थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २१ सावन २६४९, मंगर ]
[ वि.सं २० श्रावण २०८२, मंगलवार ]
[ 05 Aug 2025, Tuesday ]

विचार

भोजहा लगन ओ सामाजिक मान्यता

भोजहा लगन ओ सामाजिक मान्यता

फागुन आइठ टो भोज सम्झबो । भोज कहटी कि लगनके बाट उठे लागठ । कोइ कहे लागठ, असौं लगन नाइ हो । कोइ कहे लागठ, लगन बा मने बरा कम डिन बा । फागुनके लग्गे बस अस्टे अस्टे बाट उठा करठ । पहिलेक चलन फरक रहे । फागुन अइटी कि थारु बस्ती चैनार । न लगन न सगन ।
ब्रिटिस सरकारहे रञ्जित चौधरी कैसिक पराजित करलैं ?

ब्रिटिस सरकारहे रञ्जित चौधरी कैसिक पराजित करलैं ?

अधिकांश पर्सागढीके बारे जन्ले हुइबी । मने नेपालके भूभाग ब्रिटिस सरकारसे कब्जा करना क्रममे नेपाली अंग्रेजहे पराजय करना टमान गढीमध्येके एक हो पर्सागढी । यिहिनहे और विस्तृतरुपमे कलेसे वि.सं. १८७१ मे नेपाल सरकार ओ भारतके तत्कालीन
जंग्रारके जाँगर ओ टिठमिठ सम्झना

जंग्रारके जाँगर ओ टिठमिठ सम्झना

बर्दिया, जोतपुरके जंग्रार मनै सोम जोगेठ्वा, जे भूलबस अपन नाउँक पाछे डेमनरौरा लिख मर्नै, हुँकहिनसे सँगे सुर्खेतमे एक बरस संगसंगे बिटैना समय जुरल । एक बरसमे महसुस हुइल कि मनै उ फुरेसे जंग्रारे बाटैं । जंग्रार हुइलेक ओरसे हुई हुँकार
थारू पत्रकार ओ भासिक पत्रकारिताके अभ्यास

थारू पत्रकार ओ भासिक पत्रकारिताके अभ्यास

ओंरवा लेहेबेर नेपाल भर थारु पत्रकार कठेक बटाँ ? महि लागठ, यकर ‘लेटेस्ट’ यकिन तथ्यांक थारु पत्रकार संघ नेपालके ठेन नै हुइस । थारु पत्रकारन्के यकिन संख्या ओ कौन थारु पत्रकार खास कैके अपन थारु मातृभासम पत्रकारिता करटि बटा ? थारु पत्रकार
रेडियो पत्रकारितक गोरपासु

रेडियो पत्रकारितक गोरपासु

आजसे १७ वर्ष पहिल रेडियो कार्यक्रमक लाग प्रश्न पुछबेर महि थाहा नि रह कि यि कार्यक्रम रेडियो प्याकेजि· हो कैक । मनै पहर्क जन्ठ कि ट पर्क कठ । रेडियो पत्रकारिता ना मै पह्रल रनहु ना मै बनैना ठाउँ डेख्ल रनहुँ । उ समयम रेडियो नेपाल काठमाडौं
लोकसेवाके पढाइमे खै थारु युवा ?

लोकसेवाके पढाइमे खै थारु युवा ?

राणाकालिन समयमे नेपालमे चाकडि ओ जि हजुरिके आढारमे कर्मचारि भर्ना कैना चलन रहे । यि प्रठाहे ओरवाके योग्यटाके आढारमे कर्मचारि छनौट कैना उड्डेस्यसे लोकसेवा आयोगके स्ठापना हुइलह । लोकसेवा आयोगके स्ठापनाके विकासक्रम सरकारके
मघौटा गिटसंगिटम समयचेट

मघौटा गिटसंगिटम समयचेट

संगिट सौन्डर्यसास्त्र एकठो डर्सनसास्त्र जो जुन संगिटम पाजैना कला, सुन्डरटा ओ स्वाडक बारेम वर्नन कर्ठा । पुरान जवानासे आझसम्म गिटसंगिट मनैन्हक भावना, बौड्ढिकटा, मनोविग्यान जसिन पच्छेह बोल्टि आइल बा । सभ्यटाक विकास सँगसँग आपन भावना
समानता, शिक्षा ओ रोटी

समानता, शिक्षा ओ रोटी

मनै मुअक ते जर्मलक नै हो, बेन जियक ते जर्मलक हो । प्याट केल पालक ते जिना त संकिर्ण व घिनलक्टीक विचार हो । ऐसिन घिन लक्टीक विचारह ठाउँ देलसे मनै उन्नतिम नाही वेन बजहन्ने परजाइ । जिना त एकथो कुकुर फे जियल रहथ । घिन लक्टीकसे घिन लक्टीक
नेपालके निजामति प्रशासन ओ थारु कर्मचारी

नेपालके निजामति प्रशासन ओ थारु कर्मचारी

वि.सं. १८२५ मे जब राजा पृथ्वीनारायण शाह काठमाडौँ उपट्यका जिटके नेपाल राज्यक स्ठापना कैलाँ, टबसे राज्य संचालनमे निजामति प्र्रशासनके भुमिका रलेसे फेन खास कैके वि.सं. २००७ सालमे जब राणान्के जहाँनिया पारिवारिक शासन ओराइल टब राज्य संचालनमे

थारु हो, पाछे हट

रामसागर चौधरी थारु समुदायके बारेमे कुछ खिट्कोरु कि कहिके लेख लिखल हो । थारु वंश कोचिला हो । कुल थारु ओ थाक खाँ हो कलेसे उप थाकमे कुहे खाँ, फकिर खाँ, करणीमाझी खाँ हो । थारु समुदाय अपनहे थारु कुलके कठैं । थारुहे जात टे शासकहुक्रे ठोपर