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चैतन्य पाठशालासे अभिभावक उत्प्रेरणा तथा अभिमुखीकरण कार्यक्रम

पहुरा | १४ बैशाख २०८१, शुक्रबार
चैतन्य पाठशालासे अभिभावक उत्प्रेरणा तथा अभिमुखीकरण कार्यक्रम

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ बैशाख ।
कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका–५ शिवनगरमे रहल चैतन्य पाठशालासे अभिभावक उत्पे्रेरण तथा अभिमुखीकरण कार्यक्रम शुकके कैगिल बा ।

विद्यालयके शिक्षक अभिभावक संघके अध्यक्ष ईश्वर गिरीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे प्रेरक वक्ता आचार्य लक्ष्मण भण्डारी, विद्यालयके अध्यक्ष गणेश प्रसाद जोशी रहल रहिट ।

कार्यक्रममे विद्यालयके प्रिन्सिपल कटक बहादुर सिंह समयके माग ओ सन्र्दभिकताहे मध्य नजर करके शिक्षण क्रियाकलापहे आघे बह्रैटी रहल बटै । जीवनहे शिक्षासंगसंँगे संस्कारसे जोरके आघे बह्रल बटैलै । अब्बे समाज जौन मेरके आपेक्ष करले बा, उ अनुसार विकास ओ गतिविधि हुइल नइहो । अब्बे जस्टे संस्कार सिखाजाई समाज उहे डगर नेंगी । बालबालिका कच्चे माटी हुइट । जस्टे बनाई चाहबो ओस्टे बनाई सेक्ना हो । ओकर लाग अभिभावक, शिक्षकहुकनसे संस्कार जिम्मेवारी बोधके बाट सिखैनामे कौनो मेरके कमी करे नइपर्ना उहाँ कहलै ।

लबालिका जीवन उपयोगी बाट ओ ओइनके भविष्यहे जोरके कैसिक आघे बह्राई सेक्जाई चैतन्य पाठशाला लागल प्रअ बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘२०५८ सालमे स्थान हुइल स्कुल, २०७९ सालमे चैतन्य पाठशाला हुईबेर एक वर्षके अवधिमे फरक स्कुलसे चैतन्य पाठशालामे आईबेर बहुट अभिभवकके मन जिटना सफल हुइल बा । अब्बे धनगढी केल नाही और ठाउँसे बालबालिका जोरे पुगल बटै । अइना दिनमे धनगढीके नइहुके समग्र आधुनिक मोडन स्वणिम आयम पाठशाला स्कुल बनैना योजना बा ।

कार्यक्रममे विद्यालयके अध्यक्ष गणेशप्रसाद जोशी बालबालिकाके भविष्य उज्वल बनैना आर्दश अभिभावकके भारी जिम्मेवारी रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘कौनो समय रहे विद्यार्थीहे विद्यालय भर्ना कैडेनु, किताव कापी किनडेनु, आवश्यक पर्ना पोशाकके व्यवस्था कैडुन, शुल्कफे तिरडेनु आब अभिभावकके जिम्मेवारीफे पुरा हुइल कना रहे । मने आव उ समय परिवर्तन हुइल बा ।’
उहाँ कहलै, ‘आव बालबालिकाके रुचि, आवश्यकता का हो । बालबालिकाके वर्तमान भविष्य सुनिश्चिता कायम राखेक लाग अभिभावकके भूमिका सही बा की नइहो हो कना समय आइल बा ।’

‘बालबालिकाके पहिल शिक्षक ओकर डाईबाबा ओ पहिल पाठशाला ओकर घर हो कना बाटहे आत्मसात कैना जरुरी बा,’ विद्यालयके अध्यक्ष जोशी कहलै, ‘सिकाई कना चिज कितावके पाना, विद्यालयमे केल सिमित नइरहठ । सिकाई कना चिजटे जीवनके हरेक भोगाई, घुम्तीसे सिखजाइठ ।’

बालबालिका घरपरिवार, छिमेकीके व्यवहार, अभिभावकके पेशासेफे ढेर बाट सिख्ठै । टबमारे पहिल पाठशाला ओइनके घर ओ पहिल शिक्षक डाईबाबा हो, उहाँ कहलै । अभिभावकहुक्रे बालबालिकाके लाग मजा वातावरण मिलाई सेक्लेसे बटी की नाइ ओम्नेफे भर परठ ।

कार्यक्रममे प्रेरक वक्ता आचार्य लक्ष्मण भण्डारी असल अभिभावकसे बालबालिकाहे संस्कारिक बच्चा कैसिक बनाई सेक्जाई, आर्दश अभिभावकसे बालबालिका उप्पर कैना व्यवहारबारे बाट राखल रहिट । उहाँ बालबालिकाके हरेक, पलपलमे हरेक समयमे, साथमे रना ओइनके बाट सुन्न, ओइनके भावनात्मक विचारहे मनन करके असल अभिभावकके जिम्मेवारी बहन करे पर्ना बटैलै ।

कार्यक्रममे अभिभावक तथा नेपाल बार एसोशियसनके केन्द्रीय उपाध्यक्ष तुलाराम गिरी, अभिभावक तथा संविधान सभा सदस्य कल्पना सोप, अभिभावक तथा समाजिक विकास मन्त्रालयके महिला तथा वालबालिका शाखा अधिकृत जयन्ती गिरीलगायत उ विद्यालयके अध्ययनरत रहल बालबालिकाके टमान पेशामे रहल अभिभावक, शिक्षक, शिक्षिका तथा विशिष्ट व्यक्तित्वलगायतके उपस्थिति रहे । कार्यक्रम संचालन विद्यालयके शिक्षिका हेमा जोशी करले रही । कार्यक्रममे विद्यालयके शिक्षक तथा शिक्षिकाहुक्रनके परिचयफे करागिल रहे ।

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