थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ बैशाख २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं १४ बैशाख २०८२, आईतवार ]
[ 27 Apr 2025, Sunday ]

साहित्य

सरकार टु काहाँ बाटो ?

सरकार टु काहाँ बाटो ?

हम्र यहाँ भुख पियासल बाटीहमारठे खैना गाँस निहो,लगैना कपास निहो,गाउँघर सहर बजारके कोन्वा कोन्वामजिना सासट होस्याकलसरकार टु काहाँ बाटो ? जब जब चुनााब आइट तटु हर गाउँक समस्या बुझ्ठो,हर सहरके कोन्वा कोन्वाम जाखन हमार पीडा बुझ्ठो,कञ्चन
बट्कोहीः तिनपट्या

बट्कोहीः तिनपट्या

गाँउक गल्लिक् माझम रलक गेह्रान (हमार पुरान) घरेरीम तिनपट्यक रुख्वा कुलमुलाइल पट्या लेक ठिंगं ठहर्याइल बा, महिहन गिज्यैटी । मै गल्लीक पुरुव पाँजर रलक उल्टाहन घरक अंगनम पैरक बेर्रीम बैठ्के हेर्टी बटु तिनपट्याह । एक्क घचीम उल्टाहन
जीतवाहन

जीतवाहन

‘लो री पवनहरीह काथा सुने बैठह, यापन दुधपुत लेले ।’ — धनुबाण डेखैटी, कुछ कटी तीन पटकचो जग्गेके फन्का लगैलै गाउँक् सम्हनीया (कटुवाल) । अनेक अनेक सामग्रीले सजल रहे जग्गे । पीप्परक कन्टाहे गाडके पीप्परक रुखवक् परिकल्पना करल रहे ।
असम्पादित कविता

असम्पादित कविता

मलाई गद्दार भन्दै मेरो लालसलाम अचेल भगवानको जन्मभूमि खोजिरहेछ, उसका मार्क्सवादी यज्ञमा समाजवाद र साम्यवाद होम भइरहेछ, अद्भूत अवतारको प्रतीक्षामा प्रभुको लीलामय लालसामा केही थान बजरंगीहरु लाल भजन गाइरहेछन् तर भाव कालोकालो आइरहेछ
जाँर पिअ बलिबो–केल झट्ट अइठो

जाँर पिअ बलिबो–केल झट्ट अइठो

टुहिननिमन्नाहाँ कहुँ कलसेजाँर पिअमाखुर पिअमढ्रि काह्रजन्नि उह्रारघोङ्घि काह्रमुस्वा क्वारगुस्कि बि–नढर्ह्या लगाएहारा काह्रआनक मकैमक खिरा च्वा–रबलिबो– ट झट्ट अइठोकहाँ ?काजे ?कसिक ?कै–ख निपुस्ठोकौनो बहाना निबनैठोडिउटिम खटल
डाइ ! मैं बुक्कि लेके आगइलुँ

डाइ ! मैं बुक्कि लेके आगइलुँ

फुलमटिया ५ बरसके हुइल् । उ गाउँक स्कुलिम पर्हठ् । आझ फेन ओकर स्कुल जैना जुन हुगइलिस् । स्कुल जैना जुन ओकर डाइ, सुग्घरके सँप्रा डेठिस् । आझ फेन मुँरि चोंचके झुल्वा, फराक फेन घलाडेलिस् । उ जोगनियाँ हस बिल्गाइ लागल् । ओसिक टे
थारु भासा बहसके भौगर – २

थारु भासा बहसके भौगर – २

डा.कृष्णराज सर्वहारी आज्कल गणेश वर्तमान सामाजिक सन्जाल फेसबुकमे थारु भासम् सब्से घनके रचना पोस्ट कर्ठा । कविटाबाहेक अपन मनके आउर फेन बाट उहाँ पोस्ट कर्टि रठाँ । सावन १२ गटे उहाँ थारु भासक् एकरुपटक सवालमे ढ्यार बहस काजे ? सिर्सकमे

मुना चौधरीके ‘लार’ कथा प्रथम

काठमाडौं, ९ असार । बाह्रखरी बुक्सके राष्ट्रव्यापी खुला आधुनिक कथा प्रतियोगिता–२०७७ मे मुना चौधरीके कथा ‘लार’ प्रथम हुइल बा । कथामे प्रथम हुइल लहान सिराहाके कथाकार चौधरी एक लाख नगद पुरस्कार, सिल्ड ओ प्रमाणपत्र प्राप्त करले बाटी ।

लकडाउनसे जुुझटी निक्रल थारु भासाके बाल पोस्टा

काठमाडौं, १९ जेठ । कोरोना महामारीके कारण लकडाउनके अवस्थामे पोस्टा वा पुस्तक सार्वजनिक लगायतके औपचारिक कार्यक्रम सम्भव नैहुइना हुइलपाछे आयोजकहुक्रे अनलाइन भर्सनसे सार्वजनिक तथा लोकार्पण कार्यक्रम करे लागल बाटै । यहेबीच गैल शनिच्चरके

थारु भासा साहिट्य ओ पुस्टा हस्टान्टरन

डा. कृष्णराज सर्वहारी लकडाउन अर्ठाट बन्डाबन्डिके समयमे मनैन् डिन बिटैना कर्रा पर्टि बटिन् । ओहोर किसान अपन कामेम् डँटल बटाँ । लकडाउनमे डिन कसिक बिटाइक चाहि मेहनटके पुजारि किसानलोगन्से सिखक चाहि । यि अलग बाट हो कि ओइनके टिनाटावन