ओंरी डराइ कैलाली कंचनपुर जिल्लामा मात्र बसोबास भएको एक मात्र समुदाय हो कठरिया थारु समुदाय । इ समुदायके अपन छुट्टे संस्कृति, भेसभुसा, खानपान, रीतिरिवाज, चालचलन बा । अपन परम्परा, गीतबाँस, चाडपर्व बा । यहाँ इ अभिलेखमे कैलालीमे रहल कठरिया
संघीय गणतन्त्र नेपालके जल्दाबल्दा सवालके इतिहासके मेर मेरके कालखण्डके अवशेष अध्ययन कर्ना बेला बखतमे न्यायपूर्ण आन्दोलन हुइल डेखजाइट् । जट्रा न्यायपूर्ण आन्दोलन हुइलेसेफे, उ सक्कु आन्दोलनहे निष्कर्ष विहिन शासकहुकरे बनाइल
स्थानीयतहके निर्वाचन घरदैलोमे आसेकल । गाउँगाउँ, टोलटोलमे प्रचारप्रसार व्यापक बा । बर्दिया जिल्लामे रहल रेडियो गुर्बाबा एफएम उम्मेदवारसँग मतदाता रेडियो बहस कार्यक्रम सञ्चालन करटि बा । भर्खर जिल्लाके आठु पालिकामे सम्पन्न करलेसेकल
चिन्हाँपर्चि नेपालके सबसे पस्छिँउ पर्ना जिल्ला हो कंचनपुर । ओहे कंचनपुर जिल्लाके सबसे पुरुबमे पर्ना नगरपालिका हो कृष्णपुर नगरपलिका जहाँ कैलालीके सिमानासे जोरल बा । हाँ ओहे कृष्णपुर नगरपालिकाके वडा नम्बर ६ भिट्टर पर्ना गाउँ
सुरुवाट कैलाली और कंचनपुर जिल्लामे किल्लो बसोबास भव एक मात्र जाती हए रानाथारु । जिनके अपन छुट्टे संस्कृति, भेसभुसा, खानपान, रीतिरिवाज, चालचलन, परम्परा, गीतबाँस, और टरटिहुवार हए । यहाँ जा अभिलेखमे कैलाली और कंचनपुरसे प्रकाशित रानाथारु
गैलक बरसके सुर्खेतम हुइलक पँचवा थारु साहित्य सम्मेलनम वरिष्ठ साहित्यकार महेश बिक्रम शाह कल रलह कि “साहित्य लिख्नौटीम न ओ¥वा रहठ न त अन्त । ओहमार आपन विचारह प्रस्तुत करक लाग शब्द खेलाइ परठ । भाषक माध्यमसे हम्र सरल लिरौसी भाषाम रसरस
परिचय कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ८ मे पर्ना गाउँ हो डख्खिन टेंर्ही गाउँ । इ गाउँ पहिलेक् बसौटी गाउँ विकास समिति वडा नम्बर ७ मे परे । उत्तरओर लोहरपुर गाउँ, कटैनी लडिया, डख्खिनओर लक्कर गाउँ, पुरुबओर प्रतापुर गाउँ,
कोभिड–१९ पहिले चीनके वुहान प्रान्त १९ डिसेम्बरमे आइल रहे । कोभिड–१९ के नामाकरण २०२० जनवरी ३० मे घोषणा करल रहे । कोभिड–१९ के नेपालमे पहिल संक्रमित २०७६ माघ ९ गते देखा परल रहे । ओस्टेक, कोभिड–१९ हे विश्वव्यापी महामारीके रूपमे
ओंरी डराइः विश्वमे सबसे ज्यादा बुझ्ना भाषा कलक चित्र हो । चित्र हेरके नैपर्हल मनैयाँ फेन कहे सेकि ओ बुझे सेकि कि इ–इ चिज हो कहिके । हरेक मनैंनमे कुछ ना कुछ कला, सीप ओ ज्ञान डेके पठैले रठैं भगवान । हमार समाजमे फेन कुछ असिन कला रहल मनैं