थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०१ पुष २६४९, मंगर ]
[ वि.सं १ पुष २०८२, मंगलवार ]
[ 16 Dec 2025, Tuesday ]

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कानून कार्यान्वयन फितलो हुके बलात्कारके घटना बह्रल

कानून कार्यान्वयन फितलो हुके बलात्कारके घटना बह्रल

पहुरा समाचारदाताधनगढी, २२ कुवाँर । कानून कार्यान्वयन फितलो हुके बलात्कारके घटनामे बृद्धि हुइल एक कार्यक्रमके सहभागीहुक्रे बटैले बाटै । महिला पुनःस्थापना केन्द्र (ओरेक) कैलाली यिहे अक्टुबर २ से डिसेम्बर १० सम करे लागल लैगिङक
४ ठो टुव्वर लर्कनहे राहत

४ ठो टुव्वर लर्कनहे राहत

पहुरा समाचारदाताधनगढी, २२ कुवाँर । वैदेशिक रोजगारीमे जाके ओहै मुवल कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका–२२ गौरीकटानके ४६ बरसके गीताकुमारी पार्कीके ४ बच्चन्हे राहत वितरण करगिल बा । डाई बाबा डुनु जाने बिटलपाछे बेघर ओ सहाराविहिन हुइल
थारु बोली जट्टिक उसिट लागठ, का ?

थारु बोली जट्टिक उसिट लागठ, का ?

जब जबआँङ ढिकठ, जिभ स्वाद नैपाइलागठ, टब लिरौसीसे अन्सार लगाइ सेक्जाइठ कि जिउ चुम्मर नैहो, जीउक भिट्रि पुर्जम कुछ ना कुछ गरबर बा । जिउह पैल्हक जस्टह चुम्मर बनाइक लाग या ट गुर्वा बैडावाक घर आँछट पाटि डेखाइ जाइक परल या ट डक्टार । आज
का थारु अशुद्ध उच्चारण करना जात हो ?

का थारु अशुद्ध उच्चारण करना जात हो ?

कथ्य थारु भाषा लेख्य रुपमे आइ लागल ढेर हुइल नैहो । हजारौँ थारु श्लोक मुखाग्र गइना लोकगायकसे अपने जानल लोककाव्य अभिन फेन अप्नही नैलिख्जाइठ । लोकभाषाप्रति पहिल अन्याय यहैंसे शुरु हुइठ । ओइनके उच्चारण करल वर्णविन्यासहे हम्रे
बटैं पालनमे जम्टी अकेला

बटैं पालनमे जम्टी अकेला

सागर कुश्मीबर्दिया, २१ कुवाँर । हरेक साहित्यिक कार्यक्रममे अपन गजल सुनाके थरुहटके पहिचान खोज्ना ठँरिया कुछ बरससे यहोंर टीनाटावन खेटी करटी आइल अझकल बटैंयाँ पालन करे भिरल बटैं । गेरुवा गाउँपालिका–६, लौरंगा बर्दियाके ३० बर्षिय ठँरिया
हानीकारक परम्परा विरुद्धके यी पौला

हानीकारक परम्परा विरुद्धके यी पौला

उन्नती चौधरीधनगढी,२० कुवाँर । सामाजिक अभियन्ता बासुदेवी कुछ दिन आघे कैलाली अदालतके एक कर्मचारीसंग चर्काे बोली बोल्टी रहल अवस्थामे भेटली । उहाँ प्रश्न रहे, ‘यैसिन मुद्दामेफे मिलापत्र कहाँ करे मिली ? गरिबके छाई उप्पर जा फे कहाँ मिली
थारू लोकगीत संकलनमे जुटल थारु आयोग

थारू लोकगीत संकलनमे जुटल थारु आयोग

पहुरा समाचारदाताधनगढी, १९ कुवाँर । थारु आयोगसे मातृभाषाके लोक गीत संकलन करना हुइल बा । आयोग ओकर लाग प्रस्ताव पेस करना संकलनकर्ताहे आव्हान करले बा । गिल ५ असोजमे सूचना प्रकाशन करटी हालसम प्रकाशित नैहुइल थारु मातृभाषाके लोक गीत
डसियाक् मोहसे ढिउर प्यारा भोक

डसियाक् मोहसे ढिउर प्यारा भोक

पहुरा समाचारदाताधनगढी, १९ कुवाँर । डसिया सुरु हुइना जम्मा १२ दिन बाँकी बा । विगतके बरस यि समय डसियाक् माहोल बहुट चौकस रहे । सीमा नाका होके लाहुरेहुक्रे गुन्टि गुन्टा बोकके लम्मी लागके आइठ । मने समय ओ परिस्थिति ठीक उल्टा होगिल बा ।
अर्सीक घाना

अर्सीक घाना

मधु ओ सन्तुक जोरी डेखके मनै आजकाल्ह लल्चठैं । डाई–बाबा, एक छावा, एक छाई ओ अपने थर्वा ओ मेहरवा, जम्मा ६ जनहनके परिवार । एक जनहनके कानुमे छावा ओ एक जनहनके कानुमे छाई, खेलौनाहस् लोभलग्टिक लर्का । उ डगरा नेगेबेर मनै, ‘ऐया डाई, अतरा सुग्घुर
हौसलपुरमे विजली बरल

हौसलपुरमे विजली बरल

पहुरा समाचारदाताहसुलिया, १८ कुवाँर । सुगम जिल्ला कैलालीके दुर्गम मन्ना हौसलपुर गाउँमे अँटवारसे बिजली बरल बा । प्रदेश सरकार, कैलारी गाउँपालिका ओ नेपाल विद्युत प्राधिकरणके संयुक्त लगानीमे उ गाउँमे विद्युत पुगाइल हो । प्रदेश सभा