राष्ट्रपति ओ प्रधानमन्त्रीके कदमविरुद्ध मोर्चाबन्दी

काठमाडौं, ९ जेठ । पाँच राजनीतिक दल आबद्ध गठबन्धनसे प्रधानमन्त्रीमे केपी शर्मा ओलीहे निरन्तरता डेके प्रतिनिधिसभा विघटन करना राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारीके कदमहे बदनियत ठहर करटी राजनीतिक ओ कानुनी लराइँ करना हुइल बा ।
काँग्रेस, माओवादी केन्द्र, एमालेके खनाल–नेपाल समूह, जनता समाजवादीके उपेन्द्र यादव पक्ष ओ राष्ट्रिय जनमोर्चा पार्टी संलग्न गठबन्धनके शनिच्चर नयाँ बानेश्वरस्थित संसद् भवनमे बैठल बैठकसे राष्ट्रपति भण्डारी ओ प्रधानमन्त्री ओलीके मिलेमतोमे हुइल ‘असंवैधानिक’ कदमविरुद्ध आज सामूहिक रिट लेके अदालतमे जैना निर्णय करले बा ।
काँग्रेस सभापति शेरबहादुर देउवाहे प्रधानमन्त्री नियुक्ति करना राष्ट्रपति कार्यालयमे शुकके बुझाइल दाबी पत्रमे हस्ताक्षर करल १ सय ४९ जहनके ओरसे रिट डरना तयारी गठबन्धनके बा । देउवाहे प्रधानमन्त्री बनाइपरना पक्षमे काँग्रेसके ६१, माओवादी केन्द्रके ४९, एमालेके खनाल–नेपाल पक्षके २६, जनता समाजवादी पार्टीके यादव पक्षके १२ ओ राष्ट्रिय जनमोर्चाके १ जाने बाटैं, जोन विघटित प्रतिनिधिसभामे कायम २ सय ७१ सदस्यके बहुमत अर्थात् ५५ प्रतिशत हो । हस्ताक्षर करल सबहे आज नागरिकताके प्रमाणपत्रसहित संसद् भवनमे उपस्थित हुइना आग्रह करल बा । उहाँहुकनके नागरिकताके प्रमाणपत्रसहित रिट डरलेसे असंवैधानिक कदम सच्यइना अदालतहे बल पुग्ना ठम्याइ गठबन्धनके बा ।
कोरोना महामारीके बेला सडकमे अइना अवस्था नैहुइलपाछे गठबन्धनके दल भर्चुअल ओ अन्य माध्यमसे राजनीतिक प्रतिवादमे उत्रन अपन–अपन पार्टी पंक्तिहे आह्वानसमेत करले बा । उहाँहुक्रे राष्ट्रपति ओ प्रधानमन्त्रीके कदमके निन्दा करले बाटैं । ‘राष्ट्रपति ओ प्रधानमन्त्रीके प्रतिनिधिसभा विघटन करके मुलुकमे राजनीतिक अनिश्चय, अन्योल ओ अराजकता सिर्जना करना असंवैधानिक, अलोकतान्त्रिक ओ प्रतिगमनकारी कार्यविरुद्ध एकताबद्ध हुके राजनीतिक ओ कानुनी रूपमे सशक्त मेरिक प्रतिवाद करना हम्रे कटिबद्ध बाटी,’ गठबन्धनके बैठकपाछे काँग्रेस सभापति देउवा, माओवादी केन्द्रके अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल, एमाले नेता माधवकुमार नेपाल, जसपा अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ओ राष्ट्रिय जनमोर्चाके सांसद दुर्गा पौडेलसे हस्ताक्षरित संयुक्त विज्ञप्तिमे कहल बा ।
प्रधानमन्त्री ओली गैल पुस ५ गते असंवैधानिक रूपमे प्रतिनिधिसभा विघटन करलेसे फेन राजनीतिक दल ओ नागरिक समाज विरोधमे रहैं । ओहेबेला विघटनके विषयमे प्रमुख प्रतिपक्ष काँग्रेसभित्तर दुई मेरिक धारणा रहे । कोरोना महामारी घटल बेला हुइना सभापति देउवासहित संस्थापन पक्ष निर्वाचनओर डोराइ खोजल रहैं ।
