पहुरा समाचारदाताधनगढी, २७ भदौ । थारु समुदायसे आज (अँट्पारके रोज) बड्का अट्वारी पर्व मनैटी बटै । आगी ओ बर्किमारके प्रमुख पात्र भिवाहे पूजा करटी थारु समुदायहुक्रे आज अट्वारी पर्व मनाई लागल हुइट । कृष्ण जन्माष्टमी पाछेक दुसरा अट्वारके
पहुरा समाचारदाताधनगढी, १५ भदौ । थारु महिलाहुक्रे सामुहिक रुपमे सोम्मार ओ मंगरके अष्टिम्की मनैले बाटै । प्राचीन परम्परा अनुसार कन्हैयाके जीवनीचित्रमे पहिल दिन पूजा अर्चना ओ दुसर सकारे अपन पायक पर्ना लदयम अष्टिम्की विसर्जन करके
२०१५ मार्च ८, अन्तर्राष्ट्रिय नारी दिवसमे दाङसे सहभागिता हुइ पाटनके कृष्ण मन्दिर परिसरमे बिहन्ने आपुग्नु । नेपालके टमान जिल्लासे टमान जाति, धर्म, संस्कृति किल नैहुके कलाके टमान विधाके हम्रे सहत्तरी जाने व्यक्तिहुक्रे एक ठाउँमे
विषय प्रवेशः चाडपर्व (टरटिहुवार) मनैन्हे चौकस ओ चम्पन बनाइठ । हरेक जाति समुदायके अपन मौलिक तौरतरिकासे मन्ना टमान चाडपर्व रहठ । थारू एक अलग पहिचान डेना मेरिक अपन भाषा संस्कृति एवम् सामाजिक रीतिरिवाज रहल जात हो । थारू जात अन्य जातहुकन
पहुरा समाचारदातधनगढी, ७ भदौ । धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ५ जाँई गाउक ‘थारु देउथान’ के उद्घाटन सोम्मारके रोज भव्य कार्यक्रमके विच हुइल बा । उ देउथानके उदघाटन प्रतिनिधि सभा सदस्य तथा पूर्व वन तथा वातावरण मन्त्री माननीय नारादमुनी
काठमाडौं, २ भदौ । थारू भाषाके मानकीकरण कैना आयोजित चार दिने कार्यशाला गोष्ठी बुधके ओराइल बा । गोष्ठीसे १२ बुँदे निष्कर्ष निकरटी थारू मानक लेखन निर्देशिका तयार करले बा । भक्तपुरके बोडेस्थित कृषि विकास बैंक, तालिम केन्द्रमे सावन
संस्कृति हरेक समुदायके आपन मौलिक पहिचान हो । कौनो फेन जातिके जातीय पहिचान कला, संस्स्कृति ओ भाषासे जोडल रहठ् । थारु समुदायमे फेन अस्टे ढिउर संस्कृति रहल बावै । जौन अब्बे प्रायः लोप हुइना अवस्थामे बावै । कुछ रुपमे हुइलेसे फेन उ संस्कृति
पहुरा समाचारदाताधनगढी, २९ सावन । पश्चिमा थारु समुदायहुक्रे आज एकसंगे गुरही मनाइ लागल बटै । धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व बोकल गुरही टिहुवार आज थारु गाउँमे भव्यताके साथ मनैठै । दाङसे लेके पश्चिम कञ्चनपुरसमके थारु समुदायकसे मनैना
थारु कल्याणकारीणी सभा क्षेत्रीय कार्यालय दाङ देउखरके पहले बहुट लम्मा समयकबाड हालसाले थारु एडभान्सड डिक्सनरी अर्थात थारु वृहत शब्दकोष निकरलबा । जम्मा ५५७ पेज रलक यी शब्दकोषमे थारु शब्दके नेपाली ओ अंग्रेजीमे अर्थ लिखलबा । अस्टके