घोडाघोडी तालमे सुचक प्रजाती गणना कार्य सुरु

जमुना न्युरे
सुखड, २८ पुस । कैलालीके घोडाघोडी ताल क्षेत्रमे चरा गणना कार्य सुरु हुइल बा । चरा संरक्षण नेटवर्क कैलालीके आयोजनामे गणना कार्य सुरु करल हो । कैलाली जिल्लामे ढेर ताल तलैया रहलेसेफे चिरैनके लाग मजा वातावरण घोडाघोडी क्षेत्र रहल मानजाइठ ।
चरा संरक्षण नेटवर्क कैलाली विगत नम्मा समयसे घोडाघोडी ताल क्षेत्रमे चिरैनाके अध्ययन, अवलोकन, खोज, अनुसन्धान करटी आइल बा । उहे अनुरुप यी बारफे चरा गणना कार्य सुरु हुइल हो । घोडाघोडीमे सुचक प्रजाती गणना बर्षके २ चो कैना करजाइठ । हिउँद ओ गर्मी करके छ ÷छ महिनामे गणना करजाइठ ।
चरा संरक्षण नेटवर्क कैलाली, नेपाल पंक्षी संरक्षण संघ पहलमानपुर डिभिजन वन कार्यालयके प्रतिनिधि लगायत स्थानीय संरक्षणकर्मीसहितके टोली शनिच्चरसे यी वर्षके चरा गणनामे बा । चरा संरक्षण नेटवर्कके अध्यक्ष दयाराम चौधरी ओ नेपाल पन्क्षी संरक्षण संघके सहजकर्ता हिरुलाल डंगौराके नेतृत्वमे दुई ठो समूहमे विभाजन हुके चरा गणना हुइटी रहल बा ।
घोडाघोडी ताल क्षेत्रमे चिरै पहिले जटरा विल्गैना छोरल चरा संरक्षण नेटवर्कके अध्यक्ष दयाराम चौधरी बटैलै । उहाँ कहलै, “पहिले हजारौके संख्यामे चिरै हेरे पाजाए अब्बे संख्या घटटी गैल बा । घोडाघोडीमे अन्य ताल हुइलेसेफे घोडाघोडी ताल ओ नकरोड ताल चिरैनाके उचित वासस्थानके रुपमे रहल बा ।

मानव गतिविधि कम हुइना क्षेत्र नकरोडमे चिरैनके सख्या बह्रटी गैलेसेफे घोडाघोडी तालमे मानव गतिविधि बह्रटी रहल ओरसे ओ नकरोड तालमे चोरी सिकारी हुइना हुइना ओरसे चिरैनके सख्या घटटी गैल अध्यक्ष चौधरी बटैलै ।
आहाराके कमी ओ असुरक्षित वासस्थानके कारण चिरै लोप हुइटी गैल नेपाल पंक्षी संरक्षण संघके सहजकर्ता हिरुलाल डगौरा बटैलै । आहार खासेकलपाछे चिरैनहे आराम स्थल चाहठ डगौरा कहलै, वासस्थान असुरक्षित बन्टी गैलपाछे चिरैनके सख्याफे घटटी क्रममे बा ।

चिरै गणनामे पुगल डिभिजन वन कार्यलय पहलमानपुरके प्रमुख रामबिचारी ठाकुर घोडाघोडी क्षेत्रहे संरक्षण कैना आवश्यक रहल बटैलै । घोडाघोडी ताल नेपालके पहिल चिरै अभय आरण्य क्षेत्र घोषणा करल हो, मने अब्बे सम प्रदेश सरकारसे कौनो ध्यान नइडेहल ठाकुर बटैलै । डिभिजन वन कार्यलयके करटी करल पञ्चवर्षिय योजनामे संरक्षणके कार्यक्रम ल्यन्बी ।
सिमसार क्षेत्रम आश्रित रैथाने, आगन्तुक चिरैनके विवरण, अवस्था पत्ता लगाके संरक्षणमे स्थानीय समुदाय ओ सरोकारवाला निकायहे सहभागी बनाके चेतना अभिवृद्धि करके संरक्षणमे हातेमालो कैना हरेक वर्ष घोडाघोडी क्षेत्रमे सुचक प्रजाती हरिहास, मगरगोही ओ जंगली धान गणना कैना करजाइठ ।

नेपालमे केल पैना ाइने अधिकांश चिरैनके वासस्थान रहल घोडाघोडी ताल क्षेत्रमे संख्या घटटी गैलेसेफे नयाँ प्रजातिके चिरै थप्ना क्रमफे जारी बा । घोडाघोडीमे ३८० प्रजातिके चिरै पैना करल बटै । चिरैनके महत्वपूर्ण बासस्थल रहल ओरसे २७ फागुन २०७८ ममे घोडाघोडी क्षेत्रहे नेपालके पहिल बर्ड सेन्चुरी चिरै अभय आरण्य क्षेत्र घोषणा करल रहे ।
