पहुरा
२ कार्तिक २०७७, आईतवार
साहित्यम मही कहियासे मोहनी लागल, अस्ट कह सेक्ना आवस्था निहो । मैयाँ, दिन, पल टिक्याक लग्ना चिज निहो, अस्टह हो जैना चिज हो कठ, मुले मैया लागकलाग सौन्र्दयताके बरवार हाँठ रहठ । सुन्दरता देहरुप ओ मनरुप आकर्षित करठ सायद। कबु डुनु कबु एक्कचिजपे