२९औं विश्व आदिवासी दिवस, आदिवासी जनजातिके वर्तमान अवस्था ओ प्रत्येक वर्ष अगस्त ९ अर्थात सावन २४ के दिनहे विश्व आदिवासी दिवसके रूपमे मनैना करजाइठ । यी वर्ष ९ अगस्त सन २०२३ अर्थात वि.स. २०८० साल सावन २४ गतेके दिन विश्व भरके आदिवासी
सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ३ लाख १० हजार पशु चौपाया ‘लम्पी स्किन’से संक्रमित हुइल बटै । यी रोगसे करिब २५ हजार पशु चौपाया मरलपाछे सुदूरपश्चिमके किसान भारी क्षति बेहोरे परल बा । भेटेरिनरी अस्पताल तथा पशुसेवा विज्ञ केन्द्र कैलालीके अनुसार
बर्खासंग्गे डेंगु संक्रमितके संख्या हवाटे बह्रल बा, सुदूरपश्चिम प्रदेशके सक्कु जिल्लामे डेगु रोगके संक्रमण डेखा परल बा कलेसे कुछ जिल्लामे संक्रमणदर एकफाले बह्रल बा । यी बरस प्रदेशमे जुलाईसमके तथ्यांक हेर्ना हो कलेसे ३ सय १८ जाने
संयुक्त राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषदसे सन् २००० के अक्टोबर ३१ मे पारित प्रस्ताव नं. १३२५ से द्वन्द्वके रोकथाम तथा निवारण ओ शान्ति प्रक्रयामे महिलाके महत्वपूर्ण भूमिका हुइना तथ्य दृष्टिगत करके शान्ति प्रकृयामे लैगिक दृष्टिकोण मूलप्रवावाहीकरण,
नेपालके संविधानसे प्रत्येक व्यक्तिके सम्मानपूर्वक बाँचे पैना हक, न्याय सम्बन्धी हक, दलितके हक, सामाजिक न्यायक हक, समानताका हक, छुवाछुत तथा भेदभाव विरुद्धके हक लगायतको अधिकारके सुनिश्चितता करले बा । जातीय तथा अन्य सामाजिक छुवाछुत
नेपालके पश्चिमी जिल्ला विशेष करके दांग बाँके, बर्दिया, कैलाली ओ कञ्चनपुरमे व्याप्त रहल कमलरी प्रथाके मानव अधिकारके क्षेत्रमे क्रियाशील टमान नागरिक अगुवा तथा संघ संस्था समेतके संयुक्त तथा निरन्तर अभियान ओ दवावके परिणामस्वरुप
लोकतान्त्रिक गणतन्त्रसंगे मुलुक संघीयतामे प्रवेश करेक लाग केचरी फेरटेहे प्रदेशके नामांकन, सीमांकनके लाग देशभर राजनितिक आन्दोलन खोबसे चर्कल रहे । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे नामांकन ओ सीमांकनके लाग राजनीतिक आन्दोलन हुईबेर भदौै ७ गते