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सुदूरपश्चिममे ३ सय ५२ जहनमे अटिजमके समस्या

पहुरा | २२ बैशाख २०८०, शुक्रबार
सुदूरपश्चिममे ३ सय ५२ जहनमे अटिजमके समस्या

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २२ बैशाख ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ३ सय ५२ जनहनमे अटिजमके समस्या डेखल बा ।

राष्ट्रिय अटिमज केयर सेन्टर सो सोसइटी नेपालसे यी प्रदेशके १५३ जाने पुरुष ओ १९९ जाने महिला कैके ३५२ जनहनमे अटिजम समस्या रहल जनागिल बा ।

शुकके रोज धनगढीममे हुइल राष्ट्रिय अटिजम केयर सेन्टर सोसाइटी नेपालके आयोजना सामाजिक विकास मन्त्रालय सामाजिक कार्यलय कैलाली ओ नेपाल पत्रकार महासघ जिल्ला शाखा कैलालीके समन्वयमे पत्रकारहुकनसँग अटिजम सचेतन छ्लफल अनतरक्रिया कार्यक्रममे सहजीकरण करटी सहजकर्ता डा. यज्ञराज पाण्डे उ तथ्याङक प्रस्तुत करल रहिट । यी समस्या बच्चा जल्मबेर स्नायूमे हुइना विकासके कमीसे हुइना उहाँ बटैलै ।

यकर लक्षण एक्केली बैठना स्ना रुचैना, विना कारण रुइना, चिल्लैना अथवा चिन्तित हुइना, शब्द तथा बोलल वाक्यंश दोहरैना, अपन उमेरक लर्कनसे खेले नइरुचैना, डर नइहुइना, खटरा निबुझना, छोटमे असान्दर्भिक हसाई अथवा रुवाई, आँखीमे आँखी जुझैना कठिनाई, घाउ, चोट तथा दुखाईप्रति बास्ता नइकैना, एक्केली बैठे रुचैना, सामान घुमाई रुचैना, बातावरणके सामानसंग अनौठो लगाव, बहुत चञ्चलपना अथवा निस्कृयपना, साधारण शिक्षण विधिसे नइसिख्ना, हरेक दिन एक्के ओस्टे काम करे रुचैना, परिवर्तन मन नइपरैना, कल्पना करके खेले नइसेक्ना वा असामन्य तथा दोहरयाके एक्के खेल खेल्ना, कबु कबु औरे छुवल तथा अंगालो दार मन नइपरैना, अपन आवश्यकताके सामान अंगरीसे नइडेखैना, अथवा भारी मनैनक हात पकरके डेखैना, शब्दके प्रयोग नइकैनालगायत रहल उहाँ जनैलै ।
यी समस्या रहल व्यक्ति कैलालीमे १५२, कञ्चनपुरमे ४५, अछाममे २९, डोटीमे २७, डडेल्धुरामे २०, बैतडीमे २९, दार्चुलाके ७, बझाङमे २५ ओ बाजुरामे १८ जाने रहल जनसंख्या मन्त्रालयके तथ्याङकमे रहल बा । अटिजमके समस्या बच्चा जलम लेहल ३ महिनासे ६ महिना भिटरे डेखा परजैना उपप्राध्यापक पाण्डे बटैलै । यकर उपचार शिक्षण ओ थेरापी पद्धतिसे न्यूनिकरण करे सेक्ना उहाँ बटैलै । कार्यक्रम नेपाल पत्रकार महासघ कैलाली अध्यक्ष हिमालय जोशीके अध्यक्षतामे हुइल रहे ।

कार्यक्रममे राष्ट्रिय अटिमज केयर सेन्टर सो सोसइटी नेपालके रमेश बस्तेत, अपाङगता अगुवा भीमबहादुर शाह, रामचन्द जोशी, अपाङताके क्षेत्रमे काम कैना संघसंस्थाके प्रतिनिधि, संचारकर्मीहुकनके उपस्थििति रहल रहे ।

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