सुदूरपश्चिममे ६७ हजारसे ढेर अपांगता रहल व्यक्ति
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २८ भदौ । सुदूरपश्चिममे ६७ हजार ८३२ जाने अपाङ्गता रहल व्यक्ति रहल बाटै । जनगणना २०६८ के अनुसार उक्त संख्यामे अपाङ्गताके व्यक्ति रहल तथ्यांक डेखाइल बा । उ मध्ये कैलाली जिल्लामे सबसे ढिउर १५ हजार ३७८ जाने रहल बाटै । जेम्ने ८ हजार १४३ पुरुष ओ ७ हजार २३५ महिला रहल बाटै ।
ओस्टके क्रमशः कञ्चनपुरमे ९ हजार ७२, अछाममे ८ हजार ६०२, बैतडीमे ७ हजार ७८८, डोटीमे ७ हजार ३०२, बाजुरामे ५ हजार ८९५, डडेल्धुरामे ५ हजार १५०, बझामे ४ हजार ९७६ ओ दार्चुलामे ३ हजार ३६९ जाने अपाङ्गता रहल व्यक्ति रहल बाटै ।
२०६८ जनगणना के अनुसार नेपालमे कुल जनसंख्याके १.९४ प्रतिशत अर्थात पाँच लाखके संख्यामे अपाङ्गता रहल व्यक्ति रहल बाटै । जौन मध्ये मनोसामाजिक अपाङ्गता रहल पुरुष १६ हजार ७८७ ओ महिला १४ हजार २१० सहित ३० हजार ९९७ जाने रहल बाटै । जौन कुल अपाङ्गताके ६ प्रतिशत हो ।
२०६८ जनगणना अनुसार नेपालके जनसंख्या २ करोड, ६६ लाख २० हजार ८०९ रहल बा ।
नेपालमे अट्रा ढिउर संख्यामे अपाङ्गता रहल व्यक्ति रहलेसे फेन उहाँहुक्रनके सवालहे मूल प्रवाहीकरण नैहुइ सेकल राष्ट्रिय अपाङ्गता महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेशके अध्यक्ष मानबहादुर साउद बटैलै । अध्यक्ष साउद अपाङ्गता रहल व्यक्तिहे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक वा अन्य कौनो फेन क्षेत्रमे सहभागिता कराइ पर्नामे जोड डेलै ।
इहे बिच सञ्चारमाध्यममे मनोसामाजिक अपाङ्गताके सवालहे मूलप्रवाहीकरण सम्बन्धी अन्तक्रिया हुइल बा ।
कार्यक्रममे नेपाल पत्रकार महासंघ सुदूरपश्चिमके अध्यक्ष योगेश रावल सञ्चार माध्यममे मनोसामाजिक अपाङ्गता रहल व्यक्तिहुक्रनके सवालहे प्राथामिकता डेना मिडियाकर्मीहुक्रनहे आग्रह करलै ।
‘अपाङ्गता रहल व्यक्तिहुक्रनके सवाल जौन हिसावसे मिडियामे आइ पर्नाहो, उ अनुसार आइल नैहो, पक्के फेन इ कार्यक्रम पश्चात अपाङ्गता रहल व्यक्तिहुक्रनके सवाल मिडियामे प्राथामिकता साथ आइ कना मोर विश्वास बा’, उहाँ कहलै ।
कार्यक्रममे अधिवक्ता जुहारीलाल चौधरी अपाङ्गता रहल व्यक्तिहुक्रनके अधिकार सम्बन्धि ऐन २०७४ बारे सहजीकरण करल करल रहिट ।
ओस्टके राष्ट्रिय मानसिक स्वास्थ्य स्वावलम्बन संगठन (कोशिश)के परियोजना अधिकृत खडकराम ओड परियोजना बारे जानकारी कराइल रहिट ।
राष्ट्रिय मानसिक स्वास्थ्य स्वावलम्बन संगठनके आयोजना तथा नेपाल पत्रकार महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेशके समन्वयमे कार्यक्रम हुइल रहे । कार्यक्रमहे सहयोग फेल्म नेपाल करल रहे ।

