थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
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‘ फोनिज संघीय सातौं केन्द्रीय बैठकसे १७ बुँदे घोषणपत्र जारी ’

भल्मन्सा प्रथाहे कानूनी मन्यताके माग

पहुरा | २६ पुष २०८०, बिहीबार
भल्मन्सा प्रथाहे कानूनी मन्यताके माग

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २६ पुस ।
नेपाल आदिवासी जनजाति पत्रकार महासंघ (फोनिज)के धनगढी उपमहानगरपालिका १६ थारु होमस्टे गाउँ भादा, कैलालीमे सम्पन्न हुइल संघीय सातौं केन्द्रीय पूर्ण बैठकसे १७ बुँदे घोषणा पत्र २०८० जारी करले बा ।

फोनिजके केन्द्रीय अध्यक्ष गजुरधन राईके अध्यक्षमे बैठल बैठकसे १७ बुँदे घोषणापत्र २०८० जारी करटी टमान मुद्दाके उठान करल हो । थारु समुदायके स्थानीय शासनके रुपमे रहल बरघर प्रथाहे सरकारसे अभिनसम कानूनी मान्यता नइडेहल विषयप्रति महासंघके ध्यानाकर्षण हुइल कहटी थारु प्रथा परम्परा तथा संस्कारजन्य मान्यताहे कानूनी हैसियत प्रदान करके थारुके ऐतिहासिक परम्पराके निरन्तरताके लाग सरकारसंग बैठक माग करले बा ।

थारुसहित आदिवासी जनजाति समुदायमे रहल ऐतिहासिक देउथान÷मरुवाके संरक्षण तथा प्रवद्र्धनमे राज्यके लगानी शून्यप्राय रहल ओरसे आदिवासीहुकनके धार्मिक आस्थाके केन्द्रहे कानुनी मान्यता डेहे आवश्यक बजेट व्यवस्थाके लाग यी बैठक माग करले बा ।

श्रमजीवि पत्रकार ऐन जारी हुइल दुई दशक ढेर समय बिलटसेफे यकर पूर्ण कार्यान्वयन हुइल नइहो । पछिल्का कुछ समययहोर सुदूरपश्चिमसहित देशभरके पत्रकार न्यूनतम नियमित पारिश्रमिक पाई नइसेकल ओरसे श्रमजीवि पत्रकार ऐनके पूर्ण कार्यान्वयनके यी बैठक माग करले बा ।

सरकारसे पत्रकार सम्बद्ध संघ संस्थाहे डेटी आइल सहुलियत अनुदान रकम बहुट कम बा । आदिवासी पत्रकार सम्बद्ध संघ संस्थासे उ अनुदान समेत प्राप्त करे नइसेकल हुइट । आदिवासी पत्रकार सम्बद्ध संघ संस्थाहे हरेक आर्थिक वर्षमे सहुलियत अनुदान रकम उपलब्ध करैना संघीय, प्रदेश तथा स्थानीय सरकारहे यी बैठक माग करले बा ।

आदिवासी जनजाति पत्रकारसे सञ्चालन करल मातृभाषा तथा अन्य भाषाके सञ्चारमाध्यमके बृत्ति विकासके लाग सरकारके ओरसे अभिनसम सहयोग प्राप्त नइहुइल ओरसे मातृभाषाके उत्थान ओ पत्रकारके क्षमता अभिबृद्धिके लाग आवश्यक बजेट व्यवस्था कैना संघीय, प्रदेश ओ स्थानीय सरकारसँग बैठक माग करले बा ।

नेपाली सञ्चारमाध्यम समानुपाति समावेशी सिद्धान्तके आधारमे सञ्चालन हुई नइसेकल अवस्था बा । सरकार तथा निजी स्तरसे सञ्चालित सञ्चारमाध्यमके सक्कु संरचनामे समानुपातिक समावेशी चित्र अइना करके जनशक्ति व्यवस्थापन कैना ओ समाचारके विषयवस्तमे समेत सक्कु समुदायके विविधताके तस्विर झल्कन करके समाचार सामग्री सम्प्रेषण तथा प्रकाशन कैना सरोकारवाला पक्षसँग यी बैठक माग करले बा ।

नेपालके संविधान २०७२ के धारा ४७ से संविधान जारी हुइल तीन वर्षभिटर सक्कु ऐन नियम निर्माण करसेक्ना संवैधानिक व्यवस्था करल हुइलेसेफे आठ वर्ष हुइलेसेफे आवश्यक ऐन नियम बने नइसेकल हो । ऐन अभावमे आदिवासी जनजातिके अधिकार सम्बोधन हुई नइसेकल हो । अतः ऐन नियम तत्काल निर्माण करके आदिवासीके संरक्षित क्षेत्र, विशेष क्षेत्र कार्यान्वयन कैना यी बैठक सरकारसंग माग करले बा ।

भाषा आयोगसे सरकारहे सिफारिस करल टमान भाषा नम्मा समयसे कार्यान्वयन हुई नइसेकल ओरसे संघीय, प्रदेश तथा स्थानीय सरकारहे उ सिफारिस तत्काल कार्यान्वयन कैना यी बैठक माग करले बा ।

