पहुरा
३० पुष २०७८, शुक्रबार
थारु समुदायमे एकठो कहकुट बा, ‘पुस पकावा, माघ खावा’ । याने कि पुसमे पकैना, माघमे खैना । माघ १ गटे लाल रकट नैडेखाजैना मान्यटा अन्सार पुसके अन्टिम रोज जो सुवर मार जाइठ, उहे रोज निंढ जाइठ । माघके एक अठवार पहिलो जो सब्जे हस सख्वक पटिया टुरके