अनुदान कार्यक्रममे विमा अनिवार्यः गाउँपालिका अध्यक्ष

पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, २९ फागुन । कैलालीके कैलारी गाउँपालिका अध्यक्ष राजसमझ चौधरी अनुदान कार्यक्रममे विमा अनिवार्य लागु कैना बटैले बटै ।
नेपाल विमा प्राधिकारण सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालयसे विमा सम्बन्धी जनचेतना तथा अभिवृद्धि कैना उद्देश्यसे कैलारी गाउँपालिकासंग विमा सम्बन्धमे आयोजना कैगिल अन्तरक्रिया तथा छलफल कार्यक्रममे उहाँ उ बाट बटवाइल रहिट ।
कार्यक्रममे वडका पहुना समेट रहल गाउँपालिका अध्यक्ष अब्बे पशुनमे लौवा लौवा मेरके रोग डेखल ओ बाढके डुबानसे बाली नाली नष्ट हुइल बटैलै ।
गाउँपालिका भिटरके टमान गाउँमे सुरिनमे डेखल स्वाइन फिबरके कारण खोर सुनसान हुइल बा,’ अध्यक्ष कहलै, ‘टमान ठाउँमे छेगरीमे रोग लागके खोर सुनसानफे हुइल बा । पशु विमा करल रहलेसे क्षतिपूति पैना अवस्था रहट । ओटरा दुख नइपैना रही ।’
कैलारी गाउँपालिका बाली नाली उत्पादनके दृष्टिकोणसे मजा उत्पादन क्षेत्रके रुपमे मने बर्खाके पानी, बेमौसमी बाढके कारण क्षतिफे ढेर पुगैटी रहल अध्यक्ष बटैलै । गाउँपालिकासे बालीनाली होए वा कृषि क्षेत्र होए अनुदान डेलेसे आब कृषि ओ पशु विमा अनिवार्य लागु कैना उहाँ बटैलै ।

नेपाल कृषि प्रधान देश कहिके चिन्हल ओ अधिकांश मनै कृषिमे निर्भर रहल मने कृषि, पशु विमामे चासो नइडेहल गाउँपालिका अध्यक्ष बटैलै । चेतनाके कमी ओ अन्जानके कारण विमा ओर आर्कषित नइडेखल उहाँ बटैलै । जीवनके विमाके लाग एजेन्टहुक्रे बार बार पुग्ना मने पशु, कृषि विमाके लाग चासो नइडेहल बटैलै ।
ओस्टेक गाउँपालिकासे यहाँके कृषक तथा गाउँबासीहुकनहे बीमामे समेट्क लाग नीति, योजना बनाई लागू कैना उहाँ बटैलै ।
उ कार्यक्रममे नेपाल बीमा प्राधिकरण सुदुरपश्चिम प्रदेश कार्यालयके सहायक निर्देशक प्रेमहरि पोखरेल बीमा सम्बन्धी प्रस्तुतिकरण डेहल रहिट ।
कार्यक्रममे वडा नम्बर ४ के वडा अध्यक्ष ठागुराम चौधरी, वडा नम्बर २ के वडा सदस्य टीका चौधरी भुल, मानबहादुर चौधरी कृषि बीमा करे कहाँ जैना ओ कोईफे बीमा करे नइआइल, बीमा सम्बन्धमे ज्ञानफे नइरहल, जीवन बीमा करलमे ऋण नइपाइल, एक ठो छेगरीक बीमा करे मिल्न÷नइमिल्ना, बीमा प्रचार प्रसारके कमिसे कृषि तथा पशुपन्छी बीमामे संघीय सरकार तथा प्रदेश सरकारसे डेहल अनुदान समेत पत्ता नइहुइल जैसिन गुनासो करल रहिट । सहभागीहुकनसे राखल गुनासाके जवाफ डेटी प्रदेश कार्यालयके प्रमुख ओमबहादुर अधिकारी सहभागीहुकनहे अपन जीवनके फे बीमा कैना ओ सम्पत्तिकफे बीमा करके ढुक्क हुइना आग्रह करले रहिट ।

सुदुरपश्चिम प्रदेश धनगढी कार्यालयके प्रमुख ओमबहादुर अधिकारीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे विशिष्ट पहुना गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष भगवती कुमारी चौधरी, पहुनामे गाउँ पालिकाके प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत वीर बहादुर ऐर, वडा नम्बर १ के वडाध्यक्ष धोजहरिपाल बोहरा, वडा–३ के वडा अध्यक्ष सन्तराम चौधरी, वडा–४ के वडा अध्यक्ष ठागुराम चौधरी, वडा–५ के वडा अध्यक्ष विष्णु प्रसाद चौधरी, वडा–६ के वडा अध्यक्ष प्रेमबहादुर चौधरी, गाउँपालिका प्रवक्ता तथा वडा–७ के वडा अध्यक्ष दिपेन्द्रबहादुर बम, वडा–८ के वडा अध्यक्ष तारामल कठरिया, कार्यपालिका सदस्य, गाउँ पालिकाके पशु शाखा प्रमुख, कृषि विकास शाखा प्रमुख, कृषि तथा पशुपन्छी बीमाके लाग कैलाली जिल्ला तोकल राष्ट्रिय बीमा कम्पनीके शाखा प्रमुख नरेन्द्र पनेरु, जीवन बीमा कम्पनीके शाखा तथा उपशाखाके प्रतिनिधि, स्थानीय अगुवा कृषक, टमान कृषि सहकारी सस्थाके प्रतिनिधि तथा अन्य कृषक लगायत स्थानीयहुकनके सहभागिता रहल रहे । कार्यक्रमके सञ्चालन नेपाल बीमा प्राधिकरण सुदुर पश्चिम प्रदेश कार्यालयके सहायक निर्देशक दिपक ज्ञवाली करले रहिट ।

