थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १८ असार २६४९, बुध ]
[ वि.सं १८ असार २०८२, बुधबार ]
[ 02 Jul 2025, Wednesday ]

दस्तावेज

भाषाह प्रविधिसे जोर्ना जरुरी होगैल

भाषाह प्रविधिसे जोर्ना जरुरी होगैल

अप्न कौनो बाट मनैनसे हुकनक बुझ्ना भाषाम बट्वइबि कलसे अप्नक बाट हुकनक दिमाकम लग्हिन्, ओह बाट ओइन्क भाषाम बट्वइबि कलसे उ बाट ओइन्क मोटुम छुहिन् । यि कहाई दख्खिन अफ्रिकाह स्वतन्त्र ओ रंगभेदसे मुक्ति करुइया नेलसन मन्डेलाक हुइटिन ।
डशिया सुरु, थारुहुक्रे आज जेउँरा ढर्ना

डशिया सुरु, थारुहुक्रे आज जेउँरा ढर्ना

पहुरा समाचारदाताधनगढी, २ कार्तिक । हिन्दु परम्परा अनुसार डुटिया (जोन्ह्य) हेरलक दिन जेउँरा ढर्ना चलन रहल बा, मने थारु समुदायसे भर आज सकारे (डुटिया हेरलक डुसर दिन) जेउरा ढरटी रहल बाटै । थारुहुक्रे भर परम्परासे डुटिया हेरलक दुसर दिन
का थारु अशुद्ध उच्चारण करना जात हो ?

का थारु अशुद्ध उच्चारण करना जात हो ?

कथ्य थारु भाषा लेख्य रुपमे आइ लागल ढेर हुइल नैहो । हजारौँ थारु श्लोक मुखाग्र गइना लोकगायकसे अपने जानल लोककाव्य अभिन फेन अप्नही नैलिख्जाइठ । लोकभाषाप्रति पहिल अन्याय यहैंसे शुरु हुइठ । ओइनके उच्चारण करल वर्णविन्यासहे हम्रे
भाषिक मानकताक बखेरीक बौछार

भाषिक मानकताक बखेरीक बौछार

भाषा मानव समुदायक कथ्य ओ लेख्य अभिव्यक्तिक प्रतिमूर्ति हो । भाषा बोली वा वाणी हो, बोलीक् लाग आवाज, स्वर चाहठ कलसे, लिखक् लाग अर्थात लेख्य अभ्यासकलाग लिपि, ओ वर्ण चाहठ । लिपिक साहराले वर्ण बनठ, वर्णक साहराले शब्द (हिज्जे) बनठ । हिज्जेके
जाँर डारु बनाई डेउ: सर्वोच्च

जाँर डारु बनाई डेउ: सर्वोच्च

पहुरा समाचारदाताधनगढी, १३ कुवाँर । सर्वोच्च अदालतके हालेके एक फैसालासे घरैया जाँर लगैना, डारु बैठैना कामहे वैधता डेले बा । अदालतके न्यायधिश हरिकृष्ण कार्की ओ बमबहादुर श्रेष्ठके संयुक्त इजलाससे करल फैसालाके सरजे (पुरा) भागमे उ मेरके
विश्व सूचीकृत पोषाक लेहंगाक् कारोबारमे प्रविधि

विश्व सूचीकृत पोषाक लेहंगाक् कारोबारमे प्रविधि

लखन चौधरीधनगढी, ११ कुवाँर । आजकाल जौ फेन पेशाकर्मी, व्यवसायीहुकनके ढेब्रेम् झुुलल बाट रहठिन, ‘लकडाउन बर्बाद बनाडेहल । कारोबारे ठप्प होगिल । चौपट होगिल ।’ मने हमार समाजमे असिन व्यवसाय फेन बा, जौ सदावहार चल्टी बा । बरु, कोरोना महामारी
केआई सिंहके विर्तावाल ‘गुलयारी’ : किसान पैलै, गोलिक् निसानी

केआई सिंहके विर्तावाल ‘गुलयारी’ : किसान पैलै, गोलिक् निसानी

लखन चौधरीरामपुर (कैलाली), ८ कुवाँर । गुलयारी फँटुवा । मानववस्तीसे डुर, चारुओर गाझिन बनुवासे घेरल । बर्खामे धान ओ हेवट (हिउँद)मे गोहु, मसरीलगायत बालीसे छोपल । हरियर ओ शान्त बिल्गाइठ । मने गुलयारीक् शान्त स्वरुपभिट्टर कान ढारके ओनैलेसे
थारु महिलाः हस्तकलामे सिपार

थारु महिलाः हस्तकलामे सिपार

उन्नती चौधरीधनगढी, ३० भदौं । खेतीपातीके काम सेकल ओ कोरोना संक्रमण महामारी रोकथामके लाग लागू करल लकबन्दी÷निषेधाज्ञासे घरेम बैठे परल बेला थारु महिलाहुक्रे हरचाली अर्थात् फुर्सदके काम करटी हस्तकलाके सामान बनैटी रहल बटै । बठौनी
अनत्तर (अनन्त) ब्रत

अनत्तर (अनन्त) ब्रत

ढेर इतिहासकार ओ बिद्वानहुकनमे थारुबारे विबाद विल्गाइल बा । कतिपयसे थारुहुकनहे किराँत मानल बाटै कलेसे कोई द्रविड मूलके मन्ले बौ । कोई टे किराँत, कोई टे द्रविड कहलेसेफे ढेर इतिहासकार ओ विद्वानहुक्रे थारुहुकनहे अनार्य रहल बटैठै
‘अग्रासनके पोका संगे कोरोना नजाए’

‘अग्रासनके पोका संगे कोरोना नजाए’

पहुरा समाचारदाताधनगढी, ७ भदौ । ‘यी साल अग्रासन डेहे आई नैसकब । भुुलचुक गुना माफ करहो ।’ थारु कल्याणकारिणी सभा (थाकस) कैलालीके उपसभापति माधव थारु आपन डिडी ओ बहिनियाहे फोनमार्फत सन्देश पठैलै । कैलालीके गोदवारी नगरपालिका ८ फकलपुर घर