थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १६ सावन २६४९, बिफे ]
[ वि.सं १५ श्रावण २०८२, बिहीबार ]
[ 31 Jul 2025, Thursday ]

विचार

गुरिया, गुडिया (गुह्य) नाग पञ्चमी

गुरिया, गुडिया (गुह्य) नाग पञ्चमी

‘गुह्य’ शब्द संस्कृत भाषाके शब्द हो । यकर अर्थ नेपालीमे गोपिनियता, आन्तरिक या भित्रि भाग कना अर्थ बुझजाइठ । थारु संस्कारमे भाषाके अपभ्रम्स हुके गुह्य शब्दहे गुरिया कना प्रचलन डेखाइठ । (गुह्य) श्रीमद्देवि भागवत महापुराण आधारमे १००८
बच्चन्के टिहुवार ‘गुरही’

बच्चन्के टिहुवार ‘गुरही’

भूमिकाः संस्कृटि हरेक समुडायके आपन मौलिक पहिचान हो । पहिचान, कौनो फेन जाटके आपन कला, संस्कृटि ओ भासासे जोडल रहठ् । थारू समुडायमे फेन अस्टे ढेर संस्कृटि रहल बा । जौन अब्बे ढेउरहस् लोप हुइना अवस्ठामे बा । बँचल कुछ संस्कृटि बाह्य संस्कृटिके
प्रकृति पूजा  ‘गुरही’

प्रकृति पूजा ‘गुरही’

भूमिका संस्कृति हरेक समुदायके अपन मौलिक पहिचान हो । कौनोफे जातिके जातीय पहिचान कला, संस्कृति ओ भाषासंग जोरल रहठ । थारू समुदायमे फे यैसिन ढेर संस्कृति रहल बाटै । जौन अब्बे प्रायः लोप हुइना अवस्थामे बाटै । समय, काल ओ ऋतु अनुसार
मोर गाउँ ओ गुरही

मोर गाउँ ओ गुरही

मोर गाउँ छोट बा,ओ यी छोट ठाउँ हो जहाँ टमान फरक जाति ओ धर्म मन्ना मनै बैठ्टै । पहिले मोर गाउँहे ‘तुलसीपुर’ कहिके चिन्हजाए, आब भर मोर गाउँहे ‘थेवै’ कहिजाइठ । यी घोडाघोडी नगरपालिका वठा नम्बर १० पहलमानपुर कैलालीमे अवस्थित बा । यी धनगढी
थारु भासा बहसके भौगर १

थारु भासा बहसके भौगर १

यि अठ्वार थारु भासा बहसके भउगर खिटकोर जइटि बा । सर्वहारी काजे जठाभावि थारु भासा बेल्सल कना कहाइ जोर पक्रल ओरसे कुछ कहना मनासिव सम्झटुँ । सरकारि निकाय आदिवासी जनजाति उत्थान राष्ट्रिय प्रतिष्ठानके आयोजनामे २०७३ साउन १ से ३ गटेसम
थारु भाषिक शुद्धतामा प्रश्न (?)

थारु भाषिक शुद्धतामा प्रश्न (?)

२०६८ सालको राष्ट्रिय जनगणनाअनुसार नेपालको कूल जनसंख्या २ करोड ६४ लाख ९४ हजार ५०४ छ । जसमध्ये थारूको जनसंख्या १७ लाख ३७ हजार ४७० छ । भाषागतरूपमा थारू भाषीहरुको संख्या १५ लाख २९ हजार ८७५ मात्र छ । नेपालमा थारूहरू चुरे र तराई तथा भित्री

पहुरा दैनिकके १८ बरसके यात्रा

कहठै एक ठो टेलुवा लगैना भारी बाट नाइहो उहीहे बह्रा पौह्राके जवान कैना बहुट मिहिनेत, समय ओ खर्च लागठ जत्र लगाईबेर मिहिनेत नइलागठ । ओस्टे आज एक ठो पत्रिकाके प्रकाशन सुुरु जेफे करे सेकठ मने उहीहे निरन्तरटा डेना भारी बाट हो । थारु
मुक्त कमैया थारु, परम्परागत पेशा ओ प्रभाव

मुक्त कमैया थारु, परम्परागत पेशा ओ प्रभाव

कमैया प्रथा पश्चिम नेपालके दाङ से कञ्चनपुर सम फैलल दास प्रथा जस्ते हो । कमैया विशेष कैके घरके काम ओ खेतीपाती कामके लाग रख जाए । कमैया बैठ वेर मुक्त कमैया थारुनके अवस्था एकदमै नाजुक रहे । घर खर्च, गास वास कपास सबकुछ जमिन्दार ओ मालिकके
कोरोना कहरमे गरीबी

कोरोना कहरमे गरीबी

कोरोना भाइरस (कोभिड–१९) कहाँसे उत्पन्न हुके दुनियाँ भर कैसिक फैलता कना आझकलके जन्ना सुन्ना थोरचेफे विवेक हुईल लर्का पुर्खन सकहुन पटै हुईल बात हो । कोरोनाके राक्षसीरूपी प्रकोपसे आझके समयसम दुनियाँ भरमे करिब दश लाख मनैनके अकालमे
थारू मन्टरके दस्तावेज

थारू मन्टरके दस्तावेज

                ‘थारू गुर्वाः परम्परागत उपचार प्रणाली’ नाउँके किताब हालसाले आदिवासी जनजाति उत्थान राष्ट्रिय प्रतिष्ठान प्रकाशन कर्ले बा ।  कृष्णराज सर्वहारी गुरुवन्के विविध पक्षके अनुसन्धान कैके अनुसन्धानमे