सरकारी सञ्चार माध्यम गोरखापत्र, नेपाल टेलिभिजन, रेडियो नेपाल ओ राष्टिय समाचार समिति (रासस) मे मातृभाषाके पृष्ठ, बुलेटिन, समाचार तथा कार्यक्रम सञ्चार करले बा । उ स्वागत योग्य बा यिहे क्रममे रासससे पुस २२ गतेसे अवधि भाषामे समाचार बुलेटिन प्रकाशन सुरुवात करलमे यी बैठक धन्यवाद व्यक्त करले बा । अन्य निजीस्तरसे सञ्चालित सञ्चार माध्यमसे उहे अनुरुप समावेसी समाचार तथा कार्यक्रम प्रकाशन प्रशारण करे कना बैठक माग करठ ।

आदिवासी जनजातिहुकनके चाडपर्वमे नेपाल सरकारसे हालसम सार्वजनिक विदा डेना कन्जुस्याइ करटी आइल हम्रे अनुभूति करले बटी । आदिवासीके महत्वपूर्ण पर्वमे सार्वजनिक विदाके व्यवस्था कैना तीनु तहके सरकारसंग यी बैठक माग करले बा ।
आमसञ्चार माध्यमहे नियमन, व्यवस्थित कैना प्रदेश सरकारलगायतसे बनैटी रहल मिडिया काउन्सिल विधेयक निर्माण प्रक्रियाहे समानुपातिक समावेशी चरित्रके बनैना यी बैठक माग करले बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली ओ कञ्चनपुर जिल्लामे रहल पर्यटकीय ऐतिहासिक स्थल बेहराबाबा, घोरीघोरा, डुबरी ताल, कोइलहुवा ताल, जाखौर ताल, जोगिनिया ताल, इटाहा क्षेत्रलगायत स्थलके संरक्षण तथा प्रवद्र्धन कैना तीनु तहके सरकारसँग यी बैठक माग करले बा ।

आदिवासी जनजातिके मौलिक सीपसँग सम्बन्धित वस्तुकला, हस्तकला, गीतबास, ज्ञान तथा सस्कार एवं संस्कृतिके व्यवसायीकरण, स्थानीय उत्पादन (महुवा, कोदो, केरा, चामल, स्याउ आदि) पेय पदार्थके स्तरीकरणके लाग कानुनी मान्यता प्रदान कैना सरकारसंग यी बैठक माग करले बा ।

भादा गाउँके मौलिक संस्कार संस्कृतिके संरक्षण करटी आन्तरिक ओ बाह्य पर्यटन प्रवद्र्धन करेक लाग संघीय, प्रदेश तथा स्थानीय (तीनु) तहके सरकारसँग यी बैठक माग करले बा ।

पहिचानके आन्दोलनमे सामाचार संकलनके लाग स्थलगत रुपमे खट्ना करल आदिवासी जनजाति पत्रकारप्रति सुरक्षाकर्मी तथा प्रशासनसे अनावश्यक रुपमे धरपकड तथा दुःख डेटी रहलप्रति बैठक भत्र्सना करले बा । साथे पत्रकारके पेशागत तथा भौतिक सुरक्षाके सुनिश्तिचतता कैना सरकारसंग यी बैठक जोडदार माग करले बा ।

नेपाल आदिवासी जनजाति पत्रकार महासंघ (फोनिज) संघीय समितिके पूर्ण वैठक भव्यताक साथ सम्पन्न कैना महत्वपूर्ण भूमिका खेलुइया नेपाल आदिवासी जनजाति पत्रकार महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेश समिति, कैलाली ओ कञ्चनपुर जिल्ला समिति, सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकार, कैलाली जिल्लास्थित स्थानीय तह, थारु होमस्टे गाउँभादा, जिल्ला प्रहरी कार्यालय, आदिवासीजन्य अधिकारवादी संघ संस्थालगायत सहयोगी सक्कुहुनहे यी बैठक हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करले बा ।
यी अवधिमे फोनिजके साधारण सदस्य दिपेन्द्र दोङ, संघीय उपाध्यक्ष अमरध्वज लामाके बाबा बखतबहादुर लामा, कर्णाली प्रदेश अध्यक्ष प्रभासकुमार शाक्यके बाबा अग्रज पत्रकार जीवनकुमार शाक्य, काभ्रे शाखाके अध्यक्ष इन्द्रबहादुर थापाके डाई विमलामाया थापाके निधन हुइल बा । दिवंगत हुइलप्रति हार्दिक श्रद्धाञ्जली अर्पण करटी शोक सन्तप्त परिवारमे यी बैठक समवेदना प्रकट करले बा । साथे फोनिज पाँचथरके सल्लाहकार कविन्द्र शेर्मा घँेचाके क्यान्सरसे पीडित रहिके अस्पतालमे उपचाररत रहल ओरसे यी बैठक उहाँके शीघ्र स्वास्थ्य लाभके कामना करले बा ।

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