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हिलाम्य खेतुवामे धान ओसरटी कृषक

पहुरा | ३० आश्विन २०७९, आईतवार
हिलाम्य खेतुवामे धान ओसरटी कृषक

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३० कुवाँर ।
धान कटनी समयसम बर्खा नइभागल कारण किसानहुक्रे हिलाम्य खेतुवामे धान ओसर्ना बाध्य हुइल बटै ।

धनगढी उपमहानगरपालिका–७ बेली गाउँक धनीराम चौधरीके पाकल धानक उँइरामे घुटठीसे उप्पर पानी बाटीन । यिहे डसियापाछे ५/६ दिन निरन्तर आइल आँधीबौखासे आधा पाकल धानवाली सुटाइल उहाँ बटैलै ।

पानी भागेहस करलपाछे उँइरामे खटिया धारके धान कटटी रहल बटी,’ कृषक धनीराम कहलै, उँइरामे पानी भरल बा । काटल धानक निन्हा धरना ठाउँ नइहो । धान काटके खटियामे कुरहैठी । वहाँसे लरहियामे लैजैठी ।’

उहाँ कहलै, ‘धान भर्खर गदरा हुइटेहे डसिया टीकाके दिनसे आँधीबौखा मच्गैल । मजासे पाके नइपाइल धान हावापानीसे जम्मा सुटाइल । कुछ धान बालीमे जमल, कुछ सरे लागलपाछे कटना बाध्य हुइनु ।’

कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ८ डख्खिन टेँढीके कृषक लक्ष्मण चौधरीफे हिलाम्य खेतुवामे धान कटना बाध्य हुइल बटैलै । मनसुन अभिनसम सक्रिय रहल कारण पाछेसम पानी बरसके हिल्हा खेतुवामे धान काटे पर्ना अवस्था रहल बटैठै ।

उहाँ कहलै, ‘हाइब्रेट धान डसियासे पहिले पाकके तयार हुइल रहे । डसिया मन्टीक कटना योजना रहे । बेमौसमी पानीसे पाकल धान पराडेहल । परल धान खेतुवामे जामे लागलपाछे हिलामे धान काटके उचास ठाउँमे निन्हा सुखुवाई पर्ना अवस्था बा ।’
कैलारी–५ के कृषक विरकुमार चौधरीफे ढिलासम बरसल पानी खेतुवासे नइनिकरलपाछे हिलामे धान कटना बाध्यता आइल बटैलै । उहाँ कहलै, उचास खेतुवममे पानी निकरगिल । खाल्ह खेतुवामे अभिनफे घुटठीसम पानी जमल बा । पाकल धान सक्कु आँधीपानीसे परडेले बा । हिलापानीमे अब्बे धान काटे परटा ।’

मजासे अभिनफे बर्खा नइभागल हो,’ ‘हतार–हतारमे धान काटटी । एकओर धान कटठी दुसरओर आकाशमे बडरी हेरठी । जोरसे पानी बरस डेलेसे काटल धानफे नष्ट हुइना डर बा । ’ काटल धानक निन्हा मेरुवामे लैजाके पसारे पर्ना अवस्था रहल ओरसे उसार नइहुइल कृषक विरकुमार बटैलै ।

उहाँ ठप्लै, पोहोर साल यी समयमे सक्कु धान काटके औली उटरना होगिल रहे । अशौक साल धान पाकके तयार बा । मने पानीक मारेक ओसरे नइसेकल हो ।’ घरेम कम जनशक्ति रहल कारण मन्जुरी खोजलेसे मजदुर नइपैना, दुसर ओर पानीके कारण खेतुवामे कम्पेन ओ रिप्पर नइचल्ना अवस्था रहल उहाँ बटैलै ।

कैलारी गाउँपालिका पूर्व टेढीके पतिराम चौधरीफे शुकके रोजसे धान कटना सुरु करले रहिट । आकाशमे फेरसे करिया बडरी मडराइ लागलपाछे कटनी रोकल बटैठै ।

