थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २२ बैशाख २६४८, शनिच्चर ]
[ वि.सं २२ बैशाख २०८१, शनिबार ]
[ 04 May 2024, Saturday ]

दस्तावेज

बच्चन्के टिहुवार ‘गुरही’

बच्चन्के टिहुवार ‘गुरही’

भूमिकाः संस्कृटि हरेक समुडायके आपन मौलिक पहिचान हो । पहिचान, कौनो फेन जाटके आपन कला, संस्कृटि ओ भासासे जोडल रहठ् । थारू समुडायमे फेन अस्टे ढेर संस्कृटि रहल बा । जौन अब्बे ढेउरहस् लोप हुइना अवस्ठामे बा । बँचल कुछ संस्कृटि बाह्य संस्कृटिके
प्रकृति पूजा  ‘गुरही’

प्रकृति पूजा ‘गुरही’

भूमिका संस्कृति हरेक समुदायके अपन मौलिक पहिचान हो । कौनोफे जातिके जातीय पहिचान कला, संस्कृति ओ भाषासंग जोरल रहठ । थारू समुदायमे फे यैसिन ढेर संस्कृति रहल बाटै । जौन अब्बे प्रायः लोप हुइना अवस्थामे बाटै । समय, काल ओ ऋतु अनुसार
मोर गाउँ ओ गुरही

मोर गाउँ ओ गुरही

मोर गाउँ छोट बा,ओ यी छोट ठाउँ हो जहाँ टमान फरक जाति ओ धर्म मन्ना मनै बैठ्टै । पहिले मोर गाउँहे ‘तुलसीपुर’ कहिके चिन्हजाए, आब भर मोर गाउँहे ‘थेवै’ कहिजाइठ । यी घोडाघोडी नगरपालिका वठा नम्बर १० पहलमानपुर कैलालीमे अवस्थित बा । यी धनगढी
डाडुभैयनके लम्मा आयुके लाग तिजके निर्जल ब्रत

डाडुभैयनके लम्मा आयुके लाग तिजके निर्जल ब्रत

पहुरा समाचारदाता धनगढी,८ सावन । डाडुभैयनके लम्मा आयुके लाग रानाथारु समुदायके दिदीबहिनीयाहुक्रे निर्जल ब्रत रख्टी तिज पर्व मनैले बाटै । सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली ओ कञ्चनपुरमे बसोबास रहल रानाथारु समुदायके महिलाहुक्रे विफेक
थारु भासा बहसके भौगर १

थारु भासा बहसके भौगर १

यि अठ्वार थारु भासा बहसके भउगर खिटकोर जइटि बा । सर्वहारी काजे जठाभावि थारु भासा बेल्सल कना कहाइ जोर पक्रल ओरसे कुछ कहना मनासिव सम्झटुँ । सरकारि निकाय आदिवासी जनजाति उत्थान राष्ट्रिय प्रतिष्ठानके आयोजनामे २०७३ साउन १ से ३ गटेसम
सामाजिक दूरी कायम कैके गुरही टिहुवार मनैना सखी सञ्जालके अनुरोध

सामाजिक दूरी कायम कैके गुरही टिहुवार मनैना सखी सञ्जालके अनुरोध

पहुरा समाचारदाता धनगढी, ७ सावन । सामाजिक दूरी कायम कैके यी बरस गुरही टिहुवार मनैना सखी सञ्जाल कैलाली सक्कु जनहनहे अनुरोध करले बा । विश्वभर महामारीके रुपमे फैलल् कोरोना भाइरस (कोभिड–१९) को भयाभह अवस्थाहे मध्यनजर करटी सञ्जालसे यी
धानबालीके किरा भगाइक लाग हरेरी पूजा

धानबालीके किरा भगाइक लाग हरेरी पूजा

प्रबिन बौखही हसुलिया, ४ सावन । कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ के लावा गाउँ बैजपुरमे सामुहिक हरेरी पूजा कैगिल बा । खेतीपाती सेकलपाछे लगाइल धानबालीमे किराकाँटी नालागिट, धानबाली सपरे ओ गाउँघरसे रोगदोख भागे कहटी हरेक बरस जस्टे यी सालफे
मुक्ति दिवस समझके रोइलै

मुक्ति दिवस समझके रोइलै

लखन चौधरी धनगढी, ४ सावन । पश्चिम नेपालस्थित टमान वस्तीके मुक्तकमैयाहुक्रे आ–आपन ढंगसे सावन २ गते २० औं कमैया मुक्ति दिवस मनैलै । आर्थिक हैसियत अनुसार खानपान कर्लै । राहरंगी कर्लै । मने, मुक्तकमैया आन्दोलनके प्रमुख पात्रके परिचित
थारु भाषिक शुद्धतामा प्रश्न (?)

थारु भाषिक शुद्धतामा प्रश्न (?)

२०६८ सालको राष्ट्रिय जनगणनाअनुसार नेपालको कूल जनसंख्या २ करोड ६४ लाख ९४ हजार ५०४ छ । जसमध्ये थारूको जनसंख्या १७ लाख ३७ हजार ४७० छ । भाषागतरूपमा थारू भाषीहरुको संख्या १५ लाख २९ हजार ८७५ मात्र छ । नेपालमा थारूहरू चुरे र तराई तथा भित्री
पुनर्स्थापना कर्नै बाँकी, सरकार कहट– काम होसेकल

पुनर्स्थापना कर्नै बाँकी, सरकार कहट– काम होसेकल

लखन चौधरीधनगढी, २ सावन । कमैया मुक्ति घोषणा हुइल आज २० बरस पूरा हुइल बा । मने पुनर्स्थापनाके काम पूरा नैहुइटी सरकारी संयन्त्र निक्रिय हुइलपाछे समस्या सिर्जना हुइल बा । पश्चिम तराईके दाङ, बाँके, बर्दिया, कैलाली ओ कञ्चनपुर जिल्लास्थित