थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २३ बैशाख २६४८, अत्वार ]
[ वि.सं २३ बैशाख २०८१, आईतवार ]
[ 05 May 2024, Sunday ]

विचार

थारून्के मरुवा ओ पहिचानके खाेजी

थारून्के मरुवा ओ पहिचानके खाेजी

सुरेश चौधरी विषय प्रवेश हर साल जेठ असार महिना सुरु हुइलागे टे हमार आजा घरक सक्कु लर्कन बाज ओ लसुन गु‘ठके घेंचामे माला घलाडेहे । महीन सम्झना बा, मै ६ कक्षा पह्रटसम (वि.स.२०५१ सालटक) मोरीक घेंचामे बाज ओ लसुनके माला परल रहे । उ समयमे थारू
आस्था, विश्वास ओ अन्धविश्वास

आस्था, विश्वास ओ अन्धविश्वास

सुशील चौधरीमनै सामाजिक प्राणी हुइटै कना कहाई आम रुपमे स्थापित विचार हो । मनै साँस्कृतिक प्राणी हो कना सवालमे ओत्रा ढेर हेक्का रहल नाइ विल्गाइठ । मनै साँस्कृतिक रहल ओरसे सामाजिक रहठै कहेबेर झन जटिलता ठपजाई । मने, वास्तवमे मनै जन्मना
अनिकालमे बिया, महामारीमे ज्यान बचाई

अनिकालमे बिया, महामारीमे ज्यान बचाई

हम्रे अनलाइनमे हाजिर बाटी विश्वभर महामारीके रूपमे फैल्टी रहल कोरोना भाइरस (कोभिड–१९) के कारण पहुरा थारु दैनिकके प्रिन्ट संस्करण गैल चैत्र १२ गतेसे पाठक सामु पुगे नाइसेकल हो । कोरोना भाइरसके संक्रमणसे बाँचेक लाग प्रायः सक्कु देशमे

चंगा झै उड्ने छोरीको बालापन

लखन चौधरी(परिवेश ः धनगढी उपमहानगरपालिका–७ देवहरिया, थारु वस्ती) चैत ६ गते, २ कक्षाको २ विषयको परीक्षा नसकिँदै छोरी ओजस्वी थारु ‘ओजु’को स्कूलमा अनिश्चितकालीन बिदा भयो । घर नजिकैको जखौर तालरपटेला जाने चोकमा स्कूल बस रोक्छ । झर्ने