थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २५ कार्तिक २६४९, सोम्मार ]
[ वि.सं २४ कार्तिक २०८२, सोमबार ]
[ 10 Nov 2025, Monday ]

चार प्रतिशत बालबालिका खोपसे वञ्चित

पहुरा | ११ फाल्गुन २०८०, शुक्रबार
चार प्रतिशत बालबालिका खोपसे वञ्चित

सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ५ लाख २३ हजार ८३९ जनहन खोप लगैना

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ११ फागुन ।
राष्ट्रिय खोप कार्यक्रम अन्तर्गत सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ५ लाख २३ हजार ८३९ जाने बालबालिकामे दादुरा–रुवेला खोप लगैना लक्ष्य लेहल बा ।

यिहे फागुन १३ गतेसे चैत ७ गतेसम संचालन हुइना खोप अभियानबारे सुदूरपश्चिम प्रदेश स्वास्थ्य निर्देशनालयसे विफेक रोज छलफल कार्यक्रमके आयोजना करके स्वास्थ्य निर्देशक डा. जगदीश जोशी उ जानकारी डेहल रहिट ।

राष्ट्रिय खोप कार्यक्रम अन्र्तगत सुदूरपश्चिम प्रदेशके सक्कु जिल्लामे नौ महिनासे ५ बरस टरे उमेर रहल २ लाख ९ हजार ७५५ जाने, ओ पाँच बरससे १५ बरस उमेर रहल ३ लाख १४ हजार ८४ जाने करके प्रदेश भर ५ लाख २३ हजार ८३९ जाने बालबालिकामे दादुरा–रुवेला खोप लगैना लक्ष्य लेहल उहाँ जनैलै ।

जेम्ने कैलालीमे दुनु उमेर समुहके २ लाख ४० हजार ७५८ जनहनहे, कञ्चनपुरमे १ लाख ६५ हजार ५३२, डडेल्धुरामे ११ हजार ८२३, डोटीमे १८ हजार २९५, बैतडीमे २१ हजार ३२४, दार्चुलामे १० हजार ४१०, बझाङमे १८ हजार ३७६, बाजुरामे १३ हजार ९४२, ओ अछाममे २३ हजार ३७९ बालबालिकामे खोप लगैना लक्ष्य रहल उहाँ जनैलै ।

अप्खीबार संचालन हुइना अभियानमे कोइ बच्चा नइछुटिट कहिके प्रभावकारी ढ्रंससे लैजिना योजना रहल ओ ओकर लाग खोप अनुमानित खोप सेसन संख्या ३३ सय ८२, खोप डेहुइया स्वास्थ्यकर्मी संख्या ६ हजार ७६४, स्वयं सेवक संख्या ८ हजार ३४० रहना जनागिल बा ।

दादुरा रुवेला खोप अभियान २०८० फागुन १३ से चैत ७ गतेसम स्वास्थ्य कार्यालय ओ स्थानीय तहसे सेकटसम एक्के चरणमे कार्यक्रम संचालन कैना बा । स्थानीय तहमे ९ दिनभिटर ओ जिल्ला तहमे सेकटसम १५ दिन भिटर खोप लगासेक्ना कहल बा ।

लक्षित जनसंख्या ढेर रहल, आवश्यकता अनुसार कोल्डचेन क्षमताके अभाव रहल, खोप डेना स्वास्थ्यकर्मी आवश्यकता अनुसार प्रयाप्त नइहुके एक चरणमे सम्भव नइहुइलेसे २ चरणमे कार्यक्रम संचालन कैना बा ।

खोप डेना स्वास्थ्यकर्मी ओ कोल्डचेनके व्यवस्था रहल स्थानीय तह–स्वास्थ्य संस्थासे एक्के दिनमे एक से ढेर केन्द्रमेफे खोप केन्द्र संचालन कैना बा । अभियान संचालनके चरण निर्धारण करेबेर नियमित खोपहे असर नइकैना करके योजना बनाई पर्ना बा ।

दादुरा–रुबेला उन्मूलनके लाग रणनीतिक योजनाः २०२०–२०२४ सम नियमित खोपमे दुई मात्रा तथा अभियान मार्फत खोप प्रदान करके सक्कु तहमे कम्तीमे ९५ प्रतिशत प्रगती प्राप्ती तथा निरन्तरता डेके उच्च कभरेजके अवस्था कायम रख्ना, समयमे हरेक दादुरा, रुबेला ओ सीआरएसके सर्भिलेन्स करके सिफारिस करल सुचांक हासिल कैना दादुरा, रुबेला तथा सीआरएस संवेदनशील खोजपडताल प्रणाली विकास ओ दिगोपना कायम कैना कहल बा ।

दादुरा–रुयेला परिक्षणके लाग प्रयोगशाला प्रणाली विकास करके निरन्तरता डेना, दादुरा–रुबेला महामारीके लाग पर्याप्त पूर्वतयारी तथा समयमे व्यवस्थापन÷सम्बोधन कैना, लक्ष्य प्राप्तीके लाग सहयोग ओ सम्बन्ध मजबुत बनैना बहस, पैरवी, सूचना संचार ओ सामाजिक परिचालनमे विशेष जोर डेना बा ।

स्वास्थ्य तथा जनसंख्या मन्त्रालयके सन २०२२ के तथ्याङक अनुसार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे १६ प्रतिशत बालबालिका पूर्ण खोपसे बञ्चित रहल ओ ४ प्रतिशत बालबालिका खोप नइपाइल उहाँ जनैले ।

सक्कु तहमे एकरूपता नइरहल, शून्य खोप तथा ड्रप आउटके संख्या बह्रटी जैना, सुक्ष्मयोजना अद्यावधिक ओ पूर्ण खोप दिगोपना कार्यक्रम प्रभावकारी नइहुइना, खोपसे बचाई सेक्ना रोगके प्रकोप देखा परटी रहना, खोप खेर जैना दर उच्च, सक्कु तहमे खोपके कोल्डचेन व्यवस्थापन ओ गुणस्तर प्रभावकारी नइहुइना, विनियोजित क्रियाकलापके प्रभावकारी योजना, संचालनमे कमि स्वास्थ्य सेवाके कार्यक्रममे स्थानीय सरकारके अपनत्व मे कमि साथे प्राथमिकता नइडेना खोप कार्यक्रमके चुनौती रहल निर्देशक जनैलै ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश जिल्ला भारतसे सीमाना जोरल कारण यहाँक मनै लर्का लेके रोजगारीमे गैलक कारण बालबालिका खोपसे बञ्चित हुइटी रहलफे निर्देशक जनैलै । स्वास्थ्य निर्देशक डा. जोशी कहलै, ‘खोप निशुल्क बा, सुरक्षित बा, जीवन रक्षा करठ टबमारे निर्धक्क होके खोप लगाई पर्ना जरुरी बा ।’

जनाअवजको टिप्पणीहरू