समुहके संयोजक सन्तराम ढंगोल सुदूरपश्चिम प्रदेशके शिक्षाके अवस्था प्रस्तुत करटी कहलै, ‘भर्नादर मजा विल्गाइठ । मने, जटरा उप्पर कक्षामे गैल ओटरा ड्रप आउट हुइना समस्या रहल बा ।’
सुदूरपश्चिममे दलित, जनजाति, महिलाहुकनके विद्यालय भर्ना दर फे सन्तोषजनक रहल उहाँ प्रस्तुत करल कार्यपत्रमे उल्लेख करल बा । विद्यालयमे डेना दिवा खाजासेफे विद्यार्थी भर्नादर ढेर डेखल उहाँ बटैलै । पाँच बर्षमे सुदूरपश्चिममे शिक्षा नीति बने नतइसेकल उहाँक कहाई रहल बा ।
कार्यक्रममे बालअधिकार अभियन्ता मिलन धरेल सरकारसे निःशुल्क शिक्षाके नारा डेलेसेफे ६८ प्रतिशत शुल्क अभिनफे अभिभावकसे तिरे परल बटैलै । नागरिकहुकनके सहभागिता विना बनल राज्यके नीतिके कौनो अर्थ नइहुइना उहाँक कहाई रहल बा ।

शिक्षा अधिकारके लाग लोकतान्त्रिक भव्य तथा सिभिक स्पेशके अपरिहार्यता विषयक कार्यपत्र प्रस्तुत करटी खरेलसे स्थानीय सरकारसे बनाइल शिक्षा नीतिमे नागरिकहुकनके अनिवार्य सहभागिता आवश्यक रहल बटैलै । राज्यके नीतिके कारण सरकारी शिक्षामे लगाइल लगानी फलादायी बने नइसेकल उहाँक कहाई रहल बा ।
कार्यक्रममे अभिनफे राज्य समावेशी शिक्षा लागू करे नइसेकल गुनासो करले रहिट । विगतसे कुछ सुधार हुइलेसेफे पर्याप्त हुई नइसेकल उहाँक कहाई रहल रहे । सरकारमे रहल व्यक्तिहुकनके कारण शिक्षामे लगाइल लगानीके प्रतिफल आई नइसेकल पत्रकार मनमोहन स्वाँर बटैलै । ‘सरकारके कामप्रति जनता सन्तोष नइविल्गाइठ,’ उहाँ कहलै, ‘शिक्षामे छुट्याइल लगानी भौतिक पूर्वाधारमे खर्च करल विल्गाइठ । कहाँसे जनता सन्तोष हुइठै?’ कार्यक्रममे शिक्षा क्षेत्रके सुधारके लाग टमान समुह बनाके समेत छलफल करल रहे । शिक्षा अधिकार अनुगमन समुहके आयोजनामे कार्यक्रम हुइल रहे ।
शिक्षा अधिकार अनुगमन समुहके सुदूरपश्चिम संयोजक शेरबहादुर बस्नेतके अध्यक्षतामे कार्यक्रम सम्पन्न हुइल हो । कार्यक्रमके संचालन ज्ञानभक्त महर्जन करले रहिट ।
ओस्टेक, कार्यक्रममे आर्थिक सहयोग विदेशी मामिला मन्त्रालय फिनल्याण्ड ओ एन्टरपेडिया फिनल्याण्डके रहल रहे । कार्यक्रममे नागरिक समाज, टमान सरकारी तथा गैर सरकारी संघ संस्थाके प्रमुख एवं प्रतिनिधि ओ पत्रकारहुकनके सहभागिता रहल रहे ।


