ऐन बाझल प्रावधान पुर्नविचारके लाग फिर्ताके माग
पहुरा समाचारदाता
धनगढी,२५ भदौ । अपाङगताके क्षेत्रमे कार्यरत संघ संस्थासे ऐन बाझल प्रावधान पुर्नविचारके लाग फिर्ताके माग करटी सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रमुख देवराज जोशीहे शनिच्चरके रोज ज्ञापनपत्र बुझैले बटै ।
प्रदेश निजामती सेवाके गठन संचालन ओ सेवाके सर्त सम्वन्धमे व्याख्या कैना बनल विधेयक २०७८ के आरक्षण कोटामे ख ओ ग वर्गके अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनहे समेटे पर्ना माग कैगिल बा ।
सुदुरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवाके गठन संचालन ओ सेवाके सर्त सम्वन्धमे व्याख्या कैना बनल विधेयक २०७८ कव परिच्छेदके दफा १० के उपदफा १ के च अपाङगता आरक्षण ५ प्रतिशत तोकल ओ ओकर स्पष्टिकरण खण्डके (क) ममे यी उपदफाके खण्ड (च) बमोजिमके आरक्षण (क) ओ (ख) वर्गके अपाङताो प्रमाणपत्र प्राप्त व्यक्तिहे केल उपलब्ध करैना कहल बा ।
नेपालके संविधानके धारा १८ (१) धारा १८ (२) धारा १८ (३) के समानताके हक धारा ३३ के रोजगारीके हक धारा ३४ कव श्रम सम्बन्धिके हक तथा प्राकृतिक न्यायके सिद्धान्त एंव न्यायके न्युनतम मान्यता समेत विपरित हुइल ओरसे प्रदेश विधेयकके उ प्रावधानहे पुर्नविचार वा संशोधन नइकरलेसे अपाङता हुइल व्यक्तिके मौलिक हकमे ठाडे आघात पर्ना विज्ञप्तीमे कहल बा ।
प्रदेश विधेयकके दफा १० (१) च के स्पष्टिकरण खण्डहे पुर्नविचार तथा संशोधनके लाग पुन प्रदेश सभामे फिर्ता करके न्याय पुर्ण कदम चालेक लाग राष्ट्रिय अपाङ महासंघ नेपाल सुदुरपश्चिम प्रदेशके अध्यक्ष मान बहादुर साउँद प्रदेश प्रमुख जोशीहे अनुरोध करलै ।
ज्ञापनपत्र बुझटी प्रदेश प्रमुख जोशी कहलै, विद्येयक प्रदेश सभासे पास हुसेकल बा । प्रदेश प्रमुखहे संशोधनके लाग कौनो अधिकार नइडेहल हो । मै विद्येयकके अध्ययनमे बटु, प्रमाणीकरण कैना बाँकी बा ।’
मै कहु करे सेक्ना ठाउँ रहल बा की अध्ययन करटु । मै यि सकारात्मक रुपमे लेले बटु । अपन क्षेत्रअधिकार, काम कर्तव्यके परिधिभिटर रहिके कटरा करे सेक्जाइठ ओम्ने प्रतिवद्ध बटु, उहाँ कहलै ।
राष्ट्रिय अपाङ महासंघ नेपाल सुदुरपश्चिम प्रदेश, नेत्रहिन संघ, अपाङ अधिकार मञ्च, अपाङगता सहायता प्रतिष्ठान, एपआइ स्पोर्ट क्लव, अपाङ एकता समाज, बहिरा संघ, शिखर अपाङग संघ, आइएल सेन्टरलगायतसे सयूक्त रुपमे ज्ञापनपत्र बुझैले रहिट ।


