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संघीयता जोगैना सत्ता गठबन्धन आवश्यकः प्रधानमन्त्री देउवा

पहुरा | ६ कार्तिक २०७९, आईतवार
संघीयता जोगैना सत्ता गठबन्धन आवश्यकः प्रधानमन्त्री देउवा

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ६ कार्तिक ।
नेपाली काँग्रेसके सभापति तथा प्रधानमन्त्री शेरबहादुर देउवा संघीयता जोगाइक लाग गठबन्धन आवश्यक रहल बटैले बटै ।

पाँच दलिय गठबन्धनमे आवद्ध दलहुकनके सुदूरपश्चिम प्रदेश स्तरीय संयूक्त प्रशिक्षण भेला उहाँ बाट बत्वाइल हुइट । प्रधानमन्त्री देउवा संविधानके रक्षाके लाग, राष्ट्रिय एकताके लाग पाँच गठबन्धनहे जिटैना आवश्यक रहल बटैलै ।

नेपाल अब्बे गम्भीर मोडमे ठरहयाइल, देश केहोर जैना, संविधानमे प्रश्न चिन्हा खडा हुइल बा,’ प्रधानमन्त्री देउवा कहलै, २००७ सालसे लरटीभिरटी संविधानसभा मार्फत संविधान बनल बा । गणतन्त्रात्मक शासन प्रणालीके स्थापना हुइल बा ।’

सुदूरपश्चिम प्रदेशमे पाँच दलिय गठबन्धनहे जिताई सेक्लेसे यहाँके विकास करे सेक्ना प्रधानमन्त्री देउवा कहलै । गठबन्धनहे जिटैना उत्सुकता बह्रलफे उहाँ बटैलै ।

नेकपा माओवादी केन्द्रके अध्यक्ष पुष्पकमल दहाल ‘प्रचण्ड’ विशिष्ट परिस्थितिमे यी गठबन्धन बहुट मिहनेतपाछे बनल बटैलै ।

संविधान लोकतान्त्रिक गण्तन्त्र, सामानुपतिक समावेशिता धरापमे परसेकल रहे,’ प्रचण्ड कहलै, ‘सविधान, लोकतन्त्रके रक्षा कैना, परिवर्तन ओ उपलब्धीके रक्षा कैना उद्देश्यसे पाँच दलित गठबन्धन आइल हो । यिहे अगहन ४ गते हुइना चुनावके मुख्य एजेण्डा संविधानके रक्षा स्थितरता सम्वृद्धिके लाग गठबन्धन जोगैना हो ।’

सत्ता गठबन्धन कम्जोर हुइना कहलेक देश दुघर्टनाओर जैनासमेट रहल अध्यक्ष प्रचण्ड कहलै ।

उहाँ कहलै, ‘देशमे एक अलग गठबन्धनफे बा । ओकर अलग संस्कार संस्कृति बाटिस । उ कही ना कही संविधान बडल्ना, गणतन्त्रहे उल्टैना, संघीयताहे कम्जोर पारे सेकठ । जिहीसे हमार बहस जारी बा ।’

एकिकृत समाजवादीके अध्यक्ष माधवकुमार नेपाल अब्बे सत्तारुद्ध गठबन्धन समयमे कदम नइचलल रहठ कलेसे लोकतन्त्र नइबाँचे सेक्ना बटैलै ।

पाँच दलिय गठबन्धन समयमे नइआइट कलेसे मुलुक पश्चयगमनमे जाइट । प्रतिगमनओर जाइट,’ उहाँ कहलै, ‘सक्कु उपलब्धी समाप्त हुके जैना रहे । उ सक्कु कारणसे एक ठो पवित्र उद्देश्य धारके निरांङकुशता विरुद्ध जुटटी काँग्रेस ओ कम्यूनिष्ट एकतावद्ध हुके आघे बह्रल हो ।’

उहाँ कहलै, ‘यहाँ आइबेर मै सुन्नु मित्रवत प्रतिस्पर्धाके बाट । चुनावी दौरानमे कहु मित्रवत प्रतिस्पर्धा हुई कलेसे ठिके व्यख्या करके आगे बह्रना मै आग्रह करटु ।’

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