कम्पेन ओ रिप्परसे धान कटना समस्या

धान पाकके तयार बा, मने आधुनिक औजार कम्पेन ओ रिप्परके प्रयोग करके धान कटना समस्या बा । यिहे कुवाँर २० गतेसे २६ गतेसम निरन्तर बसरल बर्खासे खेतुवामे अभिन पानी जमल बा, कहु–कहु बहुट गिलगिल÷ओजहा अवस्था बा ।

कैलारी गाउँपालिका–५ पवेराके जालुराम कठरिया अब्बेक अवस्थामे बहुट जैसिन खेतुवामे कम्पेनसे धान काटे नइसेक्ना अवस्था रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ढेर जैसिन कृषकके खेतुवम पाकल धान आँधीपानी सुटाडेले बा । धान कटना समयमे केक्रो खेतुवामे पानी जमल बा । टे कहु हिलापानी बा ।’ कम्पेन संग्गे रिप्परसेफे धान काटे नइसेक्ना अवस्था रहल उहाँ बटैलै । डसिया आघे कम्पेनसे धान काटल मने अब्बे अवस्था कर्रा रहल कम्पेन मालिक बटैठै ।

यी वर्षके मनसुन शनिच्चरसे बहिरल

२०७९ जेठ २२ गते (तद् अनुसार सन २०२२ जुन ५) नेपालके पूर्वी भू–भागसे प्रवेश करल यी वर्षके मनसुन मिति २०७९/०६/२९ गते शनिच्चर (तद् अनुसार सन २०२२ अक्टोबर १५) से बहिरल बा ।

मौसम पूर्वानुमान महाशाखा, जल तथा मौसम विज्ञान विभागसे डेहल जानकारी अनुसार शच्चिरसे यी बरसके मनसुन बहिरल जनाइल हो ।

नेपालके सुदूरपश्चिम प्रदेश, कर्णाली प्रदेश, लुम्बिनी प्रदेश, गण्डकी प्रदेश, बागमती प्रदेश ओ मधेश प्रदेशके पश्चिमी भू–भागसे मनसुन बाहिरल मौसम पूर्वानुमान महाशाखा, जल तथा मौसम विज्ञान विभागके बुलेटिन जनैले बा । नेपालके बाँकी भू–भागसे मनसुन बहिर्गमन हुइना अभिन कुछ दिन लग्ना सम्भावना रहल बा । सरदरमे अक्टोबर २ के दिन नेपालसे बाहिरिन मनसुन, यी वर्ष औसत मितिसे कुछ दिन ढिला करके बहिर्गमन हुइना सुरु हुइल बा ।

दुई दिनके अवस्था का रही

२०७९ कुवाँर ३० गते (अँटवार)

दिनके सुदूरपश्चिम ओ कर्णाली प्रदेशके पहाडी भू–भागमे आंशिक बदली रही । सुदूरपश्चिम प्रदेशके एक–दुई स्थानमे मेघ गर्जन/चट्याङ सहित हल्का वर्षाके सम्भावना बा । रातके देशके पहाडी भू–भागमे आंशिक बदली रही ।
२०७९ कुवाँर ३१ गते (सोम्मार)

दिनके सुदूरपश्चिम ओ कर्णाली प्रदेशके पहाडी भू–भागमे आंशिक बदली रही । सुदूरपश्चिम प्रदेश ओ कर्णाली प्रदेशके कुछ ठाउँमे मेघ गर्जन/चट्याङसहित हल्का वर्षाके सम्भावना रही । रातके सुदूरपश्चिम ओ कर्णाली प्रदेशके पहाडी भू–भागमे आंशिक बदली रही । सुदूरपश्चिम प्रदेशके एक–दुई स्थानमे मेघ गर्जन/चट्याङ सहित हल्का वर्षाके सम्भावना रहल मौसम पूर्वानुमान महाशाखा, जल तथा मौसम विज्ञान विभागसे जनैले बा ।

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