सरकार काहे निरिह बनटाः मुक्तकमैया

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १८ बैशाख । कैलालीके टीकापुरसे सुरु हुइल मुक्त कमैया, कमलरी ओ बुक्रहीहुकनके पुनःस्र्थापनाके अधिकार यात्रा सोम्मारके रोग धनगढी पुगल बा ।
मुक्त कमैया समाजके नेतृत्वमे टमान माग धारके यहि २०८० बैशाख १४ गतेसे कैलालीके टीकापुर ओ कञ्चनपुरके भीमदत्तनगरसे एक्के साथ सुरु हुइल मुक्त कमैया, कमलरी ओ बुक्रहीहुकनके पुनःस्र्थापनाके लाग अधिकार यात्राके सोम्मारके धनगढी पुगल हो ।
पुनस्र्थापना लगायतके विषयमे सरकार गम्भीर नइबनल कहटी अधिकार यात्रा २०८० सहित मुक्तकमैया धनगढीमे भेला हुइल मुक्तकमैया समाजके केन्द्रीय अध्यक्ष पशुपति चौधरी बटैलै । पुनस्र्थापना लगायतके विषयमे सरकार गम्भीर नइबनल कहटी कैलाली ओ कञ्चनपुरके ३ हजार ढेर मुक्तकमैया दवाब स्वरुप धनगढीमे भेला हुइल उहाँ बटैलै ।
सरकारसे अपनेहुकनके मागप्रति बेवास्ता करल कहटी उहाँ आन्दोलित बनल बटैलै । समाजके केन्द्रीय अध्यक्ष चौधरीके अनुसार कैलाली ओ कञ्चनपुर जिल्लाके १५१ ठो शिविरसे ओइने धनगढी आइल रहिट जेम्ने कैलालीके १२५ ओ कञ्चनपुर जिल्लाके २६ ठो शिविर कमैया सहभागी रहिट ।
गेटा एयरपोर्टस्थित मुक्तकमैया शिविरसे धनगढी चौराहासम अधिकारके लाग साइकल यात्रा करल रहे । सोम्मार मुक्तकमैया समाजके प्रथम प्रदेश सम्मेलनफे उदघाटन करल बा । सरकारसे २०५७ साउन २ गते कमैया मुक्तिके घोषणा करल रहे । कलेसे २०७० असार १३ गते कमलरी मुक्तिको घोषणा करल रहे ।
मुक्तकमैया ओ कमलरीहुक्रनके न्यायिक पुनर्स्थापनाके लाग बनल कमैया श्रमिक पुनर्स्थापना कार्यविधि २०७९ नेपाल सरकार मन्त्री परिषदसे पारित कैके उ अनुसारके कार्य आघे बह्रैना दवाव डेना उद्देश्यसे यात्राके सुरुवाट कैगिल रहे ।
नेपाल सरकार भूमि व्यवस्था सहकारी तथा गरिबी निवारण मन्त्रालयसे गठन करल मुक्तकमैया कमलरी हलिया ओ हरवाचरवा वस्तु स्थिति अध्ययन समितिके प्रतिवेदनके आधारमे निर्माण करल कमैया श्रमिक पुनस्र्थापना कार्यविधि २०७९ हे नेपाल सरकार मन्त्री परिषदसे पास कैके उ कार्यविधि बमोजिम शीघ्रादिशीघ्र कार्य सुरु कैना ओ शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, सामाजिक सुरक्षा सहितके दीगो जीविकोपार्जनके सुनिश्चिततालगायतके माग रहल बा ।
कमैया मुक्ति घोषणा हुइल २२ औं बरस लागे बेरफे चार जिल्लामे अभिन २ हजार ३ सय ७५ जाने पुनस्र्थापनासे वञ्चित बटै । सरकार कमैयाहुकन २०५७ साल सावन २ गते मुक्ति घोषणा करेबेर उचित गाँस, बास, कपास, स्वास्थ्य, शिक्षा डेना कहिके मालिकहुकनके घरसे छुटाके अलग बैठाइल समाजके अध्यक्ष बटैलै ।
कमैया मुक्ति घोषणापाछे सरकार पाँच जिल्लाके लगत लेटी २७ हजार ५ सय ७० जनहनहे जग्गा डेना कहल रहे, मने अभिनसम २५ हजार १९५ जाने केल जग्गा पैलै । ढेर मुक्तकमैया अभिन जग्गाविहिन बटै, जिहीसे मुक्तकमैयाहुक्रे दिवसहे खुशीयालीके रुपमे मनाई छोरके हक अधिकारके लाग सडकमे उत्रे पर्ना अवस्था रहल उहाँ बटैलै ।
सबसे ढेर बर्दियामे १२ सय ४५ जाने मुक्तकमैया पुनस्र्थापनासे वञ्चित बटै कलेसे कैलालीमे ९ सय ५३ जाने, कञ्चनपुरमे १२९ जाने ओ दाङमे ४८ जाने पुनस्र्थापना हुइना बाँकी रहल अध्यक्ष बटैलै । पुनस्र्थापनाके नाउँमे जग्गा नैरहल ठाउँक लालपुर्जा, व्यक्तिके नम्बरी जग्गाके लालपुर्जा, लडिया, खोला रहल ठाउँमे टमान मुक्तकमैयाहुकन जग्गा डेगिल बा ।
ओसिन समस्या सट्टा भर्ना कैना संख्या ६ सय ६१ रहल बा । परिचय बदर हुइल संख्या १७३, जग्गा नइपाइल ४६३, परिचयपत्रसे वञ्चित १ हजार ७८ जाने करके कुल २ हजार ३ सय ७५ जाने पुनस्र्थापना हुइना बाँकी बटै । अब्बे मुक्तकमैया पुनस्र्थापनाके काम रुकल बा । पहिले संघीय सरकार, प्रदेश सरकार पुनस्र्थापनाके लाग बजेट विनियोजन करे अब्बे पुनस्र्थापनाके नाउँमे बजेट छुटयाई छोरले बा ।
ओस्टेक भूमि व्यवस्था, सरकारी तथा गरिबी निवारण मन्त्रालयके तथ्यांकअनुसार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ३ हजार ५०८ कमलरीके तथ्यांक संकलन करलमे १ हजार १५८ जाने परिचय पत्र पैले बटै । सुदूरपश्चिममे अभिन १ हजार ७३५ मुक्तकमलरी परिचयपत्र पैनासे छुटल मुक्त कम्लहरी विकास मञ्च जनैले बा ।