कृषि बीमाके अनुदानमे कटौती
नेपाल सरकार कृषि तथा पशुपन्छी विकास मन्त्रालय कृषि विभागसे नियम अनुसार डेहे पर्ना कृषि बीमाके अनुदानमे कटौती करले बा । बीमा कम्पनीसे २०७८ साल कुवाँर महिनासे २०७८ चैत मसान्तसममे जारी हुइल बीमालेखमे सरकारके ओर प्राप्त हुइना अनुदान बापत ९ करोड ३८ लाख ३१ हजार रुप्या माग करेबेर सरकारसे भर जम्मा ७ अर्ब ४९ करोड ८८ लाख रुप्या केल भुक्तानी करले बा ।
नेपाल सरकारसे अपन दायित्व अन्तर्गतके रकम एक वर्ष ढिला ओम्नेफे रकम घटाके भुक्तानी डेहलपाछे नेपाल बीमक संघसे सक्कु रकम भुक्तानीके लाग नेपाल सरकार समक्ष अनुरोध करले बा । सरकारसे फागुन १७ गते बीमा शुल्कके अनुदान रकममे ७.८ प्रतिशतके दरसे कम्पाउण्डिङ करटी अनुदान रकम घटाइल हो ।
सरकारसे बजेट मार्फत नै कृषि तथा पशुपन्छी बीमाहे प्रोत्साहित कैना बीमा शुल्कमे ८० प्रतिशत अनुदान डेटी आइल बा । मने अनुदान बापतके रकम प्राप्त कैना बीमा कम्पनीहे फलामके चिउरा चपैन जस्टे बा । एक टे सरकारसे समयमे अनुदान नइडेहेबेर उधारोमे बीमा पोलिसी जारी हुइठ कलेसे दुसर ओर एक वर्षसे आघे जारी हुसेकल पोलिसी ओम्नेफे आम्दानी हिसावमे लेखाङकन हुके लेखापरीक्षण समेत हुसेकल बटै । मने अब्बे आके सरकारसे बीमा शुल्कमे परिवर्तन करेबेर कम्पनी मर्कामे परल बटै ।
नेपाल बीमा प्राधिकरणसे २०७८ साल कुवाँर महिनाके ७ गतेसे चैत मसान्तसम जम्मा ७ महिनामे जारी हुइल बीमालेखके जम्मा हुई अइना प्रिमियममे ८० प्रतिशत अनुदान रकम ९ अर्ब ३८ करोड रुप्याके भुक्तानीके लाग नेपाल सरकार समक्ष माग करल रहे ।
सरकारसे प्राधिकरण समक्ष दाबी भुक्तानीके लाग उ अवधिमे हुइल वाली बीमाके विवरण (कृषकके नाम, ठेगाना, बीमालेख नं. बीमा रकम, बीमा शुल्क ओ अनुदान रकम) माग करल रहे । बीमालेखके अनुसूचीके प्रति तथा बीमितसे बीमा शुल्कके बीमा शुल्कके २० प्रतिशत रकम तिरल रसिद समेत धारके माग करल रहे ।
वाली तथा पशुधन बीमाके प्रिमियममे अनुदान उपलब्ध करैना निर्देशिका २०७० बमोजिम बाली तथा पशुधन बीमा कोष व्यवस्थापन समितिके २०७९ बैशाख १४ गते बुधके बैठल बैठकसे बजार अनुसन्धान तथा तथ्याङक व्यवस्थापन कार्यक्रमसे तयार हुइल टमान वालीके लागत अनुमानहे आधार वर्ष (२०७२÷७३) मानके प्रति वर्ष ७.८ प्रतिशतके दरसे कम्पाउण्डिङ करके लगातके आधारमे जारी हुइल बीमालेखके बीमा शुल्कमे ८० प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करैना तथा अन्य वालीके हकमे कृषि तथा पश्पन्छी विकास मन्त्रालय वा मातहतके सम्बन्धित विषयके केन्द्र÷कार्यालय बोर्ड समिति संस्थासे प्रकाशित वा स्वीकृत लागत हुइल वा मातहतके सम्बन्धित विषयके केन्द्र÷कार्यालय बोर्ड समिति संस्थासे प्रकाशित वा स्वीकृत लागत हुइल हकमे उहे अनुसार बीमाङक रकम कायम कैना निर्णय करल रहे ।
यिहे निर्णयहे आधार मन्टी सरकारसे कृषकसे भुक्तानी करल २० प्रतिशत बीमा शुल्कके रसिद अध्ययन करके ८० प्रतिशत बीमा शुल्क हुई अइना ७ अर्ब ४९ करोड रुप्या केल भुक्तानी कैना निर्णय करल रहे ।
