थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०२ कुँवार २६४९, बिफे ]
[ वि.सं २ आश्विन २०८२, बिहीबार ]
[ 18 Sep 2025, Thursday ]

विचार

कठरिया थारु भासा साहित्यः एक चर्चा

कठरिया थारु भासा साहित्यः एक चर्चा

ओंरी डराइ कैलाली कंचनपुर जिल्लामा मात्र बसोबास भएको एक मात्र समुदाय हो कठरिया थारु समुदाय । इ समुदायके अपन छुट्टे संस्कृति, भेसभुसा, खानपान, रीतिरिवाज, चालचलन बा । अपन परम्परा, गीतबाँस, चाडपर्व बा । यहाँ इ अभिलेखमे कैलालीमे रहल कठरिया
राजनीतिक दल ओइनहे मोर प्रश्न

राजनीतिक दल ओइनहे मोर प्रश्न

संघीय गणतन्त्र नेपालके जल्दाबल्दा सवालके इतिहासके मेर मेरके कालखण्डके अवशेष अध्ययन कर्ना बेला बखतमे न्यायपूर्ण आन्दोलन हुइल डेखजाइट् । जट्रा न्यायपूर्ण आन्दोलन हुइलेसेफे, उ सक्कु आन्दोलनहे निष्कर्ष विहिन शासकहुकरे बनाइल
स्थानीय लोकतन्त्रके सवलताः मतदातासँग उम्मेदवार

स्थानीय लोकतन्त्रके सवलताः मतदातासँग उम्मेदवार

स्थानीयतहके निर्वाचन घरदैलोमे आसेकल । गाउँगाउँ, टोलटोलमे प्रचारप्रसार व्यापक बा । बर्दिया जिल्लामे रहल रेडियो गुर्बाबा एफएम उम्मेदवारसँग मतदाता रेडियो बहस कार्यक्रम सञ्चालन करटि बा । भर्खर जिल्लाके आठु पालिकामे सम्पन्न करलेसेकल
‘टुटल झोंपरी’ भिट्टर कमैयनके पिरा

‘टुटल झोंपरी’ भिट्टर कमैयनके पिरा

२०७० सालके अगहन महिनम् कञ्चनपुरके अशोक चौधरीक् ‘मनके आवाज’ गजल संग्रहके लाग भूमिका लिखके एक अँठ्वार फेन हुइल नैरहे । ओहे बेला धनगढी कैलालीक् भैया रामचरण चौधरी ‘अजराइल’ अपन गजल संग्रहके लाग भूमिका अपन गजलके पाण्डुलिपि हाँठेम्
बन्जरिया गाउँ : एक परिचय

बन्जरिया गाउँ : एक परिचय

चिन्हाँपर्चि नेपालके सबसे पस्छिँउ पर्ना जिल्ला हो कंचनपुर । ओहे कंचनपुर जिल्लाके सबसे पुरुबमे पर्ना नगरपालिका हो कृष्णपुर नगरपलिका जहाँ कैलालीके सिमानासे जोरल बा । हाँ ओहे कृष्णपुर नगरपालिकाके वडा नम्बर ६ भिट्टर पर्ना गाउँ
रानाथारु भासा साहित्यके इतिहासः एक अध्ययन

रानाथारु भासा साहित्यके इतिहासः एक अध्ययन

सुरुवाट कैलाली और कंचनपुर जिल्लामे किल्लो बसोबास भव एक मात्र जाती हए रानाथारु । जिनके अपन छुट्टे संस्कृति, भेसभुसा, खानपान, रीतिरिवाज, चालचलन, परम्परा, गीतबाँस, और टरटिहुवार हए । यहाँ जा अभिलेखमे कैलाली और कंचनपुरसे प्रकाशित रानाथारु
साहित्य सम्मेलनके लाग पहुरा

साहित्य सम्मेलनके लाग पहुरा

गैलक बरसके सुर्खेतम हुइलक पँचवा थारु साहित्य सम्मेलनम वरिष्ठ साहित्यकार महेश बिक्रम शाह कल रलह कि “साहित्य लिख्नौटीम न ओ¥वा रहठ न त अन्त । ओहमार आपन विचारह प्रस्तुत करक लाग शब्द खेलाइ परठ । भाषक माध्यमसे हम्र सरल लिरौसी भाषाम रसरस
मोर गाउँ मोर पहिचान

मोर गाउँ मोर पहिचान

परिचय कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ८ मे पर्ना गाउँ हो डख्खिन टेंर्ही गाउँ । इ गाउँ पहिलेक् बसौटी गाउँ विकास समिति वडा नम्बर ७ मे परे । उत्तरओर लोहरपुर गाउँ, कटैनी लडिया, डख्खिनओर लक्कर गाउँ, पुरुबओर प्रतापुर गाउँ,
कोभिड–१९ से शिक्षामे परल प्रभाव

कोभिड–१९ से शिक्षामे परल प्रभाव

कोभिड–१९ पहिले चीनके वुहान प्रान्त १९ डिसेम्बरमे आइल रहे । कोभिड–१९ के नामाकरण २०२० जनवरी ३० मे घोषणा करल रहे । कोभिड–१९ के नेपालमे पहिल संक्रमित २०७६ माघ ९ गते देखा परल रहे । ओस्टेक, कोभिड–१९ हे विश्वव्यापी महामारीके रूपमे
चित्रकारितामे ठँरियनके छलांग

चित्रकारितामे ठँरियनके छलांग

ओंरी डराइः विश्वमे सबसे ज्यादा बुझ्ना भाषा कलक चित्र हो । चित्र हेरके नैपर्हल मनैयाँ फेन कहे सेकि ओ बुझे सेकि कि इ–इ चिज हो कहिके । हरेक मनैंनमे कुछ ना कुछ कला, सीप ओ ज्ञान डेके पठैले रठैं भगवान । हमार समाजमे फेन कुछ असिन कला रहल मनैं